हाल ही में भारतीय वायु सेना ने एक विमान से एयरड्रॉप के माध्यम से आगरा में भीष्म पोर्टेबल क्यूब्स का परीक्षण किया।
संबंधित तथ्य
यह पहली बार है, जब भारतीय वायु सेना ने इस पोर्टेबल अस्पताल का एयरड्रॉप परीक्षण किया है।
भीष्म पोर्टेबल क्यूब्स (अस्पताल)
परिचय
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, भीष्म पोर्टेबल क्यूब्स ‘प्रोजेक्ट भीष्म’ नाम की व्यापक पहल का एक हिस्सा है।
यह सहयोग, हित और मैत्री के लिए भारत की एक स्वास्थ्य पहल है जो तीव्र प्रतिक्रिया के माध्यम से 200 घायलों के उपचार के लिए तैयार की गई है।
उद्देश्य
इस परीक्षण का उद्देश्य पोर्टेबल अस्पताल को कहीं भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात करना है।
विशेषताएँ
ये क्यूब आपात स्थिति के दौरान आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता को बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए कई नवीन उपकरणों से सुसज्जित हैं।
यह क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय की निगरानी और कुशल प्रबंधन की सुविधा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स को भी एकीकृत करता है।
इस पूरी इकाई में आसानी से परिवहन योग्य 72 घटक शामिल हैं, जिन्हें आसानी से हाथ, साइकिल या ड्रोन द्वारा भी ले जाया जा सकता है।
जब बड़े पैमाने पर हताहत होने की घटनाओं में, जहाँ बुनियादी सहायता से लेकर उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल तक की आवश्यकता होती हैं, यह एड क्यूब 12 मिनट के भीतर तैनात होने की अपनी क्षमता के साथ खड़ा है।
ये क्यूब्स मजबूत, जलरोधक और हल्के हैं, जिन्हें विभिन्न विन्यासों के लिए डिजाइन किया गया है।
जो उन्हें विभिन्न आपातकालीन परिदृश्यों के लिए आदर्श बनाते हैं।
पूर्व उदाहरण
इस वर्ष की शुरुआत में 22 जनवरी को अयोध्या में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान, चिकित्सा तैयारियों और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए दो आरोग्य मैत्री आपदा प्रबंधन क्यूब-भीष्म इकाइयों को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया था।
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