100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

विकसित भारत के लिए AI: त्वरित आर्थिक विकास का रोडमैप

Lokesh Pal September 18, 2025 02:41 106 0

संदर्भ

नीति आयोग ने अपने फ्रंटियर टेक हब के अंतर्गत दो परिवर्तनकारी पहलों, ‘विकसित भारत रोडमैप के लिए AI’ और ‘फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी’ का शुभारंभ किया।

संबंधित तथ्य

  • ‘विकसित भारत रोडमैप के लिए AI’ एक स्पष्ट, क्षेत्र-विशिष्ट कार्य योजना प्रस्तुत करता है, जबकि ‘फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी’ राज्यों और जिलों को वास्तविक वर्ष में प्रभाव सृजन हेतु प्रौद्योगिकी का विस्तार करने के लिए प्रेरित करती है।
  • नीति आयोग ने प्रौद्योगिकी को जमीनी स्तर पर अपनाने और प्रभाव सृजन को बढ़ाने के लिए दो पहलों की भी घोषणा की: फ्रंटियर 50 पहल और राज्यों के लिए नीति फ्रंटियर टेक इंपैक्ट पुरस्कार।

फ्रंटियर टेक रिपॉजिटरी

  1. फ्रंटियर 50 पहल, जिसके तहत नीति आयोग 50 आकांक्षी जिलों/ब्लॉकों (Aspirational Districts / Blocks- ADP/ADB) को रिपॉजिटरी से उपयोग के मामले का चयन करने और उन अग्रणी प्रौद्योगिकियों को लागू करने में सहायता करेगा, जिनमें ADP/ABP विषयों में सेवाओं के वितरण में तेजी लाने की क्षमता है।
  2. राज्यों के लिए नीति फ्रंटियर टेक इंपैक्ट अवार्ड्स, शासन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका आदि में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में उत्कृष्टता दर्शाने वाले तीन राज्यों को मान्यता प्रदान करते हैं और उन्हें मापनीय, परिवर्तनकारी परिणाम प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते हैं।

नीति आयोग की ‘विकसित भारत रोडमैप के लिए AI’ पहल के बारे में

  • फोकस: AI एकीकरण के माध्यम से उत्पादकता और नवाचार को बढ़ावा देकर 8% से अधिक की निरंतर GDP वृद्धि हासिल करना।
  • उद्देश्य: GDP वृद्धि के अंतर को पाटना, वैश्विक AI मूल्य का 10-15% प्राप्त करना और भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक AI ने नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करना।
  • दृष्टिकोण: दो प्राथमिक उत्प्रेरक:
    1. उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के लिए उद्योगों में AI को अपनाने में तीव्रता लाना।
    2. उत्पादक AI के साथ अनुसंधान एवं विकास में परिवर्तन लाना, जिससे नवाचार में तेजी से वृद्धि हो सके।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ

  • प्रमुख आर्थिक अवसर: नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, उद्योगों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को तेजी से अपनाने से कार्यबल में उत्पादकता और दक्षता में वृद्धि के कारण वर्ष 2035 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 500-600 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान प्राप्त हो सकता है।
    • विभिन्न क्षेत्रों में AI को अपनाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में 17-26 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान होने की उम्मीद है।
    • AI-संचालित अनुसंधान एवं विकास वर्ष 2035 तक सकल घरेलू उत्पाद में 280-475 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वृद्धिशील प्रभाव पैदा कर सकता है।
    • सरकार के विकसित भारत विजन के तहत, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 8.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ सकता है, जो वर्तमान विकास व्यय से 1.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अधिक है।
  • प्रमुख डेटा लाभ: भारत AI कोष का विस्तार करके और जीनोमिक्स, विनिर्माण टेलीमेट्री, वित्त और मोबिलिटी में प्रमाणित, अंतर-संचालनीय, डेटासेट का निर्माण कर विश्व की डेटा राजधानी बन सकता है।
  • प्रमुख कौशल पारिस्थितिकी तंत्र: शीर्ष विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रमाणन कार्यक्रमों और एक AI मुक्त विश्वविद्यालय में AI प्रेसीडेंसी की स्थापना करके भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण किया जा सकता है।
    • ये निरंतर पुनः कौशलीकरण और वहनीय शिक्षण रोजगारों का सृजन कर सकते हैं एवं आजीवन रोजगार सुनिश्चित कर सकते हैं।
  • क्षेत्र-विशिष्ट लाभ: बैंकिंग, विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोटिव AI-आधारित परिवर्तन के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में उभरे हैं।

