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क्षुद्रग्रह 2024 YR4 के वर्ष 2032 में पृथ्वी से टकराने की संभावना

Lokesh Pal February 07, 2025 03:18 19 0

संदर्भ

नए खोजे गए क्षुद्रग्रह 2024 YR4 के लगभग आठ वर्षों में पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई जा रही है।

क्षुद्रग्रह 2024 YR4 के बारे में 

  • पृथ्वी के निकट स्थित क्षुद्रग्रह 2024 YR4 की खोज दिसंबर 2024 में चिली के रियो हर्टाडो में ऐसटेराइड टेरेस्टेरियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System-ATLAS) दूरबीन द्वारा की गई थी।

  • आकार एवं प्रभाव क्षमता: इसका आकार फुटबॉल के  मैदान के समान है, जिसका माप 40 से 100 मीटर है।
    • इस आकार का एक क्षुद्रग्रह औसतन प्रत्येक कुछ हजार वर्ष में पृथ्वी से टकराता है और स्थानीय क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
  • जोखिम मूल्यांकन: क्षुद्रग्रह 2024 YR4 को अब ‘टोरिनो इम्पैक्ट हजार्ड स्केल’ (Torino Impact Hazard Scale) पर लेवल 3 पर चिह्नित किया गया है, जो एक नजदीकी टकराव की संभावना है।

क्षुद्रग्रह

  • क्षुद्रग्रह सौरमंडल के निर्माण के बाद बची हुई प्राचीन अंतरिक्ष चट्टानें हैं। 
  • अधिकांश क्षुद्रग्रह, मंगल एवं बृहस्पति की कक्षाओं के बीच पाए जाते हैं, हालाँकि कुछ पृथ्वी के करीब भी आते हैं।

धूमकेतु (Comet)

  • धूमकेतु छोटे बर्फीली संरचना जैसे कण होते हैं, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। उल्लेखनीय है कि धूमकेतु बर्फीली संरचना और धूल से निर्मित होते हैं, जबकि क्षुद्रग्रह चट्टानों से बने होते हैं।

उल्का (Meteor) 

  • उल्का एक अंतरिक्ष चट्टान या उल्का पिंड है, जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, और यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही घर्षण के कारण जलने लगता है इसलिए इसे अक्सर ‘शूटिंग स्टार’ भी कहा जाता है। 
    • जब पृथ्वी के समक्ष कई उल्का पिंडों का आगमन होता है, तो हम इसे उल्का बौछार कहते हैं।

उल्का पिंड (Meteorite)

  • यदि कोई उल्का पिंड पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते हुए पृथ्वी की सतह पर  गिरता है, तो उसे उल्का पिंड कहा जाता है।

क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच अंतर

  • क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के बीच मुख्य अंतर उनकी संरचना है, अर्थात् वे किस पदार्थ से निर्मित हुए हैं।
  • क्षुद्रग्रह धातुओं एवं चट्टानी पदार्थों से निर्मित होते हैं, हालाँकि धूमकेतु बर्फीली संरचना, धूल और चट्टानी पदार्थों से निर्मित होते हैं।
  • क्षुद्रग्रह और धूमकेतु दोनों का निर्माण सौर मंडल के इतिहास में लगभग 4.5 अरब वर्ष पूर्व हुआ था।

क्षुद्रग्रह क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

  • सौरमंडल के निर्माण के साक्ष्य: इन्हें टाइम कैप्सूल माना जाता है, जो प्रारंभिक सौरमंडल से सामग्री को संरक्षित करते हैं।
  • संभावित संसाधन: कुछ क्षुद्रग्रहों में धातु एवं जल जैसे मूल्यवान संसाधन होने का अनुमान है, जिनका भविष्य में खनन किया जा सकता है।
  • पृथ्वी के लिए खतरा: कुछ क्षुद्रग्रहों की कक्षाएँ ऐसी होती हैं, जो उन्हें पृथ्वी के निकट लाती हैं और जबकि प्रभाव दुर्लभ होते हैं, वे पृथ्वी से टकराने पर महत्त्वपूर्ण क्षति पहुँचा सकते हैं।

क्षुद्रग्रह कितनी बार पृथ्वी से टकराते हैं?

