हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्री द्वारा लोकसभा में सूचित किया गया कि वर्ष 2023 में भूकंपीय घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण पश्चिमी नेपाल में अल्मोडा भ्रंश की सक्रियता है।
संबंधित तथ्य
वर्ष 2023 में 3.0 से 3.9 तीव्रता के 97 भूकंप आए, जबकि 2022 में 41 भूकंप आए।
अल्मोडा भ्रंश के सक्रिय होने से 2023 में 24 जनवरी, 3 अक्टूबर और 3 नवंबर को भूकंप आए। ये तीनों भूकंप 5.8 तीव्रता से ऊपर थे।
भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards- BIS) ने ज़ोन II से V तक के लिए भारत का भूकंपीय ज़ोनिंग मानचित्र प्रकाशित किया है।
भारतीय मानक ब्यूरो भारत में राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था है।
यह उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
यह भूकंप प्रतिरोधी इमारतों के निर्माण के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग कोड और प्रथाओं को लागू करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) भूकंप संबंधी घटनाओं की तैयारी और प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिए भूकंप अभ्यास, जागरूकता कार्यक्रम, भूकंप प्रबंधन जैसे विभिन्न एहतियाती उपायों के लिए जिम्मेदार एजेंसी है।
भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में NDMA, भारत में आपदा प्रबंधन के लिए शीर्ष निकाय है।
इसकी स्थापना आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत की गई है।
अल्मोडा भ्रंश के बारे में
अल्मोडा भ्रंश पश्चिम-उत्तर-पश्चिम-पूर्व-दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम-दक्षिणपूर्व में एक उच्च कोण वाली गतिशील टेक्टॉनिक प्लेट है।
यह उत्तर में आंतरिक लघु हिमालय के गढ़वाल समूह को दक्षिण में बाहरी लघु हिमालय के जौनसार और दुदातोली समूहों से अलग करता है।
नेपाल और भारत के उत्तरी भाग, जो हिमालय क्षेत्र के सक्रिय भ्रंश क्षेत्र में अवस्थित हैं, भूकंप की दृष्टि से अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र हैं।
यहाँ टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जिसमें भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दब जाती है।
भारत में भूकंपीय ज़ोन
भारतीय मानक ब्यूरो ने देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों अर्थात् ज़ोन-II, ज़ोन-III, ज़ोन-IV और ज़ोन-V में वर्गीकृत किया है।
इन सभी चार क्षेत्रों में, ज़ोन-V सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है, जहाँ ज़ोन-II सबसे कम है।
Latest Comments