नेपाल की बाघ आबादी वर्ष 2009 में 120 से बढ़कर वर्ष 2022 में 355 हो गई, जो कि इनकी संख्या में 296% की वृद्धि दर्शाती है।
ओरांगुटान कूटनीति (Orangutan Diplomacy)
यह ओरंगुटान संरक्षण के माध्यम से अपनी छवि सुधारने और अन्य देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने की मलेशियाई रणनीति है।
उद्देश्य: इस प्रयास का उद्देश्य मलेशिया के पाम ऑयल उद्योग के संबंध में नकारात्मक धारणाओं का प्रतिरोध करना था।
कोआला कूटनीति (Koala Diplomacy)
इस कूटनीति का प्रयोग ऑस्ट्रेलिया द्वारा किया गया।
उद्देश्य: अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना और पर्यावरणीय और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना।
पांडा कूटनीति (Panda Diplomacy)
पांडा कूटनीति के अंतर्गत चीनी सरकार संबंधों को बेहतर बनाने और वन्यजीव संरक्षण का समर्थन करने के लिए अन्य देशों को विशाल पांडा उपहार के रूप में देती है।
यह प्रथा तांग राजवंश (618-907 ई.) के समय से चली आ रही है।
एनिमल डिप्लोमेसी क्या है?
एनिमल डिप्लोमेसी से तात्पर्य राष्ट्रों के बीच मित्रता या सद्भावना के संकेत के रूप में जानवरों को देने या उधार देने की प्रथा से है।
ये जानवर प्रायः सांस्कृतिक महत्त्व रखते हैं या उपहार देने वाले देश के लिए अद्वितीय होते हैं, जिससे वे शक्तिशाली कूटनीतिक उपकरण बन जाते हैं।
उदाहरण
चीन की पांडा कूटनीति: तांग राजवंश में सम्राटों द्वारा पांडा को शांति और सहयोग के प्रतीक के रूप में विदेशी शासकों को उपहार में दिया जाता था।
प्राप्तकर्ता देश प्रायः इन जानवरों की सुरक्षा के लिए कदम उठाता है, जिससे आपसी सहयोग एवं सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।
ऐतिहासिक अभ्यास
प्राचीन काल में शेर, हाथी और जिराफ जैसे विदेशी जानवरों का आदान-प्रदान सामान्य था।
फिरौन हत्शेपसुत (Pharaoh Hatshepsut) (प्राचीन मिस्र के शासक) ने 1500 ईसा पूर्व के आसपास सीरिया के राजा को एक जिराफ उपहार के रूप में भेजा था।
आधुनिक उपयोग
20वीं सदी से, एनिमल डिप्लोमेसी ‘सॉफ्ट पावर’ का एक साधन बन गई है।
यह अब कुछ देशों द्वारा प्रयोग की जाने वाली सार्वजनिक कूटनीतिक रणनीतियों का हिस्सा है।
महत्त्व
‘एनिमल डिप्लोमेसी’ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का निर्माण करने एवं मजबूत करने में मदद करती है।
यह सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती है और राष्ट्रों के बीच सद्भावना को बढ़ावा देती है।
सॉफ्ट पावर रणनीति
किसी राष्ट्र के मूल्यों को प्रदर्शित करने और उसकी वैश्विक अपील को बढ़ाने के लिए जानवरों का उपयोग करना।
उदाहरण: ऑस्ट्रेलिया की ‘कोआला डिप्लोमेसी’ ऑस्ट्रेलियाई संस्कृति और वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को प्रदर्शित करती है।
सहयोगात्मक संरक्षण प्रयास
लुप्तप्राय प्रजातियों और आवासों की रक्षा के लिए संयुक्त पहल से विश्वास और साझेदारी को बढ़ावा मिलता है।
उदाहरण: लुप्तप्राय साइबेरियाई बाघ की रक्षा के लिए रूस एवं चीन के बीच समझौता पर्यावरण सहयोग को मजबूत करता है।
एनिमल डिप्लोमेसी के नकारात्मक प्रभाव
पशु कल्याण को नुकसान