  • प्रत्येक दिन हजारों क्षुद्रग्रह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर छोटे होते हैं और वायुमंडलीय घर्षण के कारण जल जाते हैं।
  • विशाल क्षुद्रग्रह (1 किमी. से अधिक व्यास वाले) दुर्लभ हैं, लेकिन ये वैश्विक आपदाओं का कारण बन सकते हैं।
    • उदाहरण: चिक्सुलब क्षुद्रग्रह (66 मिलियन वर्ष पूर्व) ने डायनासोर और पृथ्वी पर 75% जीवन को समाप्त कर दिया था।
  • यहाँ तक ​​कि कुछ छोटे क्षुद्रग्रह (लगभग 40 मीटर चौड़े) भी महत्त्वपूर्ण विनाश का कारण बन सकते हैं।
    • उदाहरण: चेल्याबिंस्क क्षुद्रग्रह (2013), रूस के क्षेत्र में पृथ्वी से टकराया था, जिससे 1,500 लोग घायल हो गए और हजारों इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
  • 40 मीटर के क्षुद्रग्रह का प्रभाव गति और प्रवेश कोण के आधार पर एक विशाल क्षेत्र को नष्ट कर सकता है।

अंतरिक्ष एजेंसियाँ ​​क्षुद्रग्रह दुर्घटनाओं को रोकने की योजना कैसे बनाती हैं?

  • नासा जैसी अंतरिक्ष एजेंसियाँ ​​क्षुद्रग्रहों को पृथ्वी से टकराने और संभावित आपदाओं को रोकने के लिए सक्रिय रूप से ग्रह रक्षा तंत्र विकसित कर रही हैं।
  • डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (Double Asteroid Redirection Test-DART)
    • सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रह रक्षा मिशनों में से एक DART था, जो NASA और जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (Johns Hopkins Applied Physics Laboratory) की एक संयुक्त परियोजना थी।
    • यह NASA द्वारा किया गया पहला ग्रह रक्षा परीक्षण था।
    • वर्ष 2022 में, DART अंतरिक्ष यान जानबूझकर डिमोर्फोस (Dimorphos) नामक एक क्षुद्रग्रह से टकराया था।
      • इस प्रभाव ने सफलतापूर्वक इसके आकार और प्रक्षेप पथ को परिवर्तित कर दिया, जिससे यह सिद्ध हो गया कि अंतरिक्ष एजेंसियाँ ​​किसी क्षुद्रग्रह के पथ को पुनर्निर्देशित कर सकती हैं।
  • अन्य प्रस्तावित समाधान
    • लेजर आधारित विक्षेपण द्वारा क्षुद्रग्रह के भाग को वाष्पीकृत करना।
    • ग्रैविटी ट्रैक्टर, एक अंतरिक्ष यान, जो गुरुत्वाकर्षण का उपयोग करके क्षुद्रग्रह को धीरे-धीरे अपने मार्ग से हटाता है।

‘टोरिनो इम्पैक्ट हजार्ड स्केल’ (Torino Impact Hazard Scale)

  • वर्ष 1999 में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ IAU द्वारा अपनाया गया टोरिनो स्केल, पृथ्वी से टकराव की संभावित घटनाओं को वर्गीकृत करने के लिए एक उपकरण है।
  • 0 से 10 तक का एक पूर्णांक पैमाना, जिसमें संबंधित रंग की कोडिंग है, इसका मुख्य उद्देश्य क्षुद्रग्रह संघट्ट खतरे की निगरानी करके सार्वजनिक संचार को सुविधाजनक बनाना है।
  • यह पैमाना संभावित घटना की संभावना एवं परिणामों को दर्शाता है, लेकिन संभावित प्रभाव तक शेष समय पर विचार नहीं करता है।
  • अधिक असाधारण घटनाओं को उच्च टोरिनो स्केल मान द्वारा इंगित किया जाता है।

ऐसटेराइड टेरेस्टेरियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System-ATLAS)

  • एटलस हवाई विश्वविद्यालय द्वारा विकसित और नासा द्वारा वित्तपोषित एक क्षुद्रग्रह प्रभाव प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है। 
  • इसमें चार दूरबीनें (हवाई ×2, चिली, दक्षिण अफ्रीका) शामिल हैं, जो प्रत्येक रात्रि कई बार पूरे आकाश को स्वचालित रूप से स्कैन करती हैं और गतिशील वस्तुओं की तलाश करती हैं। 
  • एटलस, क्षुद्रग्रह के आकार के आधार पर चेतावनी समय प्रदान कर सकता है, पृथ्वी से दूर बड़े क्षुद्रग्रहों का पता लगाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह चेतावनी नेटवर्क (International Asteroid Warning Network-IAWN)

  • NASA की अध्यक्षता में IAWN, क्षुद्रग्रह ट्रैकिंग और विशेषता संबंधी वर्णन में शामिल संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह के समन्वय के लिए जिम्मेदार है।
  • यदि उपयुक्त हो, तो IAWN क्षुद्रग्रह प्रभाव परिणामों के विश्लेषण और किसी भी आवश्यक शमन प्रतिक्रियाओं की योजना बनाने में विश्व सरकारों की सहायता करने के लिए एक रणनीति विकसित करेगा।

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