गुजरात वन विभाग ने गिर वन से लगभग 100 किलोमीटर दूर बारदा वन्यजीव अभयारण्य (BWS) में चित्तीदार हिरण और साँभरों को स्थानांतरित करने की पहल की है।
संबंधित तथ्य
उद्देश्य: इस प्रयास का उद्देश्य बारदा वन्यजीव अभयारण्य में एशियाई शेरों के लिए शिकार की आबादी को बढ़ाना है।
इस महीने वन अधिकारियों ने बोमा तकनीक का उपयोग करके गिर से 23 चित्तीदार हिरणों को पकड़ा और उन्हें पोरबंदर स्थित बारदा वन्यजीव अभयारण्य (BWS) में पहुँचाया।
बोमा तकनीक (Boma Technique): इस पद्धति में जानवरों को बाड़ का उपयोग करके पकड़ा जाता है।
गिर वन से बारदा वन्यजीव अभयारण्य (BWS) में चित्तीदार हिरण और साँभर को स्थानांतरित करने का कारण
शेरों की पुनर्स्थापना का समर्थन: शेर लंबे समय के बाद बारदा वन्यजीव अभयारण्य लौट रहे हैं, किंतु इस क्षेत्र में उनके जीवनयापन के लिए पर्याप्त शिकार की कमी है।
हिरणों और साँभरों को इस क्षेत्र में स्थानांतरित करने से शेरों के लिए भोजन का स्रोत उपलब्ध होगा।
पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्स्थापित करना: बारदा में ऐतिहासिक रूप से शेर निवास करते थे तथा उनकी पुनर्स्थापना से प्राकृतिक संतुलन को पुनर्स्थापित करने में सहायता मिलेगी।
गिर वन की आबादी का प्रबंधन
गिर वन में चित्तीदार हिरणों की बड़ी आबादी है। (90,000 से अधिक)
हिरणों को थोड़ी संख्या में स्थानांतरित करने से गिर की आबादी को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी तथा दूसरी ओर बारदा में शेरों की संख्या बढ़ेगी।
बारदा वन्यजीव अभयारण्य (Barda Wildlife Sanctuary- BWS)
अवस्थिति: यह गुजरात राज्य में पोरबंदर से लगभग 15 किलोमीटर और गिर वन राष्ट्रीय उद्यान से 100 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है।
क्षेत्रफल: 192.31 वर्ग किलोमीटर में फैला पहाड़ी इलाका।
नदियाँ: इस वन्यजीव अभयारण्य से बिलेश्वरी और जोघरी नदियाँ बहतीं हैं।
बाँध: दो बाँध खंबाला और फोडारा स्थित है।
नृजातीय समुदाय: यह क्षेत्र मालधारी, भरवाड़, रबारी और गढ़वी जैसे नृजातीय समूहों का निवास है।
विकास परियोजना: बारदा वन्यजीव अभयारण्य को एशियाई शेरों के लिए द्वितीयक निवास स्थान के रूप में स्थापित करने हेतु वर्ष 1979 में राज्य सरकार द्वारा ‘गिर-बारदा परियोजना’ की शुरुआत की गई थी।
वनस्पति (Flora)
महत्त्वपूर्ण वृक्ष: इस अभयारण्य में रेयान, बबूल, बेर, जामुन, अमली, गोराद, बाँस, धव, धुधलो और अन्य वृक्ष पाए जाते हैं।
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