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सशस्त्र बल न्यायाधिकरण

Lokesh Pal January 08, 2025 03:05 17 0

संदर्भ

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में रक्षा संबंधी लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए सशस्त्र बल न्यायाधिकरण  (Armed Forces Tribunal- AFT) की पीठ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।

अधिक पीठों की आवश्यकता

  • वर्तमान में, AFT चंडीगढ़ बेंच इन क्षेत्रों के मामलों का प्रबंधन करती है, जिसके कारण काफी देरी होती है।
  • न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर, शिमला और धर्मशाला में सर्किट बेंच स्थापित करने से इस लंबित मामले में काफी कमी आ सकती है।

सशस्त्र बल न्यायाधिकरण 

  • स्थापना: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण भारत में एक सैन्य न्यायाधिकरण है, जिसे सशस्त्र बल न्यायाधिकरण अधिनियम, 2007 के तहत वर्ष 2009 में स्थापित किया गया था।
  • कार्य 
    • न्यायाधिकरण निम्नलिखित से संबंधित विवादों एवं शिकायतों का निपटारा करता है:
      • सेना अधिनियम, 1950, नौसेना अधिनियम, 1957 और वायु सेना अधिनियम, 1950 के तहत कमीशन, नियुक्तियाँ, नामांकन और सेवा शर्तें।
      • उक्त अधिनियमों के तहत कोर्ट-मार्शल के आदेशों, निष्कर्षों या सजाओं से उत्पन्न होने वाली अपीलें।
    • न्यायाधिकरण इन विवादों से जुड़े या प्रासंगिक मामलों का भी प्रबंधन करता है।
  • यदि कोर्ट मार्शल के निष्कर्षों को उचित माना जाता है तो इसके पास अपील को खारिज करने का अधिकार है।
  • प्रिंसिपल, क्षेत्रीय एवं सर्किट बेंच: ये विभिन्न प्रकार की पीठें सशस्त्र बल न्यायाधिकरण को मामलों का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने में सहायता  करती हैं।

पहलू प्रधान पीठ क्षेत्रीय पीठ सर्किट बेंच
प्रकार स्थायी स्थायी अस्थायी
स्थान नई दिल्ली चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, जबलपुर, श्रीनगर एवं जयपुर। आवधिक स्थान
क्षेत्राधिकार राष्ट्रीय क्षेत्रीय विशिष्ट स्थानीयकृत क्षेत्र
उद्देश्य प्रशासनिक एवं न्यायिक।

अन्य पीठों के प्रशासन एवं समन्वय के लिए केंद्रीय प्राधिकरण।

न्याय तक क्षेत्रीय पहुँच बैकलॉग या लंबित मामलों का समाधान।

  • AFT निर्णयों के विरुद्ध अपील: इस मामले को केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में ही उठाया जा सकता है।
  • संरचना: प्रत्येक पीठ में शामिल हैं।
    • एक न्यायिक सदस्य: उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश।
    • एक प्रशासनिक सदस्य: सशस्त्र बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, जो:
      • कम-से-कम तीन वर्षों तक मेजर जनरल (या समकक्ष) या उससे ऊपर के पद पर रहे हों।
      • कम-से-कम एक वर्ष तक जज एडवोकेट जनरल (JAG) के रूप में कार्य किया हो।
  • AFT की कार्यप्रणाली
    • कार्यवाही, सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (प्रक्रिया) नियम, 2008 के अनुसार की जाती है।
    • सभी न्यायाधिकरण की कार्यवाही अंग्रेजी में आयोजित की जाती है।
    • न्यायाधिकरण भारत के उच्च न्यायालयों में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के समान प्रक्रियाओं का पालन करता है।

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