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AI-जनरेटेड सिंथेटिक मेडिकल इमेज

Lokesh Pal October 14, 2024 02:26 75 0

संदर्भ 

AI-जेनेरेटेड सिंथेटिक मेडिकल इमेज’ सटीक मेडिकल छवियों की उच्च माँग के लिए एक मापनीय, नैतिक एवं लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं, जो स्वास्थ्य देखभाल में गोपनीयता संबंधी चिंताओं एवं संसाधन सीमाओं दोनों को संबोधित करती हैं।

सिंथेटिक मेडिकल इमेज (Synthetic Medical Image) के बारे में 

  • सिंथेटिक मेडिकल इमेज, पारंपरिक इमेजिंग डिवाइस (MRI , CT scans, X-rays) के प्रयोग के बिना AI एल्गोरिदम द्वारा बनाई जाती हैं।
  • ये इमेज वास्तविक दुनिया के मेडिकल डेटा का अनुकरण करती हैं, लेकिन पूरी तरह से गणितीय मॉडल जैसे कि जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क (Generative Adversarial Network- GAN), वेरिएशनल ऑटोएनकोडर (Variational Autoencoders- VAE) और डिफ्यूजन मॉडल द्वारा उत्पन्न की जाती हैं।

‘सिंथेटिक मेडिकल इमेज’ कैसे बनाई जाती हैं?

  • जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क (Generative Adversarial Networks-GANs)
    • इसमें एक जनरेटर और एक डिस्क्रिमिनेटर होता है, जो एक साथ मिलकर सुधार करते हैं।
    • जनरेटर नकली छवियाँ बनाता है, जबकि डिस्क्रिमिनेटर पहचानता है कि छवि असली है या कृत्रिम।

  • वेरिएशनल ऑटोएनकोडर (Variational Autoencoders- VAEs)
    • किसी छवि को ‘लेटेंट स्पेस’ में कंप्रेस करना और फिर उसे पुनः बनाना, जिससे समय के साथ मूल एवं कृत्रिम छवियों के बीच का अंतर न्यूनतम हो जाएगा।
  • डिफ्यूजन मॉडल
    • यादृच्छिक ध्वनि से शुरू करता है और धीरे-धीरे चरण-दर-चरण प्रक्रिया में इसे यथार्थवादी इमेज में परिवर्तित करता है।

सिंथेटिक मेडिकल इमेज के लाभ

  • डेटा आपूर्ति में अंतर को पाटना
    • चिकित्सा संबंधी इमेज को एकत्र करना महंगा एवं समय लेने वाला कार्य है तथा गोपनीयता संबंधी चिंताओं के कारण उन्हें साझा करना सीमित है।
    • सिंथेटिक इमेज नैतिक, मापनीय एवं लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं।
  • AI विकास को बढ़ावा देना
    • रोगी की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना विश्लेषण के लिए एक बड़ा डेटासेट प्रदान करके AI मॉडल के अधिक मजबूत प्रशिक्षण की अनुमति देता है।
  • इंट्रा एंड इंटर मोडैलिटी ट्रांसलेशन (Intra and Inter Modality Translation)
    • इंट्रा मोडैलिटी ट्रांसलेशन (Intra Modality Translation): एक ही मोडैलिटी के भीतर इमेज को बढ़ाता या फिर से बनाता है, उदाहरण के लिए, MRI छवियों को बेहतर बनाना।
    • इंटर मोडैलिटी ट्रांसलेशन (Inter Modality Translation): मोडैलिटी के बीच छवियों को परिवर्तित करता है, उदाहरण के लिए, MRI डेटा से CT स्कैन बनाना।
  • लागत एवं समय दक्षता
    • सिंथेटिक इमेज वास्तविक दुनिया की मेडिकल इमेज को एकत्र करने में लगने वाले समय और खर्च को कम करती हैं।
  • डेटा की कमी को दूर करना
    • AI मॉडल प्रशिक्षण के लिए प्रचुर मात्रा में सटीक डेटासेट प्रदान कर सकता है, विशेष रूप से दुर्लभ चिकित्सा स्थितियों के लिए।
  • नैतिक एवं गोपनीयता संबंधी विचार
    • वास्तविक रोगी डेटा का उपयोग करने की आवश्यकता को समाप्त करता है, अनुसंधान और सहयोग को बढ़ावा देते हुए रोगी की गोपनीयता की रक्षा करता है।

सिंथेटिक मेडिकल इमेज की चुनौतियाँ

  • डीप फेक एंड मैलीसियस एप्लिकेशन (Deep Fakes and Malicious Applications)
    • कृत्रिम डेटा का उपयोग धोखाधड़ी के उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे झूठे बीमा दावे प्रस्तुत करना या मनगढ़ंत नैदानिक ​​निष्कर्ष प्रस्तुत करना।
  • गलत संरेखण
    • यदि AI मॉडल सिंथेटिक डेटा पर बहुत अधिक निर्भर करते हैं तो यह जोखिम है कि ये मॉडल वास्तविक दुनिया की स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को विकृत कर सकते हैं, जिससे वास्तविक रोगी की स्थिति के साथ निदान का गलत संरेखण हो सकता है।
  • सिंथेटिक डेटा पर अत्यधिक निर्भरता 
    • AI प्रशिक्षण के लिए सिंथेटिक इमेजेज के विशेष उपयोग से वास्तविक और उत्पन्न आँकड़ों के बीच का अंतर समाप्त हो सकता है, जिससे निदान सटीकता पर असर पड़ सकता है।
  • विनियामक और नैतिक चिंताएँ
    • मानवीय निगरानी: चिकित्सा निदान के लिए AI पर निर्भरता को अनियंत्रित नहीं छोड़ा जाना चाहिए, मानवीय निगरानी की आवश्यकता है।
    • विनियमन: यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सिंथेटिक मेडिकल इमेज का उपयोग जिम्मेदारी से किया जाए, ताकि संभावित दुरुपयोग या नैदानिक ​​विश्वास के क्षरण से बचा जा सके।

आगे की राह

  • नैतिक विनियमन को मजबूत करना: डीप फेक जैसे दुरुपयोग को रोकने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश विकसित करना और सिंथेटिक डेटा के उपयोग में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
  • मानवीय निगरानी बनाए रखना: वास्तविक दुनिया की चिकित्सा जटिलताओं के साथ AI नवाचार को संतुलित करने के लिए चिकित्सकों और AI इंजीनियरों के बीच घनिष्ठ सहयोग सुनिश्चित करना।
  • सिंथेटिक और वास्तविक डेटा को संतुलित करना: बारीकियों को पकड़ने और नैदानिक ​​सटीकता बनाए रखने के लिए AI मॉडल में सिंथेटिक और वास्तविक चिकित्सा छवियों के मिश्रण का उपयोग करना।
  • AI मॉडल की सटीकता बढ़ाना: मजबूत AI मॉडल पर ध्यान केंद्रित करना, जो वास्तविक एवं सिंथेटिक डेटा के बीच अंतर करते हैं, जिससे नैदानिक ​​उपयोगिता सुनिश्चित होती है।
  • स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को शिक्षित करना: चिकित्सा कर्मचारियों को सिंथेटिक डेटा को समझने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करना, जोखिमों एवं लाभों के बारे में जागरूकता पर जोर देना।

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