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Samsul Ansari January 06, 2024 04:38 469 0
संदर्भ
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से तलाकशुदा/विधवाओं (Single Women) और अविवाहित महिलाओं की कुल संख्या पर डेटा माँगा है, जिन्होंने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (Assisted Reproductive Technology- ART) का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। इसका उद्देश्य ART अधिनियम, 2021 के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करना है।
संबंधित तथ्य
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (ART) सेवाएँ क्या हैं?
सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (विनियमन) अधिनियम, 2021
इस अधिनियम की विशेषताएँ
सरोगेसी अधिनियम, 2021
सरोगेसी अधिनियम 2021 | ART अधिनियम 2021 |
पाँच साल तक असुरक्षित यौन संबंध के बाद गर्भधारण करने में असमर्थता को बाँझपन कहा जाता है। | असुरक्षित यौन संबंध के एक वर्ष बाद गर्भधारण करने में असमर्थता को बाँझपन कहा जाता है। |
एक बाँझपन उपचार, जहाँ एक तीसरा पक्ष, एक महिला, सरोगेट माँ होती है। | उपचार का लाभ कमीशनिंग दंपत्ति द्वारा स्वयं लिया जा सकता है और यह हमेशा आवश्यक नहीं है कि कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो। |
सरोगेसी की अनुमति केवल भारतीय विवाहित जोड़ों को ही है। | ART प्रक्रियाएँ विवाहित जोड़ों, लिव-इन पार्टनर्स, एकल महिलाओं एवं विदेशियों के लिए भी खुली हैं। |
भारत में विदेशियों या भारतीय विदेशी नागरिकता (Overseas Citizen of India-OCI) या भारतीय मूल का व्यक्ति (Persons of Indian Origin- PIO) कार्डधारकों द्वारा सरोगेसी करना प्रतिबंधित है, लेकिन भारतीय नागरिकता रखने वाले NRIs सेरोगेसी का लाभ उठा सकते हैं। |
ART अधिनियम 2021 के साथ चुनौतियाँ
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