100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए AI-संचालित सामुदायिक स्क्रीनिंग

Lokesh Pal December 19, 2025 02:26 27 0

संदर्भ

हाल ही में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (AFMS) ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के सहयोग से डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए भारत का पहला कृत्रिम बुद्धिमत्ता–आधारित सामुदायिक स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया है।

  • सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (AFMS) सशस्त्र बलों के भीतर एक त्रि-सेवा इकाई का प्रतिनिधित्व करती है, जो सशस्त्र बलों के कर्मियों, उनके आश्रितों, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है।

डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए AI-आधारित सामुदायिक स्क्रीनिंग के बारे में

  • पथप्रदर्शक तकनीक: कार्यक्रम मधुनेत्रAI (MadhuNetrAI), जो AIIMS द्वारा विकसित एक वेब-आधारित AI टूल है, का उपयोग करता है, जो हैंडहेल्ड फंडस कैमरे से लिए गए रेटिना चित्रों की स्वचालित स्क्रीनिंग, ग्रेडिंग और ट्रायेजिंग करता है।
  • उद्देश्य: डायबिटिक रेटिनोपैथी की शीघ्र पहचान और रेफरल सुनिश्चित करना, वास्तविक-समय राष्ट्रीय रोग गोपनीय प्रणाली स्थापित करना तथा सामुदायिक स्तर पर बड़े पैमाने पर स्क्रीनिंग द्वारा दृष्टि-हानि को रोकना।
  • मुख्य विशेषताएँ
    • हैंडहेल्ड फंडस कैमरों के माध्यम से AI-सक्षम स्क्रीनिंग।
    • कार्य-स्थानांतरण (Task-Shifting): प्रशिक्षित मेडिकल ऑफिसर, नर्स और स्वास्थ्य सहायक स्क्रीनिंग करेंगे।
    • रोग-प्रचलन और भौगोलिक वितरण पर आधारित वास्तविक-समय स्वास्थ्य जानकारी
    • जिला अस्पतालों और विट्रियो-रेटिना विशेषज्ञों से रेफरल लिंक
    • शहरी, ग्रामीण, तटीय, पर्वतीय और दूरदराज क्षेत्रों में पायलट कार्यक्रम।
  • महत्त्व
    • शीघ्र पहचान और समय पर रेफरल सक्षम कर टाली जा सकने वाली दृष्टि हानि की घटनाओं में कमी।
    • प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य प्रणालियों को सुदृढ़ करता है।
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक और सहायक उपयोग का उदाहरण।
    • गैर-संचारी रोग (NCD) की स्क्रीनिंग के लिए एक विस्तार योग्य राष्ट्रीय मॉडल निर्मित करता है।
    • भारत में 65 मिलियन से अधिक मधुमेह रोगियों में लगभग 90% को रेटिना परीक्षण उपलब्ध नहीं है। AI “डोरस्टेप डायग्नोस्टिक सर्विसेज” उपलब्ध कराकर विशेषज्ञों की कमी को पूरा करता है।

डायबेटिक रेटिनोपैथी (DR) के बारे में:

  • परिभाषा: डायबेटिक रेटिनोपैथी (DR) एक मधुमेह-संबंधी रेटिना रोग है, जो आँख की पीछे स्थित प्रकाश-संवेदी परत (रेटिना) की छोटी रक्त वाहिकाओं को हुए नुकसान के कारण होता है।
    • लगातार उच्च रक्त शर्करा से रक्त वाहिकाओं में रिसाव, सूजन, अवरोध, या असामान्य नई रक्त वाहिकाओं का विकास होता है, जिससे धीरे-धीरे दृष्टि प्रभावित होती है।
  • प्रगतिशील प्रकृति: DR शुरुआती चरणों में प्रायः बिना लक्षणों वाला होता है; न दर्द होता है, न कोई स्पष्ट चेतावनी संकेत।
    • दृष्टि ह्रास धीरे-धीरे और बिना दर्द के होता है, जिससे निदान में देरी होती है और प्रायः नुकसान अपरिवर्तनीय हो जाता है। इसी कारण शुरुआती स्क्रीनिंग अत्यंत आवश्यक है।
  • भारत का सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ: भारत “विश्व की मधुमेह राजधानी” है, जहाँ लगभग 10.1 करोड़ मधुमेह से ग्रस्त और 13.6 करोड़ प्री-डायबेटिक लोग हैं।
    • DR का प्रसार लगभग 12.5% है और लगभग 4% (करीब 40 लाख लोग) दृष्टि के लिए हानिकारक डायबेटिक रेटिनोपैथी (VTDR) से प्रभावित हैं।

  • कम जागरूकता और स्क्रीनिंग की कमी: मधुमेह से ग्रसित लगभग 85% व्यक्ति यह नहीं जानते कि मधुमेह आँखों की दृष्टि को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए वे नियमित रेटिना परीक्षण नहीं कराते।
    • फलस्वरूप, VTDR के केवल कुछ ही मामलों को समय पर उपचार मिल पाता है।
  • मानवीय और आर्थिक लागत: DR कामकाजी आयु के वयस्कों में अंधत्व का प्रमुख कारण है, जिससे जीवन-गुणवत्ता, कार्यक्षमता और आत्मनिर्भरता गंभीर रूप से घटती है।
    • भारत में मधुमेह-जनित दृष्टि हानि के कारण प्रत्येक वर्ष लगभग 28.6 लाख क्वालिटी-एडजस्टेड लाइफ इयर्स (QALYs) खो जाते हैं, और उत्पादकता में लगभग ₹50,000 करोड़ का वार्षिक नुकसान होता है।
  • स्वास्थ्य प्रणाली की सीमाएँ: बढ़े हुए रोग-भार के बावजूद भारत में लगभग 1,900 प्रशिक्षित रेटिना विशेषज्ञ हैं, जिससे सार्वभौमिक विशेषज्ञ-आधारित स्क्रीनिंग करना व्यावहारिक नहीं है।
    • यह तकनीक-आधारित, समुदाय-स्तरीय स्क्रीनिंग समाधानों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
  • निवारण-योग्य लेकिन उपेक्षित रोग: DR दृष्टि हानि के सबसे अधिक रोके जा सकने वाले कारणों में से एक है।
    • वार्षिक रेटिना स्क्रीनिंग, रक्त शर्करा-नियंत्रण, रक्तचाप और लिपिड नियंत्रण, प्रारंभिक रेफरल और समय पर उपचार से अधिकांश मामलों में गंभीर दृष्टि हानि को रोका जा सकता है।
  • AI-आधारित स्क्रीनिंग की प्रासंगिकता: उच्च मधुमेह प्रसार, कम जागरूकता, विशेषज्ञों की कमी और रोग की बिना लक्षण वाली प्रगति, ये सभी कारक DR को कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित सामुदायिक स्क्रीनिंग मॉडलों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाते हैं, जिससे बड़े पैमाने पर शुरुआती पहचान संभव हो पाती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.