100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

एशियाई शेर सर्वेक्षण

Lokesh Pal May 23, 2025 04:14 8 0

संदर्भ

गुजरात में एशियाई शेरों की भारत की अनन्य आबादी वर्ष 2020 से 32% बढ़ी है, जो सफल लेकिन स्थानिक रूप से विस्तारित संरक्षण प्रयासों को दर्शाती है।

एशियाई शेर (Asiatic Lion)

  • वर्गिकीय पहचान: एशियाई शेर [पैंथेरा लियो पर्सिका (Panthera Leo Persica)] आनुवंशिक रूप से अपने अफ्रीकी समकक्ष से अलग है, इसका अयाल एवं आकार छोटा होता है।
  • विशेष रेंज: यह प्रजाति केवल गुजरात में पाई जाती है, जो इसे वैश्विक स्तर पर एक ही भौगोलिक क्षेत्र तक सीमित कुछ बड़ी बिल्ली प्रजातियों में से एक बनाती है।
  • IUCN स्थिति: एशियाई शेर अपनी सीमित आबादी, सीमित सीमा एवं महामारी या पर्यावरणीय आपदाओं के प्रति भेद्यता के कारण IUCN की रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध है।

एशियाई शेर गणना, 2025

  • संख्या वृद्धि: गुजरात में शेरों की आबादी वर्ष 2020 में 674 से बढ़कर वर्ष 2025 में 891 हो गई, जो 32% की वृद्धि है। वयस्क मादाओं की संख्या 27% बढ़कर 330 हो गई, जो मजबूत प्रजनन क्षमता का संकेत है।
  • कोर जोन से परे वितरण: पहली बार, संरक्षित क्षेत्रों (गिर राष्ट्रीय उद्यान एवं पनिया अभयारण्य) के बाहर अधिक शेर पाए गए, जो उनके भीतर की तुलना में महत्त्वपूर्ण सीमा विस्तार को उजागर करता है।
  • दूरस्थ आबादी बढ़ रही है: बरदा वन्यजीव अभयारण्य, जेतपुर, बाबरा-जसदन और गलियारा क्षेत्रों सहित नौ दूरस्थ क्षेत्रों में 22 शेरों की नई आबादी का विकास है, जिससे कुल 497 शेर हो गए हैं।
  • क्षेत्रीय सीमा का विस्तार: शेरों की सीमा वर्ष 2020 में 30,000 वर्ग किमी. से बढ़कर वर्ष 2025 तक 35,000 वर्ग किमी. हो गई, जो प्राकृतिक विस्तार एवं शिकार की उपलब्धता से प्रेरित 16.67% की वृद्धि है।
  • गैर-मुख्य अभयारण्यों में बढ़ती संख्या: मितियाला वन्यजीव अभयारण्य (Mitiyala Wildlife Sanctuary) ने वर्ष 2020 से अपनी शेरों की आबादी को दोगुना करके 32 कर दिया है, जो प्रभावी गलियारा आधारित संरक्षण प्रयासों को दर्शाता है।

वहन क्षमता एवं मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चिंताएँ

  • पारिस्थितिकी सीमाओं के निकट पहुँचना: गुजरात का शिकार आधार 2,000 शेरों तक का समर्थन कर सकता है, लेकिन पारिस्थितिकीय संतृप्ति जोखिम बढ़ रहे हैं। साक्ष्य में मवेशियों के शवों की बढ़ती संख्या और जंगली शिकार तथा बफर क्षेत्रों का संकुचन शामिल है।
  • मानव-वन्यजीव के बीच बढ़ता संघर्ष: कंजर्वेशन बायोलॉजी में किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि पशुधन शिकार का सामना करने वाले गाँवों में 10% वार्षिक वृद्धि हुई है, जबकि प्रति गाँव पशुधन की हत्या में 15% की वृद्धि हुई है।
  • स्थानीय सहिष्णुता पर दबाव: हालांकि सर्वेक्षण में शामिल 61% ग्रामीण, शेरों के प्रति सहनशील बने हुए हैं, लेकिन अध्ययन में सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए भागीदारीपूर्ण और आर्थिक रूप से लाभकारी भूमि-साझाकरण रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
  • स्थानांतरण की आवश्यकता: संरक्षणवादी गुजरात से परे शेरों के लिए नए आवास बनाने की वकालत करते हैं।
    • मध्य प्रदेश में कुनो राष्ट्रीय उद्यान, जो मूल रूप से शेरों के लिए बनाया गया था, एक व्यवहार्य विकल्प बना हुआ है।

प्रोजेक्ट लायन (Project Lion)

  • वर्ष 2020 में शुरू किया गया, प्रोजेक्ट लायन (Project Lion) एक प्रमुख संरक्षण पहल है।
  • उद्देश्य: गुजरात में विशेष रूप से पाई जाने वाली सुभेद्य प्रजाति एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका) के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करना।
  • कार्यान्वयन: इस प्रोजेक्ट को 10 वर्षीय योजना के रूप में तैयार किया गया है, जिसका कार्यान्वयन गुजरात राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के सहयोग से किया जाएगा।

मुख्य केंद्र क्षेत्र

  • परिदृश्य आधारित संरक्षण दृष्टिकोण: प्रोजेक्ट लायन एक भू-दृश्य पारिस्थितिकी आधारित रणनीति अपनाता है, जो संरक्षित क्षेत्रों से परे संरक्षण को बढ़ावा देता है तथा स्थायी शेर आवासों के लिए पारिस्थितिकी तंत्र-स्तरीय योजना पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • आवास पुनर्स्थापन एवं विस्तार: इस परियोजना में क्षरित आवासों के पुनर्स्थापन तथा शेरों की आबादी के विस्तार और संख्या स्थिरता के लिए अतिरिक्त सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान एवं विकास को प्राथमिकता दी गई है।
  • सामुदायिक जुड़ाव एवं आजीविका विकास: स्थानीय समुदायों की भूमिका को मान्यता देते हुए, परियोजना सामुदायिक भागीदारी पर जोर देती है, जिसका उद्देश्य क्षतिपूर्ति एवं जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आजीविका के अवसरों का निर्माण करना और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।
  • स्वास्थ्य एवं रोग प्रबंधन: इस प्रोजेक्ट का एक महत्त्वपूर्ण घटक रोग निगरानी एवं प्रबंधन है, जिसका उद्देश्य भारत को शेर आबादी में महामारी को रोकने के लिए बड़ी बिल्लियों के स्वास्थ्य अनुसंधान, निदान और उपचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.