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रोबोटिक्स में AI

Lokesh Pal October 24, 2025 01:56 131 0

संदर्भ

रोबोटिक्स के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मशीनों को स्वायत्त रूप से संज्ञान, अधिगम, निर्णय और क्रियान्वयन की क्षमता प्रदान कर, विभिन्न प्रासंगिक क्षेत्रों में बौद्धिक एवं अनुकूल रोबोटिक्स की एक नवीन युग की संरचना को संभाव्य बनाया है।

‘रोबोटिक्स में AI’ का क्या अर्थ है?

  • यह रोबोटिक प्रणालियों में मशीन आधारित AI (अवधारणा, तर्क, सीखने और निर्णय लेने की क्षमता) के एकीकरण को संदर्भित करता है ताकि वे जटिल कार्यों को स्वायत्त रूप से या मनुष्यों के साथ मिलकर कर सकें।
  • पारंपरिक रोबोट: यह केवल संरचित वातावरण में पूर्व-क्रमादेशित निर्देशों का पालन कर सकता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) सक्षम रोबोट: यह परिवर्तनीय परिवेश का संज्ञान ले सकता है, उसकी व्याख्या कर सकता है और तदनुसार अनुकूलित हो सकता है, साथ ही डेटा और अनुभव से अधिगम की प्रक्रिया के माध्यम से आत्मसात् कर सकता है।
  • स्वचालन से परे बुद्धिमत्ता: रोबोट केवल निश्चित आदेशों का पालन ही नहीं करते, बल्कि धारणा, योजना और सीखने के माध्यम से परिवर्तित परिस्थितियों के अनुकूल ढल जाते हैं।

मुख्य घटक

  • अवधारणात्मक जागरूकता: पर्यावरण और संदर्भ को समझने के लिए कंप्यूटर विजन, लिडार, स्पर्श संवेदकों और ऑडियो का एकीकरण।
    • उदाहरण: सेल्फ-नेविगेटिंग ड्रोन गहन-शिक्षण प्रणालियों का उपयोग करके बाधाओं का पता लगाते हैं।
  • निर्णयन और योजना निर्माण: अनिश्चितता की स्थिति में कार्य चुनने के लिए एल्गोरिदम (जैसे- पथ नियोजन, नियंत्रण, कार्य निर्धारण)।
    • उदाहरण: एक गोदाम रोबोट पैकेज पहुँचाने के लिए सबसे कुशल मार्ग तय करता है।
  • निरंतर सीखना और अनुकूलन: रोबोट समयानुसार आत्म-संशोधन, विसंगतियों की पहचान और नव परिस्थितियों के प्रति अनुकूलन के अनुसार स्वयं को निरंतर परिष्कृत करते हैं।
    • उदाहरण: कृषि रोबोट फसल रोगों की अधिक सटीकता से पहचान करने के लिए पूर्व छवियों से सीखते हैं।
  • मानव-मशीन सहयोग: रोबोट मानव उद्देश्य को समझते हैं, लोगों (जैसे- कोबोट) के साथ समन्वय करते हैं, कार्यक्षेत्र साझा करते हैं और मनुष्यों से संकेत ग्रहण करते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में रोबोटिक्स में AI के अनुप्रयोग

चिकित्सा

  • सर्जरी और न्यूनतम इनवेसिव हस्तक्षेप: सटीक शल्य क्रिया एवं न्यूनतम आक्रामक हस्तक्षेप हेतु, AI-सक्षम रोबोटिक आर्म्स, सर्जनों को सूक्ष्मगतियों के क्रियान्वयन में सहायक सिद्ध होती हैं, जिससे मानवीय कंपन न्यूनतम होता है और उच्चस्तरीय प्रक्रिया सुलभ होती है।
    • उदाहरण: एम्स दिल्ली ने ‘दा विंची’ प्रणाली का उपयोग करके भारत का पहला रोबोट-सहायता प्राप्त गुर्दा प्रत्यारोपण किया है।
  • स्वायत्त निदान और इमेजिंग व्याख्या: रोबोट, मानव हस्तक्षेप के बिना स्कैन (एक्स-रे, MRI) का विश्लेषण करने और विसंगतियों का पता लगाने के लिए AI को एकीकृत करते हैं।
    • उदाहरण: भारत में एक AI प्रणाली ने एक्स-रे में ‘बहु-विकृति’ का पता लगाने के लिए 98% तक सटीकता प्राप्त की।
  • रोबोटिक रोगी देखभाल और निगरानी: रोबोट दवाइयाँ पहुँचाते हैं, महत्त्वपूर्ण अंगों की निगरानी करते हैं और अस्पतालों के अंदर अन्य कार्यों में सहायता करते हैं।
  • पुनर्वास और सहायक रोबोटिक्स: AI आधारित एक्सोस्केलेटन और रोबोटिक अंग, चोट या पक्षाघात उपरांत रोगियों के पुनर्वास में सहायक सिद्ध होते हुए, गतिशीलता तथा स्वास्थ्य लाभ में अभूतपूर्व सुधार सुनिश्चित करते हैं।