परिवहन एवं कैद में रखने से पशु में तनाव उत्पन्न हो सकता है, जिससे जानवरों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँच सकता है।
उदाहरण: पांडा प्रायः विदेशी जलवायु के अनुकूल नहीं हो पाने के कारण स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं।
राजनीतिक लाभ के लिए शोषण
जानवरों को राजनीतिक वस्तु के रूप में माना जाता है, उनके आंतरिक मूल्य को अनदेखा किया जाता है।
उदाहरण: जानवरों को संरक्षण के लिए प्राथमिकता देने के बजाय उन्हें कूटनीतिक प्रतीकों के रूप में आदान-प्रदान किया जाता है।
प्राकृतिक आवास से विस्थापन
जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण से हटाना पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित करता है और जैव विविधता को नुकसान पहुँचाता है।
उदाहरण: लुप्तप्राय प्रजातियों को उपहार के रूप में लेना स्थानीय पारिस्थितिक संतुलन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
संभावित सांस्कृतिक संघर्ष: पशु उपहार, प्राप्तकर्ता देशों के सांस्कृतिक या नैतिक मूल्यों के साथ टकराव उत्पन्न कर सकते हैं।
उदाहरण: शाकाहारी समुदायों को गाय उपहार में देने से सांस्कृतिक या धार्मिक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
एक बाघ को बचाने के लाभ
पारिस्थितिकी संतुलन: बाघ शाकाहारी आबादी को नियंत्रित करने, अत्यधिक चारण को रोकने और घास, झाड़ियों और जंगलों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
बाढ़ से सुरक्षा: उनकी उपस्थिति वन स्वास्थ्य का समर्थन करती है, जो भूजल निष्कर्षण को धीमा करने में मदद करती है तथा बाढ़, नदी की गाद और समुदायों पर चरम मौसम के प्रभावों के जोखिम को कम करती है।
वन संरक्षण: एक बाघ की रक्षा करने से लगभग 10,000 हेक्टेयर वन का संरक्षण होता है, जिससे विभिन्न प्रजातियों और पारिस्थितिकी तंत्रों को लाभ होता है।
आर्थिक समृद्धि: चितवन राष्ट्रीय उद्यान जैसे क्षेत्रों में बाघ पर्यटन 4,000 से अधिक नौकरियों का सृजन करता है और आगंतुकों के खर्च के माध्यम से स्थानीय घरेलू आय में वृद्धि करता है, प्रत्येक रुपया खर्च करने से स्थानीय आय में 1.78 रुपये की वृद्धि होती है।
नेपाल में टाइगर्स कूटनीति
शिकार कूटनीति (Shikar Diplomacy)
राणा शासन (1846-1951) के दौरान, नेपाल ने तराई क्षेत्र में ब्रिटिश अभिजात वर्ग के लिए भव्य शिकार अभियान आयोजित किए।
इन आयोजनों का उपयोग ब्रिटिशों से राजनीतिक और सैन्य लाभ प्राप्त करने के लिए एक कूटनीतिक उपकरण के रूप में किया गया था।
अत्यधिक शिकार के परिणाम
इस अवधि के दौरान अत्यधिक शिकार गतिविधियों के कारण नेपाल की वन्यजीव आबादी में भारी गिरावट आई।
20वीं सदी के मध्य तक, कई प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर थीं।
कूटनीतिक उपकरण के रूप में अन्य वन्यजीव
नेपाल में लुप्तप्राय जानवरों को उपहार में देने का इतिहास रहा है:
एक सींग वाले गैंडे: वर्ष 1985 से अब तक अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और चीन जैसे देशों को 26 गैंडे निर्यात किए गए हैं।
हाथी: वर्ष2024 में नेपाल ने कतर को दो हाथी उपहार में दिए।
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