भारत के लिए AI संबंधी अवसर: तीन प्रमुख कारक

  1. विभिन्न उद्योगों में AI अपनाने में तेजी: इससे अपेक्षित वृद्धि दर का 30-35% पूरा होने का अनुमान है।
    • वित्तीय सेवाएँ: अनुपालन, धोखाधड़ी का पता लगाने और पर्सनल बैंकिंग के लिए AI।
    • विनिर्माण: स्मार्ट-फैक्टरी कॉरिडोर, पूर्वानुमानित प्रबंधन और AI आधारित औद्योगिक पार्क।
  2. जनरेटिव AI के साथ अनुसंधान एवं विकास में परिवर्तन: इस दोहन क्षमता से आवश्यक उत्पादन क्षमता में कम-से-कम 20-30% योगदान मिलने की उम्मीद है।
    • दवा खोज की लागत में 20-30% की कटौती की जा सकती है, समय-सीमा 60-80% तक कम हो सकती है।
    • सॉफ्टवेयर-सहायता प्राप्त वाहन (Software-Assisted Vehicles – SAV) और AI द्वारा डिजाइन किए गए घटक भारत को उन्नत ऑटोमोटिव नवाचार का वैश्विक केंद्र बना सकते हैं।
  3. प्रौद्योगिकी सेवाओं को सुदृढ़ बनाना (नीति आयोग के एक अलग प्रकाशन में इसका उल्लेख किया गया है): इससे इस कदम में 15-20% की और वृद्धि हो सकती है।
    • AI-सक्षम उच्च-मूल्य समाधानों के साथ प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता के रूप में भारत की भूमिका को बढ़ावा देना।

भारत के लिए अवसर

  • जनसांख्यिकीय लाभ: विश्व के सबसे बड़े STEM कार्यबल और युवा आबादी के साथ, भारत AI को अपनाकर उत्पादक रोजगार और नवाचार को बढ़ावा दे सकता है।
  • डेटा लाभ: भारत के विशाल, विविध और बहुभाषी डेटासेट इसे वैश्विक डेटा राजधानी बना सकते हैं, जिससे जीनोमिक्स, विनिर्माण टेलीमेट्री और वित्तीय समावेशन में नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है।
  • समावेशी विकास के लिए AI: कृषि, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और शासन में AI-संचालित समाधान क्षेत्रीय असमानताओं को पाट सकते हैं और अंतिम लक्षित सेवाएँ प्रभावी ढंग से प्रदान कर सकते हैं।
  • विनिर्माण को बढ़ावा: AI-सक्षम स्मार्ट कारखाने और पूर्वानुमानित रखरखाव भारतीय उद्योगों को वैश्विक उद्योग 5.0 आपूर्ति शृंखलाओं में एकीकृत कर सकते हैं, जिससे प्रतिस्पर्द्धात्मकता बढ़ सकती है।
    • विश्लेषण में कहा गया है कि वित्तीय सेवाएँ और विनिर्माण सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं और वर्ष 2035 तक उनके क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 20-25 प्रतिशत AI से प्राप्त हो सकता है।
  • ऑटोमोटिव परिवर्तन: AI-आधारित डिजाइन से निर्मित घटकों और सॉफ्टवेयर-सहायता प्राप्त वाहनों के माध्यम से भारत एक प्रमुख वैश्विक ऑटोमोटिव एवं ऑटो-घटक निर्यातक के रूप में उभर सकता है।
  • प्रौद्योगिकी सेवाओं का उन्नयन: AI बैक-ऑफिस सेवाओं से आगे बढ़कर उच्च-मूल्य, AI-संचालित वैश्विक समाधानों की ओर अग्रसर होकर IT क्षेत्र में अग्रणी के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है।