कृषि

  • मृदा विश्लेषण: AI-संचालित ड्रोन और एग्रीबॉट मृदा विश्लेषण और फसल मानचित्रण करते हैं। इससे किसानों को संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और अपव्यय कम करने में मदद मिलती है।
  • फसल स्वास्थ्य आकलन और रोग पहचान: AI-संचालित रोबोट खेतों का सर्वेक्षण करते हैं, इस दृष्टि का उपयोग करके कीट या रोग के शुरुआती लक्षणों का पता लगाते हैं।
    • उदाहरण: तेलंगाना की सागु बागू पहल ने रोग की भविष्यवाणी और उपज में सुधार के लिए कई खेतों में AI उपकरणों का उपयोग किया।
    • तेलंगाना में 7,000 से अधिक किसानों ने मृदा और रोग निगरानी के लिए AI कृषि तकनीक उपकरणों को अपनाया, जिसके परिणामस्वरूप उपज में दोगुना सुधार और आय में वृद्धि हुई।
  • स्वचालित छिड़काव/सटीक इनपुट उपयोग: रोबोट AI और एक्चुएशन को मिलाकर जरूरत पड़ने पर कीटनाशकों या उर्वरकों का छिड़काव करते हैं, जिससे अपव्यय कम होता है।
  • रोबोटिक कटाई और उपज अनुमान: AI रोबोट फल/सब्जियों का चयन करते हैं और अंतिम उपज का पूर्वानुमान लगाते हैं।

उद्योग और रसद

  • स्वायत्त सामग्री प्रबंधन: सेल्फ-नेविगेटिंग रोबोट, इन्वेंटरी प्रबंधन, पैकेजिंग एवं आदेश पूर्ति की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए, लॉजिस्टिक्स में गतिशीलता एवं सटीकता की अभिवृद्धि सुनिश्चित करते हैं।।
    • उदाहरण: ग्रेऑरेंज, एडवर्ब जैसे स्टार्ट-अप AI-आधारित वेयरहाउस और मोबिलिटी रोबोट का प्रयोग कर रहे हैं।
  • पूर्वानुमानित रखरखाव और विसंगति का पता लगाना: AI-एकीकृत रोबोट मशीन के प्रदर्शन की निगरानी करते हैं और खराबी का पूर्वानुमान लगाते हैं। यह डाउनटाइम को कम करने और उत्पादन क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।
    • उदाहरण: औद्योगिक लाइनों में स्मार्ट रोबोट ब्रेकडाउन को रोकने के लिए वास्तविक समय संचालन को समायोजित करते हैं।
  • गतिशील योजना निर्माण और अंतिम-लक्ष्य डिलीवरी: रोबोट AI का उपयोग करके त्वरित पुनः योजना का निर्माण करते हैं, और बाधाओं को ध्यान में रखते हैं।

विनिर्माण

  • गुणवत्ता निरीक्षण और दोष पहचान: AI-विजन रोबोट मनुष्यों की तुलना में सूक्ष्म दोषों का तीव्रता से पता लगाते हैं।
    • उदाहरण: कई उन्नत असेंबली लाइनें सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड की गुणवत्ता की जाँच के लिए मशीन-विजन रोबोट का उपयोग करती हैं।
  • अनुकूली नियंत्रण और लचीला स्वचालन: रोबोट AI योजना का उपयोग करके मिश्रित उत्पाद लाइनों में उत्पादन चरणों को गतिशील रूप से पुनर्संयोजित करते हैं।
    • उदाहरण: मनुष्यों के साथ कार्य करने वाले कोबोट्स, जीवित मानव गति के आधार पर अपने प्रक्षेप्य पथ और गति को समायोजित करते हैं।
  • प्रक्रिया अनुकूलन: AI एल्गोरिदम, रोबोटिक्स को मशीनों को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं ताकि अड़चनें कम-से-कम हों।
  • उदाहरण: स्मार्ट कारखाने पूरे विश्व में अधिकतम दक्षता के लिए स्टेशनों के बीच कार्यभार को संतुलित करने के लिए AI से अधिक रोबोटिक्स का उपयोग करते हैं।

