केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में पूरी तरह से कृषि क्षेत्र पर केंद्रित 9 नए मिशनों की घोषणा की है।
नए मिशनों के बारे में
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना
यह कार्यक्रम आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है, जिसे राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जाएगा।
कवरेज: यह योजना कम उत्पादकता, फसलों की मध्यम तीव्रता एवं औसत से कम क्रेडिट मापदंडों वाले 100 जिलों को कवर करेगी।
वित्तपोषण: कार्यक्रम को मौजूदा योजनाओं एवं विशेष उपायों के अभिसरण के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा, जिससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
उद्देश्य: कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण अपनाना, पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण में सुधार करना, सिंचाई सुविधाओं को उन्नत बनाना तथा अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक ऋण प्रदान करना।
दलहन में आत्मनिर्भरता मिशन
बजट: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ छह वर्षीय मिशन है।
फोकस: यह योजना तुअर (अरहर), उड़द (काला चना), एवं मसूर (लाल मसूर) में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने पर केंद्रित है।
कार्यान्वयन एजेंसियाँ: राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) एवं राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ जैसी केंद्रीय सहकारी एजेंसियाँ अगले चार वर्षों में उन किसानों से इन दलहन की खरीद करेंगी, जो इन एजेंसियों के साथ पंजीकरण करते हैं।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना
किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) के माध्यम से किसानों का समर्थन करते हुए मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्द्धन एवं विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बिहार में एक मखाना (फॉक्सनट) बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
इस बोर्ड को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
कार्य: बोर्ड मखाना किसानों को प्रशिक्षण एवं सहायता प्रदान करेगा, जिन्हें किसान उत्पादक संगठनों (FPO) में संगठित किया जाएगा एवं यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को प्रासंगिक सरकारी योजनाओं तक पहुँच प्राप्त हो सके।
संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS)
संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
MISS योजना: कृषि एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों में लगे किसान 9 प्रतिशत की बेंचमार्क दर पर 3 लाख रुपये तक किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋण प्राप्त कर सकते हैं (बेंचमार्क दर पर 2 प्रतिशत ब्याज छूट प्रदान की जाती है)।
शीघ्र एवं समय पर पुनर्भुगतान करने पर अतिरिक्त 3 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी।
ग्रामीण समृद्धि एवं लचीलापन कार्यक्रम
यह पहल राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू की जाएगी एवं इसका उद्देश्य कौशल तथा प्रौद्योगिकी में निवेश के माध्यम से कृषि में अल्परोजगार को संबोधित करना है।
चरण-I: 100 विकासशील कृषि-जिलों को कवर किया जाएगा।
फोकस: इसका फोकस ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत एवं छोटे किसानों तथा भूमिहीन परिवारों पर होगा।
फंडिंग: वैश्विक एवं सर्वोत्तम घरेलू प्रथाओं को शामिल किया जाएगा तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों से उचित तकनीकी एवं वित्तीय सहायता माँगी जाएगी।
उद्देश्य: लक्ष्य प्रवासन को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर उत्पन्न करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनः मजबूत करना है।
सब्जियों एवं फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम
इसे किसानों के लिए उत्पादन, कुशल आपूर्ति, प्रसंस्करण एवं लाभकारी कीमतों को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में लॉन्च किया जाएगा।
इस मिशन को वर्ष 2025-26 के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
कपास उत्पादकता के लिए मिशन
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ मिशन की अवधि पाँच वर्ष है।
फोकस: यह योजना अतिरिक्त-लंबे रेशेदार कपास की किस्मों को बढ़ावा देते हुए कपास की कृषि की उत्पादकता एवं स्थिरता में सुधार लाने पर केंद्रित है।
यह योजना भारत के पारंपरिक टेक्सटाइल क्षेत्र को फिर से जीवंत करने के लिए टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए एकीकृत 5F विजन के साथ संरेखित है।
अधिक उपज देने वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन
यह मिशन जुलाई 2024 से जारी 100 से अधिक उच्च उपज देने वाली, कीट प्रतिरोधी एवं जलवायु-लचीली बीज किस्मों की व्यावसायिक उपलब्धता, विकास तथा प्रसार को लक्षित करेगा।
इसे वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
मत्स्यपालन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) को वर्ष 2025-26 के लिए 64 प्रतिशत की पर्याप्त बजटीय वृद्धि प्राप्त हुई।
PMMSY के तहत, सरकार अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह पर विशेष ध्यान देने के साथ, भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र एवं उच्च समुद्री क्षेत्र से मत्स्यपालन के सतत दोहन के लिए एक सक्षम ढाँचा प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
असम में यूरिया संयंत्र: यूरिया की आपूर्ति को और बढ़ाने एवं आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए नामरूप, असम में 1.27 मिलियन टन की वार्षिक क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
जीन बैंक
भविष्य की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के लिए आनुवंशिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए, सरकार एक दूसरा जीन बैंक स्थापित करेगी, जिसमें 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनें होंगी।
बजट वर्ष 2025-2026 में कृषि क्षेत्र
बजट में कृषि क्षेत्र को भारत के विकास का पहला इंजन की संज्ञा दी गई है।
सकल घरेलू उत्पाद में योगदान: भारत में कृषि क्षेत्र 5% (वर्ष 2017 से वर्ष 2023) की वार्षिक वृद्धि के साथ देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 18.2% का योगदान देता है।
बजट 2025-2026: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए 1.37 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को 1.27 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग को 10,466 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
प्रतिशत में कमी: कृषि बजट में कुल आवंटन में 2.75 प्रतिशत की कमी देखी गई, वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान (RE) में 1.41 लाख करोड़ रुपये से 1.37 लाख करोड़ रुपये हो गई।
संबद्ध क्षेत्र: संबद्ध क्षेत्रों यानी मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी में आवंटन में 37 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,544 करोड़ रुपये की वृद्धि देखी गई।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को 56 प्रतिशत की वृद्धि मिली एवं यह 4,364 करोड़ रुपये हो गया।
कृषि योजनाएँ
PM-किसान योजना के लिए 63,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 60,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वर्ष 2025-26 में 12,242.27 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो वित्तीय वर्ष वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान में 15,864 करोड़ रुपये से कम है।
Latest Comments