मृत्यु या त्रासदी से जुड़े स्थलों की बिना किसी विशिष्ट उद्देश्य के यात्रा को डार्क टूरिज्म या शोक पर्यटन के रूप में संबोधित किया जाता है।
डार्क टूरिज्म के बारे में
डार्क टूरिज्म में दुखद घटनाओं से जुड़ी जगहों की यात्रा शामिल है:
इसे थानाटूरिज्म (Thanatourism) या शोक पर्यटन (Grief Tourism) भी कहा जाता है।
लोग इन जगहों पर शोक मनाने, पीड़ितों को सम्मानित करने या जिज्ञासावश जाते हैं।
इस पर्यटन में कब्रिस्तान, आपदा क्षेत्र, युद्धक्षेत्र, स्मारक, जेल, सैन्य हमले, युद्ध क्षेत्र, निष्पादन स्थल और अपराध स्थल जैसी जगहें शामिल हैं।
यह इन स्थलों के दुखद अतीत के बजाय उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य पर ध्यान केंद्रित करता है।
डार्क टूरिज्म गंतव्यों के उदाहरण (Examples of Dark Tourism Destinations)
ऑशविट्ज-बिरकेनौ, 9/11 स्मारक और चेरनोबिल जैसे प्रसिद्ध स्थल शामिल है।
हाल ही में जारी संघर्षों से प्रभावित क्षेत्र शामिल हैं, जैसे:
यूक्रेन: डोनबास युद्ध क्षेत्र और कीव के मिसाइल हमले स्थल।
इजरायल/फिलिस्तीन: नीर ओज किबुत्ज और नोवा संगीत समारोह, जो 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमलों से जुड़ा है।
डार्क टूरिज्म के प्रकार
युद्ध क्षेत्र भ्रमण: यूक्रेन में, पर्यटक विस्थापित लोगों से मिलते हैं, नष्ट हो चुकी इमारतों को देखते हैं और युद्ध के तरीकों के बारे में जानते हैं।
सॉलिडेरिटी टूर: इजरायल में, पर्यटक स्थानीय लोगों के मार्गदर्शन में हमलों के बाद के हालात का पता लगाते हैं और बचे लोगों से जुड़ते हैं।
लोग इन साइटों पर क्यों जाते हैं?
एकजुटता और राजनीतिक संबद्धता (Solidarity and Political Affiliation): इस तरह के दौरे अक्सर पीड़ितों और उनके संघर्षों के लिए समर्थन दिखाते हैं, जबकि भौगोलिक और मनोवैज्ञानिक सीमाओं से जुड़ी पहचान को मजबूत करते हैं।
शिक्षा और चिंतन: कई पर्यटक ऐतिहासिक दर्द को समझने, नुकसान को स्वीकार करने और स्मारकों पर जाने के समान सम्मान देने का लक्ष्य रखते हैं।
भारत में डार्क टूरिज्म का महत्त्व
इतिहास का संरक्षण: डार्क टूरिज्म ऐतिहासिक घटनाओं और गुमनाम नायकों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करते हैं।
यह अतीत की घटनाओं से संघर्ष और ज्ञान का संचार करता है।
यह लोगों को केवल किताबें पढ़ने के बजाय वास्तविक जीवन के अनुभवों का अनुभव करने की अनुमति देता है।
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा: डार्क टूरिज्म त्रासदी से जुड़ा हुआ है, यह अभी भी भारतीय पर्यटन में योगदान देता है, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों का समर्थन प्राप्त है।
यह उद्योग 10% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
कम ज्ञात स्थलों का प्रचार-प्रसार: यह पर्यटन ऐतिहासिक रूप से महत्त्वपूर्ण परंतु अज्ञात स्थानों को वैश्विक मानचित्र पर लाकर उनकी ओर ध्यान आकर्षित करता है।
यह युवा पीढ़ी में भी रुचि की भावना उत्पन्न करता है।
भारत में डार्क टूरिज्म स्थल
भानगढ़ किला, राजस्थान: सबसे भूतिया और डरावनी जगह
मान सिंह द्वारा निर्मित
कुलधारा गाँव, राजस्थान
अमृतसर में “जलियाँवाला बाग”: जनरल डायर शूट ऑर्डर के लिए प्रसिद्ध है, जिसने कई लोगों की जान ले ली थी।
जमाली-कमाली मस्जिद, दिल्ली: एक पुरातात्त्विक स्थल।
यह अपनी कई भूतिया कहानियों के लिए प्रसिद्ध है
जटिंगा-Jatinga, असम: पक्षियों की आत्महत्या की अस्पष्टीकृत घटना के लिए विश्व भर में लोकप्रिय एक स्थल।
भोपाल संग्रहालय, मध्य प्रदेश: भोपाल गैस त्रासदी को समर्पित।
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