रोबोटिक्स में उभरती AI प्रवृत्तियाँ

प्रवृत्ति इसका क्या अर्थ है? भारत / उदाहरण संदर्भ
संवादात्मक / वाइस-फर्स्ट इंटरफेस रोबोट मनुष्यों के साथ स्वाभाविक रूप से वार्ता करने के लिए NLP/वॉयस कमांड का उपयोग करते हैं। भाषिणी परियोजना AI प्रणालियों के लिए स्थानीय भाषा इंटरफेस को सक्षम कर रही है।
डोमेन-विशिष्ट फाउंडेशन मॉडल स्वास्थ्य सेवा, रसद, रक्षा जैसे क्षेत्रों के लिए AI मॉडल को परिष्कृत किया गया। इंडियाAI मिशन क्षेत्रीय रोबोटिक्स के लिए आधारभूत मॉडलों का समर्थन करता है।
AI एजेंट और स्वायत्त प्रणालियाँ रोबोट निर्णय एजेंट के रूप में कार्य करते हैं, जो कार्यप्रवाह को अंत तक प्रबंधित करते हैं। मल्टी-रोबोट अस्पताल प्रणालियाँ स्वायत्त रूप से देखभाल प्रदान करती हैं और उसकी निगरानी करती हैं।
समग्र / हाइब्रिड AI प्रतीकात्मक तर्क + तंत्रिका मॉडल + संभाव्यता सीखने का एकीकरण। राष्ट्रीय रोबोटिक्स रणनीति मजबूत स्वायत्तता के लिए हाइब्रिड दृष्टिकोण का समर्थन करती है।
डेटा संप्रभुता और सुरक्षित GenAI स्थानीय डेटा, देश में AI, गोपनीयता, सुरक्षित मॉडल भारत में, IIT मद्रास के IndiCASA डेटासेट और भारतजीपीटी जैसे स्वदेशी LLM जैसी पहल डेटा संप्रभुता और AI के महत्त्व को सुदृढ़ कर रही हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश के भीतर जनरेटिव मॉडल प्रशिक्षित, होस्ट और शासित हों।
लोकतंत्रीकरण / नो-कोड रोबोटिक्स SMEs/स्टार्ट-अप के लिए प्रवेश बाधाओं को कम करना। राज्य कृषि स्टैक, ओपन रोबोटिक्स प्लेटफॉर्म का संचालन किया जा रहा है।
व्याख्या, सुरक्षा और विश्वास रोबोट व्याख्या योग्य निर्णय और सुरक्षित व्यवहार प्रदान करते हैं। भारत का AI मिशन सार्वजनिक अनुप्रयोगों में विश्वसनीय AI पर जोर देता है।

भारत के विकास के लिए महत्त्व

  • भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और तकनीकी संप्रभुता: स्वदेशी AI-रोबोटिक्स क्षमताएँ विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम करती हैं।
  • विनिर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा: बुद्धिमत्ता के साथ स्वचालन वैश्विक मूल्य शृंखलाओं में भारत की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को मजबूत करेगा (भारत ने वर्ष 2023 में 8,510 औद्योगिक रोबोट स्थापित किए, जो 59% की वृद्धि है)।
  • कृषि उत्थान और ग्रामीण परिवर्तन: रोबोटिक्स से पैदावार में वृद्धि हो सकती है, लागत  कम हो सकती है और छोटे किसानों की आय में सुधार हो सकता है।
  • स्वास्थ्य सेवा समानता और पहुँच: बुद्धिमान रोबोट कम सेवा वाले क्षेत्रों में दूरस्थ हस्तक्षेप और शल्य चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकते हैं।
  • नए क्षेत्रों में रोजगार सृजन: AI-रोबोटिक्स इंजीनियरों, डेटा वैज्ञानिकों और सिस्टम इंटीग्रेटर्स की माँग बढ़ेगी।
  • स्मार्ट शहर और बुनियादी ढाँचा: शहरी परिवेश में स्वायत्त रखरखाव, निरीक्षण और सेवा रोबोट, आपदा प्रतिक्रिया।

