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स्वायत्त उपग्रह

Lokesh Pal May 29, 2025 05:32 55 0

संदर्भ 

स्वायत्त उपग्रहों की शुरुआत से संबंधित यह लेख AI-संचालित उपग्रहों और उनसे जुड़ी कानूनी जटिलताओं को रेखांकित करता है।

स्वायत्त उपग्रहों के बारे में

  • ये उपग्रह उन्नत तकनीकों और एल्गोरिदम से युक्त हैं, जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), जो उन्हें बहुत कम या बिना किसी मानवीय भागीदारी के संचालित करने की अनुमति देता है।

  • AI, उपग्रहों को तार्किक मशीनों में बदल देता है, जो मानवीय इनपुट के बिना निर्णय लेने में सक्षम हैं।
  • ‘सैटेलाइट एज कंप्यूटिंग’ का उपयोग इन उपग्रहों द्वारा अपने परिवेश का विश्लेषण करने और स्वायत्त रूप से कार्य करने के लिए किया जाता है।
    • ‘सैटेलाइट एज कंप्यूटिंग’ एक ऐसी तकनीक है, जिसमें डेटा प्रोसेसिंग को स्रोत के निकट लाया जाता है, न कि पूरी तरह से ग्राउंड स्टेशनों या क्लाउड-आधारित प्रणालियों पर निर्भर किया जाता है।

प्रमुख अनुप्रयोग

  • स्वचालित संचालन – डॉकिंग, निरीक्षण, मलबा हटाना तथा कक्षा में ही ईंधन भरना।
  • स्व-निदान और मरम्मत – दोषों का पता लगाना तथा मानवीय हस्तक्षेप के बिना मरम्मत करना।
  • मार्ग अनुकूलन- ईंधन बचाने तथा खतरों से बचने के लिए कक्षाओं को कुशलतापूर्वक समायोजित करना।
  • भू-स्थानिक खुफिया जानकारी – आपदाओं का पता लगाना और वास्तविक समय में अन्य उपग्रहों के साथ समन्वय करना।
  • सैन्य समर्थन- AI-संचालित उपग्रह स्वायत्त निगरानी और जुड़ाव के साथ सैन्य अभियानों में सहायता कर सकते हैं।

अंतरिक्ष में AI संबंधी खतरे

  • AI द्वारा उत्पन्न फेक न्यूज: जिस तरह AI पृथ्वी पर फेक न्यूज उत्पन्न कर सकता है, उसी तरह यह अंतरिक्ष में डेटा की गलत व्याख्या कर सकता है। एक उपग्रह किसी हानिरहित वस्तु को खतरे के रूप में समझ सकता है, जिससे खतरनाक परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।
  • भू-राजनीतिक परिणाम – गलत अनुमान (नियमित अंतरिक्ष गतिविधियों को खतरे के रूप में समझना) के परिणामस्वरूप कूटनीतिक विरोध या अंतरराष्ट्रीय विवाद हो सकते हैं।
  • कानूनी जटिलता – यदि AI द्वारा संचालित उपग्रह टकराव का कारण बनता है तो अस्पष्ट उत्तरदायित्व डेवलपर्स, ऑपरेटरों, लॉन्च करने वाले राज्यों या स्वयं AI पर आ सकता है।
  • नैतिक और भू-राजनीतिक चिंताएँ
    • हथियारीकरण का जोखिम: AI-संचालित उपग्रहों का उपयोग स्वायत्त हथियारों के रूप में किया जा सकता है, जिससे हथियारों की दौड़ की आशंका बढ़ जाती है।
    • डेटा गोपनीयता और दुरुपयोग: उपग्रह भारी मात्रा में डेटा एकत्र करते हैं, जिससे गोपनीयता के उल्लंघन का जोखिम होता है।

कानूनी एवं प्रशासनिक चुनौतियाँ

  • मौजूदा अंतरिक्ष कानून उपग्रहों पर मानव नियंत्रण मानते हैं, लेकिन AI स्वायत्तता इसे चुनौती देती है।
  • बाह्य अंतरिक्ष संधि (1967) और देयता सम्मेलन (1972) AI के कारण होने वाली घटनाओं के लिए उत्तरदायित्त्व को परिभाषित नहीं करते हैं।
    • बाह्य अंतरिक्ष संधि (1967) एक अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय संधि है, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून का आधार बनती है।
      • यह बाह्य अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में राज्यों की गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
    • अंतरिक्ष में प्रक्षेपित वस्तुओं से क्षति के लिए अंतरराष्ट्रीय दायित्व अभिसमय , 1972 (Convention on International Liability for Damage Caused by Space Objects)-  इस अभिसमय ने वर्ष 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि (Outer Space Treaty) के प्रावधानों को और अधिक स्पष्ट व व्यावहारिक रूप दिया।
      • संधि में स्पष्ट किया गया है कि अंतरिक्ष वस्तुओं से होने वाले नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है।

अंतरिक्ष में AI के लिए कानूनी और तकनीकी समाधान

  • स्वायत्तता के स्तर को परिभाषित करना: स्व-चालित कारों की तरह, उपग्रहों को इस आधार पर वर्गीकृत किया जाना चाहिए कि AI की स्वतंत्रता के लिए कठोर विनियमन के साथ वे कितने स्वायत्त हैं ।
  • मानव निरीक्षण: अंतरिक्ष कानूनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मनुष्य अनपेक्षित कार्यों को रोकने के लिए स्वायत्त उपग्रहों पर सार्थक नियंत्रण बनाए रखें।
  • प्रतिकूल परीक्षण: AI सिस्टम को यह जाँचने के लिए तनाव परीक्षण से गुजरना चाहिए कि वे अप्रत्याशित स्थितियों, जैसे सेंसर विफलताओं या टकराव के खतरों पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
  • निर्णय संबंधी रिकॉर्ड: उपग्रहों को विवादों के मामले में समीक्षा के लिए अपने प्रमुख निर्णयों, जैसे संचलन संबंधी डेटा को रिकॉर्ड करना चाहिए।

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