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भारत पूर्वानुमान प्रणाली

Lokesh Pal May 27, 2025 03:12 106 0

संदर्भ

हाल ही में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत पूर्वानुमान प्रणाली (Bharat Forecasting System- BFS) का अनावरण किया।

संबंधित  तथ्य

  • कमीशनिंग प्राधिकरण: मॉडल को परिचालन उपयोग के लिए आधिकारिक तौर पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department-IMD) को सौंप दिया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बारे में

  • IMD भारतीय उपमहाद्वीप में मौसम के व्यवस्थित अवलोकन, नियमित रिपोर्टिंग और वैज्ञानिक पूर्वानुमान के लिए निर्मित शुरुआती सरकारी विभागों में से एक है। 
    • IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक के रूप में कार्य करता है।
  • स्थापना: IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी और श्री एच.एफ. ब्लैनफोर्ड को भारत सरकार का मौसम विज्ञान रिपोर्टर नियुक्त किया गया था।
  • नोडल मंत्रालय: IMD  पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन एक एजेंसी है।
  • मुख्यालय: यह दिल्ली में स्थित है।
    • इसके छह क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (Regional Meteorological Centres- RMC) हैं।
  • उद्देश्य: IMD भारतीय उपमहाद्वीप के लिए मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान संबंधी पूर्वानुमान प्रस्तुत करता है।

भारत पूर्वानुमान प्रणाली (Bharat Forecasting System-BFS) के बारे में

  • BFS देश का पहला स्वदेशी रूप से विकसित उच्च-रिजॉल्यूशन युक्त मौसम पूर्वानुमान मॉडल है।
  • संबंधित संस्था: भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology-IITM), पुणे।

भारत पूर्वानुमान प्रणाली की मुख्य विशेषताएँ

  • उच्च स्थानिक समाधान: BFS, 6 किमी. x 6 किमी. माप के स्थानिक समाधान प्रदान करता है, जो वैश्विक मौसम मॉडल में सर्वाधिक है।
    • इसे 3 किमी. और 1 किमी. तक विस्तृत करने के प्रयास संचालित हो रहे हैं।
  • तीव्र प्रोसेसिंग पॉवर: यह मॉडल IITM में नए स्थापित अर्का सुपरकंप्यूटर पर संचालित होता है, जिसकी प्रोसेसिंग क्षमता 11.77 पेटाफ्लॉप और 33 पेटाबाइट स्टोरेज है।
  • प्रदर्शन दक्षता: अर्का मॉडल रन-टाइम को 10 घंटे (पहले प्रत्यूष सुपरकंप्यूटर पर) से घटाकर केवल 4 घंटे कर देता है, जिससे समय पर और कुशल पूर्वानुमान तैयार करना संभव हो जाता है।
  • डॉपलर रडार का उपयोग: BFS पूरे भारत में 40 डॉपलर मौसम रडार से डेटा को शामिल करता है। व्यापक कवरेज के लिए इस नेटवर्क को 100 रडार तक विस्तारित किया जाना है।
  • भौगोलिक सीमा: मॉडल 30°S से 30°N तक विस्तृत उष्णकटिबंधीय क्षेत्र के लिए पूर्वानुमान प्रदान कर सकता है, जो पूरे भारतीय मुख्य भूमि को शामिल करता है।

BFS का उद्देश्य और अनुप्रयोग

  • पूर्वानुमान की सटीकता में वृद्धि: BFS क्षेत्र इकाई को 144 वर्ग किमी. (12 किमी. x 12 किमी.) से घटाकर 36 वर्ग किमी. (6 किमी. x 6 किमी.) करके स्थानीय मौसम की घटनाओं के लिए पूर्वानुमान की सटीकता में उल्लेखनीय सुधार करता है।
  • आपदा जोखिम में कमी: उच्च-रिजॉल्यूशन पूर्वानुमान चक्रवात, अचानक बाढ़ और तीव्र वर्षा जैसी चरम मौसम की घटनाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी देने में सहायता करते हैं।
  • कृषि के लिए सहायता: पंचायत स्तर के पूर्वानुमान फसल नियोजन, सिंचाई प्रबंधन और जलवायु तनावों से सुरक्षा में सहायता कर सकते हैं।

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology-IITM)

  • IITM वायुमंडलीय और जलवायु विज्ञान पर केंद्रित एक प्रमुख शोध संस्थान है।
  • स्थापना: IITM की स्थापना वर्ष 1962 में भारत मौसम विज्ञान विभाग के तहत की गई थी और वर्ष 1971 में यह स्वायत्त हो गया।
  • मंत्रालय संबद्धता: यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences- MoES) के तहत कार्य करता है।
  • मुख्यालय: IITM का मुख्यालय पुणे, महाराष्ट्र में है।
  • अनुसंधान भूमिका: यह मानसून की गतिशीलता, जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण और बादल संबंधी भौतिकी पर उन्नत शोध करता है।
  • मुख्य सुविधाएँ: संस्थान में “प्रत्युष” और अन्य शीर्ष स्तरीय सुपरकंप्यूटर हैं और यह अवलोकन नेटवर्क तथा प्रयोगशालाओं का प्रबंधन करता है।

  • जल संसाधन प्रबंधन: सटीक वर्षा पूर्वानुमान जलाशय प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण और जल वितरण योजना में सहायता करते हैं।
  • सार्वजनिक सुरक्षा और शहरी नियोजन: वास्तविक समय और स्थानीय पूर्वानुमान नागरिक निकायों, आपदा प्रतिक्रिया टीमों तथा शहरी प्रशासकों के लिए तैयारी एवं योजना में सुधार करते हैं।
  • अल्पकालिक पूर्वानुमान: BFS अगले दो घंटों के लिए बहुत कम दूरी के पूर्वानुमानों को उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है, जो तेजी से विकसित हो रही मौसम प्रणालियों के प्रबंधन के लिए महत्त्वपूर्ण है।

BFS का महत्त्व

  • पूर्वानुमान में आत्मनिर्भरता: BFS विदेशी पूर्वानुमान मॉडल पर निर्भरता कम करता है और मौसम विज्ञान में भारत की स्वदेशी क्षमता को बढ़ाता है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: यूरोप, UK और US के वैश्विक मॉडल 9-14 किमी रिजॉल्यूशन पर कार्य करते हैं, BFS अपने 6 किमी. ग्रिड पूर्वानुमान के साथ उनसे आगे है।
  • रणनीतिक अनुप्रयोग: बेहतर मौसम पूर्वानुमान से विमानन, रक्षा संचालन, बिजली उत्पादन और परिवहन जैसे क्षेत्रों को लाभ होने की उम्मीद है।

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