गुजरात के कच्छ क्षेत्र के कच्छ अजरख के पारंपरिक कारीगरों को भौगोलिक संकेत (GI) प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
संबंधित तथ्य
महत्त्व: कच्छ अजरख के कारीगरों के लिए, यह प्रामाणीकरण उनकी शिल्प कौशल को मान्यता प्रदान करता है और उनके पारंपरिक ज्ञान और तकनीकों को शोषण या दुरुपयोग से बचाता है।
यह समुदाय के भीतर स्थायी आजीविका को बढ़ावा देते हुए कारीगरों को वैश्विक मंच पर अपने शिल्प कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
अजरख
अजरख के बारे में: यह गुजरात के सिंध, बाड़मेर और कच्छ क्षेत्र में एक समय-सम्मानित कपड़ा शिल्प है।
कच्छ में, धमदका और अजरखपुर गाँव अजरख परंपरा के गढ़ के रूप में काम करते हैं, जहाँ कारीगर पीढ़ियों से विरासत में मिली समय-सम्मानित तकनीकों को नियोजित करते रहते हैं।
उत्पत्ति: इसकी उत्पत्ति सिंध मुसलमानों द्वारा इस क्षेत्र में शिल्प कीशुरुआत से 400 वर्ष पहले हुई थी।
अजरख कला: अजरख की कला में उपचारित सूती कपड़े पर हाथ से ब्लॉक प्रिंटिंग शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप गहन अध्ययन से युक्त विस्तृत डिजाइन तैयार होते हैं।
इसमें प्राकृतिक वनस्पति और खनिज रंगों को प्राप्त करना और जटिल प्रतिरोधी मुद्रण और रंगाई विधियों को नियोजित करना शामिल है।
भौगोलिक संकेत (Geographical Indication-GI) के बारे में
अर्थ: GI टैग एक संकेत है, जो किसी उत्पाद को एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले और विशिष्ट गुणवत्ता या प्रतिष्ठा वाले उत्पाद की पहचान करता है।
निषेध: यह किसी तीसरे पक्ष द्वारा इसके उपयोग को रोकता है जिसका उत्पाद लागू मानकों के अनुरूप नहीं है।
हालाँकि यह धारक को किसी को उन्हीं तकनीकों का उपयोग करके उत्पाद बनाने से रोकने में सक्षम नहीं बनाता है, जो उस संकेत के लिए मानकों में निर्धारित हैं।
प्रयोज्यता: इसका उपयोग कृषि उत्पादों, खाद्य पदार्थों, वाइन और स्पिरिट पेय, हस्तशिल्प और औद्योगिक उत्पादों के लिए किया जाता है।
नोडल एजेंसी: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग।
वैधता: 10 वर्ष
अनुदानित: चेन्नई में भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री।
कानूनी ढाँचा: विश्व व्यापार संगठन (WTO) में ट्रिप्स पर समझौता GI को नियंत्रित करता है।
वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 भारत में वस्तुओं से संबंधित भौगोलिक संकेतों के पंजीकरण और बेहतर सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है।
GI टैग का महत्त्व: GI टैग, प्रामाणिकता और उत्पत्ति का प्रतीक, विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले उत्पादों, सेवाओं या कलाओं को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है।
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