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Samsul Ansari January 11, 2024 06:23 309 0
संदर्भ
टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल (TMH), मुंबई, कैंसर का पता लगाने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI) के माध्यम से कैंसर विशेषज्ञों की कमी को दूर कर रहा है।
जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बारे में
राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (NCG)
संबंधित तथ्य
बायोसेंसिंग: प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी जीवित प्रणाली द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिद्धांतों के आधार पर लक्षित अणुओं का पता लगाना।
बायोइमेजिंग: इसमें अवलोकन के लिए स्थिर जैविक सामग्री का दृश्यांकन (Visualizing) करने की विधियाँ शामिल हैं।
‘बायो-इमेजिंग बैंक’ क्या है?
परिभाषा
यह नैदानिक जानकारी, परिणाम सांख्यिकी, उपचार विशिष्ट और अतिरिक्त मेटाडेटा से जुड़ी रेडियोलॉजी एवं पैथोलॉजी छवियों का एक संकलन है।
प्रणाली: यह अधिक सटीक निदान और उपचार के लिए कोशिकाओं, ऊतकों और शरीर रचना में जैविक प्रक्रियाओं के गैर-आक्रामक दृश्य निरूपण (Non-invasive visual representations) के लिए प्रकाश के साथ बायोसेंसिंग का उपयोग करता है।
कैंसर की पहचान में AI की भूमिका है
रोगी डेटा का उपयोग: विस्तृत इमेजिंग के माध्यम से उत्पन्न व्यापक रोगी डेटा व्यवहार, उपचार प्रतिक्रिया, रोग पुनरावृत्ति और जीवन प्रत्याशा को समझने में मदद करता है।
भविष्य में कैंसर और ट्यूमर के इलाज में AI का उपयोग
AI के उपयोग के साथ चुनौतियाँ
निष्कर्ष
कैंसर और इसके इलाज के संदर्भ में स्वास्थ्य देखभाल के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदलने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
हालाँकि, स्वास्थ्य देखभाल में AI के निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से उपयोग के लिए पक्षपातपूर्ण डेटा, नियम और अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे जैसी सभी चुनौतियों को हल करना बहुत ही आवश्यक है।
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