सरकार की पहल

  • इंडियाAI मिशन: इंडियाAI मिशन, AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए वर्ष 2024 में शुरू किया गया भारत का अपना फाउंडेशन मॉडल है।
    • उद्देश्य: AI में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करना, तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना, नैतिक और जिम्मेदार AI परिनियोजन सुनिश्चित करना और समाज के सभी वर्गों में AI के लाभों को पहुँचाना।
  • सामान्य कंप्यूटिंग क्षमता (GPUs): AI नवाचार को समर्थन देने के लिए राष्ट्रीय कंप्यूटिंग क्षमता 34,000 GPUs को पार कर गई है।

ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU)

  • यह एक विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक सर्किट है, जिसे डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर ग्राफिक्स निर्माण के लिए डिजाइन किया गया है।
  • यह या तो एक अस्थायी वीडियो कार्ड के रूप में उपलब्ध है या मदरबोर्ड, मोबाइल फोन, पर्सनल कंप्यूटर, वर्कस्टेशन और गेम कंसोल में एंबेडेड है।
  • अनुप्रयोग: इसका उपयोग ग्राफिक्स और वीडियो रेंडरिंग; गेमिंग; रचनात्मक उत्पादन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में किया जाता है।

  • इंडियाAI अनुप्रयोग विकास पहल: केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में AI अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करता है।
  • राष्ट्रीय रोबोटिक्स रणनीति का मसौदा: यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वर्ष 2030 तक देश को रोबोटिक्स में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने हेतु एक मसौदा पहल है।
    • इसका उद्देश्य चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों: विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करके रोबोटिक्स विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
  • डिजिटल इंडिया भाषायी पहल और AI कौशल: AI भाषा मॉडल, स्थानीय तकनीक और AI क्षमता निर्माण (YuvAI, AICTE सहयोग)।
  • अटल नवाचार मिशन/अटल इनक्यूबेशन और टिंकरिंग लैब्स: रोबोटिक्स में नवाचार, स्टार्ट-अप और स्कूलों में व्यावहारिक प्रयोगशालाओं को बढ़ावा देना।

रोबोटिक्स में AI से जुड़ी चुनौतियाँ

  • डेटा की कमी और डोमेन परिवर्तन: वास्तविक दुनिया के रोबोटिक्स अनुप्रयोग, सीमित डेटा और आभासी तथा भौतिक परिवेश के बीच असंगति से उपजी जटिलताओं का सामना करते हैं।
  • सुरक्षा, विश्वसनीयता और व्याख्या: यह सुनिश्चित करना कि रोबोट के निर्णय सुरक्षित, पूर्वानुमानित, मानव-समझने योग्य और ऑडिट करने योग्य हों।
  • उच्च लागत और बुनियादी ढाँचा: सेंसर, कंप्यूटर, एक्चुएटर अत्यधिक महँगे हैं; भारत में मजबूत बुनियादी ढाँचे का अभाव है।
  • एकीकरण और अंतर-संचालनीयता: विविध घटक, मानक, विरासत प्रणालियाँ सुचारू परिनियोजन में बाधा डालती हैं।
  • कौशल अंतराल और कार्यबल की तैयारी: भारत में प्रशिक्षित AI-रोबोटिक्स पेशेवरों की कमी अपनाने को सीमित करती है।
  • नियामक, नैतिक और कानूनी ढाँचे: स्वायत्त प्रणालियों के लिए स्पष्ट दायित्व, गोपनीयता नियमों और मानकों का अभाव है।
  • असंरचित वातावरण में मजबूती: वास्तविक दुनिया की जटिलता, अप्रत्याशित मानवीय परिस्थितियाँ, मौसम, धूल आदि।