AI-आधारित विकास के लिए रणनीतिक सक्षमकर्ता

  • महत्त्वपूर्ण AI अवसंरचना: AI स्केलिंग में भारत की स्वतंत्र क्षमता सुनिश्चित करने के लिए सॉवरेन क्लाउड प्लेटफॉर्म, उच्च-स्तरीय GPU क्लस्टर और अंतर-संचालनीय राष्ट्रीय डेटासेट का निर्माण।
  • AI गवर्नेंस: सुरक्षित और जिम्मेदार AI परिनियोजन के लिए नैतिक ढाँचे, व्याख्यात्मक मानक, जोखिम प्रबंधन प्रोटोकॉल और नियामक सैंडबॉक्स स्थापित करना।
  • निजी क्षेत्र का नेतृत्व: मुख्य उद्योग प्रक्रियाओं में AI को अपनाने को बढ़ावा देना, बायोनिक (मानव और मशीन का सम्मिश्रण) संगठन बनाना और क्षेत्र-व्यापी प्रतिस्पर्द्धात्मकता के लिए कार्यबल पुनर्कौशल में निवेश करना।
  • शिक्षा जगत की भूमिका: मौलिक अनुसंधान को गति देना, AI सुरक्षा और परीक्षण सैंडबॉक्स बनाना और पीएचडी एवं AI-विशेषज्ञ प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए उन्नत पाठ्यक्रम तैयार करना।
  • समान पहुँच: यह सुनिश्चित करना कि MSME, टियर-2/टियर-3 शहरों और कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों की डिजिटल विभाजन को रोकने के लिए साझा AI टूल, डेटासेट और कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुँच हो।

चुनौतियाँ

  • डेटा और बुनियादी ढाँचे में कमी: खंडित पारिस्थितिकी तंत्र, सीमित उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग, और पुरानी IT प्रणालियों पर निर्भरता।
  • प्रतिभा की कमी: विनिर्माण और बायोफार्मा जैसे क्षेत्रों में AI-विशेषज्ञ कार्यबल की कमी।
  • नियामक और प्रशासनिक जोखिम: गोपनीयता संबंधी चिंताएँ, व्याख्यात्मक ढाँचों का अभाव और AI-जनित आउटपुट के लिए वैश्विक पेटेंट मान्यता चुनौतियाँ।
  • असमान पहुँच: MSMEs तथा छोटे संस्थानों के उच्च लागत और जागरूकता की कमी के कारण पिछड़ जाने का खतरा है।

भारत AI मिशन के बारे में

  • इंडियाAI: यह भारत सरकार का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य एक संरचित सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताओं, बुनियादी ढाँचे, डेटासेट और स्टार्ट-अप्स को विकसित करना है।
  • संबंधित मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology -MeitY)।
  • वर्ष: मार्च 2024 में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित
  • उद्देश्य
    • भारत में AI का निर्माण करना और AI को भारत के लिए उपयोगी बनाना।
    • शासन, स्टार्ट-अप और नागरिकों के लिए AI की पहुँच और उपयोग का लोकतंत्रीकरण करना।
    • स्वदेशी आधार और भाषा मॉडल बनाना।
    • नैतिक, सुरक्षित और जिम्मेदारी को बढ़ावा देना।
    • एक आत्मनिर्भर AI नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना।

