इस चिकित्सीय प्रक्रिया में एंटी-HIV दवाओं का उपयोग करके ‘ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस’(Human Immunodeficiency Virus- HIV) से संक्रमित लोगों का उपचार किया जाता है।
बेहतर उपचार के लिए दवाओं के एक निश्चित समूह का उपयोग किया जाता है (जिसे अक्सर ‘अत्यधिक सक्रिय एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी’ या HAART कहा जाता है), जो HIV के लक्षणों को कम कर देता है।
लाभ
ART नामक चिकित्सीय प्रक्रिया के माध्यम से HIV संक्रमित लोगों की मृत्यु दर को कम किया जा सकता है, फलस्वरूप उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा।
‘ART’ पीड़ित व्यक्तियों में HIV के लक्षण को दबाता है तथा यह HIV विषाणु के संचरण को भी बाधित करता है।
चिकित्सीय प्रक्रिया ART के इस लाभ को ‘अनडिटेक्टेबल इक्वल अनट्रांसमिटेबल’(Undetectable equal Untransmittable) के रूप में भी परिभाषित किया गया है।
निःशुल्क एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) का प्रभाव
रोग के प्रसार में कमी: वर्ष 2023 में 15 से 49 आयु वर्ग के बीच HIV का विस्तार घटकर 0.20 प्रतिशत हो गया है तथा PLHIV के संदर्भ में बीमारी से पीड़ितों की संख्या घटकर 2.4 मिलियन तक आ गई है।
भारत में PLHIV से पीड़ित लोगों की संख्या वैश्विक पीड़ितों की संख्या का 6.3% है, ज्ञात हो कि यह आँकड़ा दो दशक पहले लगभग 10% था।
चिकित्सीय स्थिति: वर्ष 2023 के अंत तक, सभी PLHIV पीड़ितों में से लगभग 82% व्यक्तियों को अपनी HIV स्थिति की जानकारी थी, जबकि 72% पीड़ित चिकित्सीय प्रक्रिया ART का लाभ उठा रहे थे और 68% पीड़ितों में इस विषाणु संबंधी लक्षण दबे हुए थे।
नए संक्रमणों की संख्या में गिरावट: भारत में नए HIV संक्रमणों में वैश्विक औसत 31% (आधारभूत वर्ष 2010) की तुलना में 48% की गिरावट आई है।
मृत्यु दर में कमी: एड्स से संबंधित वार्षिक मृत्यु दर में वैश्विक औसत 47% (आधारभूत वर्ष 2010) के मुकाबले भारत में 82% की गिरावट आई है।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (National AIDS Control Programme- NACP)
NACP की शुरुआत वर्ष 1992 में हुई थी, तब से इस योजना को भारत में HIV एड्स की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है।
पैंतीस वर्ष बाद, NACP दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में से एक है।
इस स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक पाँच अलग-अलग चरण आ चुके हैं।
वर्तमान में, NACP-V को वर्ष 2021 से वर्ष 2026 तक कार्यान्वित किया जा रहा है।
NACP चरण-V
यह एक केंद्रीय योजना है, जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है तथा इस योजना का परिव्यय 15,471.94 करोड़ रुपया है।
उद्देश्य: वर्ष 2025-26 तक HIV संक्रमण के नए मामलों में उल्लेखनीय कमी लाना तथा एड्स से संबंधित मृत्यु दर (आधारभूत वर्ष 2010) को 80% तक कम करना।
इसका उद्देश्य असुरक्षित और वंचित आबादी के लिए गुणवत्तापूर्ण STI/ RTI सेवाओं तक पहुँच को सुनिश्चित करना, HIV/एड्स के संचरण को रोकना तथा इस बीमारी से संबंधित सामाजिक रूढ़ियों और लांछन के प्रति जागरूकता फैलाना।
लक्ष्य: UN AIDS द्वारा सहमत वैश्विक लक्ष्यों के अनुरूप, NACP चरण-V के अंतर्गत वर्ष 2025 तक ‘95-95-95’ के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने का आह्वान किया गया है।
इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के तहत, HIV से प्रभावित सभी लोगों में से 95% पीड़ितों को अपनी HIV स्थिति की उचित जानकारी प्रदान करने की योजना है।
HIV संक्रमण से पीड़ित सभी लोगों में से 95% पीड़ितों को निरंतर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) की सुविधा दी जाएगी।
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी प्राप्त करने वाले सभी लोगों में से 95% पीड़ितों को वर्ष 2025 तक इस विषाणु से मुक्त करने का लक्ष्य है।
लक्ष्य की प्राप्ति में उत्पन्न चुनौतियाँ
ART सुविधाओं से संबंधित नामांकन प्रक्रिया में विलंब।
ART उपचार विधि का समुचित पालन न करना।
ART प्रक्रिया में उपयोग होने वाली दवाओं की निरंतर आपूर्ति और उपलब्धता में रुकावट।
निजी क्षेत्र की सीमित भागीदारी।
कर्मचारियों का निरंतर प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में कमी।
अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों के साथ एकीकरण को मजबूत करने पर ध्यान नहीं देना।
जैसे- हेपेटाइटिस, मानसिक स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग जैसे मधुमेह और उच्च रक्तचाप के साथ एकीकरण को बढ़ावा न देना।
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV)
HIV एक प्रकार का रेट्रोवायरस है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। यदि HIV का उपचार नहीं किया जाता है, तो यह एड्स का कारण बन सकता है।
प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करना: HIV नामक विषाणु श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells- WBCs) और टी-हेल्पर कोशिकाओं (CD4+ cells) को नष्ट कर देता है, जो शरीर की संक्रमण और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए महत्त्वपूर्ण है।
लक्षण: अधिकांश लोगों में संक्रमण के लक्षण 2 से 4 सप्ताह के भीतर दिखाई देते हैं, जो सामान्यतः फ्लू के लक्षणों के समान हैं। इस रोग के लक्षण कुछ दिनों या कई हफ्तों तक रह सकते हैं।
निदान (Diagnosis): एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट असे (Enzyme-Linked Immunosorbent Assay- ELISA) परीक्षण के माध्यम से इस रोग का उपचार किया जा सकता है, जो मानव रक्त में एंटीबॉडी का पता लगाता है।
उपचार
एंटीरेट्रोवायरल उपचार (ART)
स्टेम सेल प्रत्यारोपण (Stem Cell Transplant)
रोकथाम हेतु अन्य उपायों में सुरक्षित यौन संबंध, HIV के लिए परीक्षण और परामर्श आदि शामिल है।
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