आगे की राह: रोबोटिक्स में जिम्मेदार, स्केलेबल और समावेशी AI

  • राष्ट्रीय AI-रोबोटिक्स मिशन विकसित करना: इंडिया AI मिशन, राष्ट्रीय रोबोटिक्स रणनीति के मसौदे और डिजिटल इंडिया पहलों को जोड़ने वाला एक एकीकृत मिशन अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढाँचे, मानकों और नैतिकता को एक मंच पर ला सकता है।
  • स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना: रोबोटिक्स हार्डवेयर, चिप्स और नियंत्रण प्रणालियों के लिए डिजाइन-लिंक्ड प्रोत्साहन (DLI), सार्वजनिक-निजी प्रयोगशालाओं और खुले परीक्षण केंद्रों को बढ़ावा देना।
    • उदाहरण: भारत का सेमीकॉन मिशन दर्शाता है कि कैसे राज्य समर्थित वित्तपोषण घरेलू डिजाइन और निर्माण को आकर्षित कर सकता है।
  • AI-तैयार डेटा और कंप्यूटर आधारित बुनियादी ढाँचा का निर्माण करना: विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और कृषि में डोमेन-विशिष्ट शिक्षा के लिए साझा GPU क्लाउड, रोबोटिक्स सैंडबॉक्स और डेटासेट का विस्तार करना।
  • कौशल और कार्यबल परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना: भविष्य के लिए तैयार तकनीशियनों और इंजीनियरों का निर्माण करने के लिए AICTE, स्किल इंडिया और अटल टिंकरिंग लैब्स के माध्यम से ‘सभी के लिए AI-रोबोटिक्स’ कार्यक्रम शुरू करना।
    • उदाहरण: ई-यंत्र (IIT बॉम्बे) और ‘यूथ फॉर उन्नति एंड डेवलपमेंट विद AI’ पहले से ही रोबोटिक्स सीखने के लिए प्रायोगिक मॉडल के रूप में कार्य कर रहे हैं।
  • नैतिक, व्याख्यात्मक और सुरक्षित AI को बढ़ावा देना: जनता का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए स्वायत्त प्रणालियों में पारदर्शिता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व पर स्पष्ट मानक स्थापित करना।
    • उदाहरण: AI के लिए राष्ट्रीय रणनीति  ‘AI फॉर आल’ नैतिक सुरक्षा, जवाबदेही और व्याख्यात्मक ढाँचों के निर्माण पर विशेष बल देती है।
  • किफायती और समावेशी रोबोटिक्स को प्रोत्साहित करना: रियायती ऋण, ओपन API और ‘प्लग-एंड-प्ले’ AI मॉड्यूल के माध्यम से MSME, एग्रीटेक स्टार्ट-अप और स्वास्थ्य सेवा नवप्रवर्तकों को प्रोत्साहित करना।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग और मानकों के संरेखण को मजबूत करना: रोबोटिक्स मानकों, डेटा गवर्नेंस और AI निर्यात पर OECD, IEEE और G20 के साथ सहयोग करना।
    • उदाहरण: भारत के G20 डिजिटल अर्थव्यवस्था कार्य समूह ने पहले ही विश्वसनीय और समावेशी AI पर सिद्धांत पूर्ण कर लिए हैं।
  • “ह्यूमन-इन-द-लूप” शासन मॉडल अपनाना: स्वास्थ्य सेवा, रक्षा और परिवहन जैसे महत्त्वपूर्ण अनुप्रयोगों में मानवीय निगरानी बनाए रखना ताकि स्वायत्तता और जवाबदेही में संतुलन बना रहे।
    • उदाहरण: एम्स की रोबोटिक सर्जरी अभी भी सर्जनों को निर्णय नियंत्रण में रखती है, जो मानव-मशीन सहयोग की नैतिकता को दर्शाता है।
  • क्षेत्रीय AI और रोबोटिक्स केंद्रों को बढ़ावा देना: विश्वविद्यालयों, स्टार्ट-अप्स और परीक्षण सुविधाओं के साथ “AI सिटी” या नवाचार समूह विकसित करना।

निष्कर्ष

“रोबोटिक्स में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने मशीनों में बुद्धिमान निर्णय क्षमता का समावेश करते हुए, उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में स्वायत्त रूप से पर्यावरण का संज्ञान लेने, सीखने और क्रियान्वित करने में सक्षम बनाया है। परिवर्तनीय परिवेश की व्याख्या और तदनुसार अनुकूलन, डेटा और अनुभव से अधिगम की प्रक्रिया के माध्यम से निरंतर आत्म-सुधार को संभव बनाता है। रोबोट समयानुसार विसंगतियों की पहचान कर नवपरिस्थितियों के प्रति लचीलापन अपनाते हुए स्वयं को परिष्कृत करते हैं।

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