आगे की राह

  • भारत AI मिशन को मजबूत करना: इसके सात स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करना, जो हैं – कंप्यूटिंग क्षमता, नवाचार केंद्र, डेटासेट, अनुप्रयोग, कौशल, स्टार्टअप वित्तपोषण और सुरक्षित AI परिनियोजन।
  • सार्वजनिक-निजी सहयोग को बढ़ावा देना: ऐसे संयुक्त पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना, जहाँ उद्योग, शिक्षा जगत और सरकार मिलकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाधान, नियामक सैंडबॉक्स तथा वैश्विक मानक तैयार करना।
  • क्षेत्र-विशिष्ट पहलों को आगे बढ़ाना: कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित औद्योगिक पार्क स्थापित करना, राष्ट्रीय डेटासेट (ओमिक्स, विनिर्माण टेलीमेट्री) तैयार करना और विशिष्ट कार्यबल प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करना।
  • वैश्विक संरेखण सुनिश्चित करना: निर्यात में प्रतिस्पर्द्धात्मकता सुनिश्चित करने के लिए भारत के कृत्रिम बुद्धिमत्ता ढाँचों को यूरोपीय संघ के कृत्रिम बुद्धिमत्ता अधिनियम, UNECE ऑटोमोटिव मानकों और वैश्विक दवा मानदंडों के साथ सुसंगत बनाना।
  • समावेशी अपनाने को बढ़ावा देना: लक्षित कौशल विकास, वित्तीय सब्सिडी और मजबूत डिजिटल बुनियादी ढाँचे के माध्यम से MSME, टियर-II/टियर-III शहरों और गिग श्रमिकों तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता की पहुँच का विस्तार करना।

यूरोपीय संघ AI अधिनियम (2024)

  • यूरोपीय संघ द्वारा अपनाया गया विश्व का पहला व्यापक AI कानून।
  • दृष्टिकोण: ‘उच्च-जोखिम’ युक्त AI (स्वास्थ्य सेवा, कानून प्रवर्तन, महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा) के लिए जोखिम-आधारित ढाँचा और सख्त नियम।
  • प्रमुख प्रावधान
    • प्रतिबंध: सोशल स्कोरिंग, हस्तक्षेपकारी AI, चेहरे के डेटा का स्क्रैपिंग तथा शोषणकारी बायोमेट्रिक वर्गीकरण जैसी प्रक्रियाएँ गंभीर नैतिक और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न करती हैं।
    • प्रतिबंध: बायोमेट्रिक निगरानी केवल दुर्लभ, न्यायालय-अनुमोदित मामलों में (जैसे- आतंकवाद की रोकथाम, गोपनीय व्यक्ति)।
    • उच्च-जोखिम वाला AI: अनिवार्य जोखिम आकलन, लॉगिंग, मानवीय निगरानी, ​​पारदर्शिता।
    • उत्पादक AI: प्रशिक्षण डेटा सारांश, कॉपीराइट अनुपालन, डीपफेक लेबलिंग।
    • दंड: उल्लंघनों के लिए €35 मिलियन या वैश्विक राजस्व का 7% तक।
  • समय-सीमा: 6 महीने के भीतर निषिद्ध उपयोगों पर प्रतिबंध; वर्ष 2026 के मध्य तक पूर्ण व्यवस्था लागू।
  • वैश्विक प्रभाव: इसे अमेरिका, चीन, भारत, जापान, ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कानूनों का मसौदा तैयार करने के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है।

यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (United Nations Economic Commission for Europe -UNECE) और AI

  • परिवहन, व्यापार, पर्यावरण और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड और मानक विकसित करता है।
  • AI प्रशासन के संदर्भ में, UNECE सदस्य देशों को नियामक दृष्टिकोण साझा करने हेतु एक नीति मंच प्रदान करता है।
    • सीमा-पार एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल और AI मानकों का सामंजस्य।
    • स्थायित्व और अधिकारों के अनुरूप सुरक्षित AI अपनाने में विकासशील देशों का समर्थन।
  • महत्त्व: जबकि यूरोपीय संघ, AI अधिनियम यूरोप के लिए बाध्यकारी नियम निर्धारित करता है, UNECE, AI नैतिकता, सुरक्षा और स्थिरता पर व्यापक संयुक्त राष्ट्र-स्तरीय संवाद को आकार देने में मदद करता है।

निष्कर्ष

विकसित भारत के लिए AI रोडमैप, AI को राष्ट्रीय विकास की अनिवार्यता मानता है, जिसका उद्देश्य विकास अंतराल को कम करना और लचीले उद्योगों का निर्माण करना है। सफलता, नवाचार को समावेशिता के साथ और गति को स्थिरता के साथ संतुलित करने पर निर्भर करेगी। इन पहलों की शुरुआत वर्ष 2047 तक एक तकनीकी रूप से सशक्त विकसित भारत के निर्माण हेतु सरकार, उद्योग और नवप्रवर्तकों को एकजुट करते हुए सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.