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वायु स्वतंत्र प्रणोदन प्रणाली (AIP)

Lokesh Pal January 25, 2025 02:10 119 0

संदर्भ 

मझगांव-थिसेनक्रुप (Mazagon-Thyssenkrupp) संयुक्त उद्यम को भारतीय नौसेना का 70,000 करोड़ रुपये का स्टील्थ पनडुब्बी सौदा प्राप्त होने की संभावना है, क्योंकि L&T-नवंतिया की बोली को प्रमाणित वायु-स्वतंत्र प्रणोदन (Air Independent Propulsion- AIP) प्रणाली की तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहने के कारण खारिज कर दिया गया था।

वायु-स्वतंत्र प्रणोदन (AIP) प्रौद्योगिकी 

  • AIP एक ऐसी तकनीक है, जिसका उपयोग पनडुब्बियों में जल के भीतर उनकी सहनशक्ति को बेहतर बनाने और शोर (ध्वनि) के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है, जिससे उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
    • यह पनडुब्बियों को वायु के लिए बार-बार सतह पर आने की आवश्यकता के बिना लंबी अवधि तक संचालित करने की अनुमति देता है।

  • ऐतिहासिक संदर्भ: पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की जल के अंदर संचालित करने की क्षमता सीमित थी, उन्हें बैटरी चार्ज करने के लिए बार-बार सतह पर आना पड़ता था।
    • AIP के उद्भव ने इस मुद्दे को संबोधित किया, जिससे पनडुब्बी क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
  • उत्पत्ति: AIP की अवधारणा 20वीं शताब्दी के आरंभ में आई थी, जब वर्ष 1908 में इम्पीरियल रूसी नौसेना ने पनडुब्बी पोचटोवी (Pochtovy) को लॉन्च किया था, जिसमें संपीडित वायु से संचालित होने वाले गैसोलीन इंजन का उपयोग किया गया था, जिसे जल के भीतर खाली किया जाता था।

AIP प्रौद्योगिकी

  • विद्युत उत्पादन: AIP सिस्टम पनडुब्बी प्रणोदन के लिए इलेक्ट्रिक मोटर को शक्ति प्रदान करने या बैटरी को रिचार्ज करने के लिए बिजली उत्पन्न करते हैं।
  • सहायक शक्ति स्रोत: ये प्रणालियाँ सहायक ऊर्जा स्रोतों के रूप में कार्य करती हैं, जो डीजल इंजनों को पूरक बनाती हैं, जिनका उपयोग मुख्य रूप से सतह प्रणोदन के लिए किया जाता है।
  • रेट्रोफिटिंग: AIP प्रणाली की मौजूदा पनडुब्बियों में AIP मॉड्यूल को रखने के लिए डिजाइन किए गए नए हुल अनुभाग (Hull Section) को सम्मिलित करके पुनः स्थापित किया जा सकता है।

AIP के लाभ

  • एक्सटेंडेड अंडरवाटर-एंड्यूरेंस: AIP पनडुब्बियों को काफी लंबे समय तक जल में रहने की अनुमति देता है, जिससे परिचालन क्षमता में वृद्धि होती है।
    • यह पनडुब्बियों को जल के भीतर 21 दिनों तक की सहनशक्ति प्रदान कर सकता है।
  • शोर के स्तर में कमी: AIP सिस्टम, पारंपरिक डीजल इंजन की तुलना में कम शोर उत्पन्न करते हैं, जिससे क्षमता बढ़ती है और पता लगाने का जोखिम कम होता है।

AIP प्रौद्योगिकियों के प्रकार

  • ईंधन सेल: ईंधन सेल सबसे व्यापक रूप से प्रयोग की जाने वाली AIP तकनीक है।
    • वे हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को जल में परिवर्तित करके विद्युत उत्पन्न करते हैं, जिससे न्यूनतम शोर एवं उत्सर्जन होता है।
  • स्टर्लिंग इंजन: स्टर्लिंग इंजन जल के अंदर विद्युत उत्पन्न करने के लिए लिक्विड ऑक्सीजन और डीजल का प्रयोग करते हैं।
    • वे अपनी सरलता एवं विश्वसनीयता के लिए जाने जाते हैं।
  • बायो-इथेनॉल-आधारित प्रणालियाँ (BEST): ये प्रणालियाँ ईंधन कोशिकाओं के लिए हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए बायो-इथेनॉल का उपयोग करती हैं।
    • वे सतह पर स्नोर्कल (Snorkel) संचालन की आवश्यकता को समाप्त करके गोपनीयता को बढ़ाते हैं।

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