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बायोचार DDT-दूषित मिट्टी के जोखिम को कम करता है

Lokesh Pal January 20, 2025 04:25 20 0

संदर्भ

स्वीडन के चाल्मर्स यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा DDT को बायोचार के साथ जोड़कर पारिस्थितिकी जोखिमों का प्रबंधन करने की एक नई विधि विकसित की गई है।

अनुसंधान के बारे में

  • यह दक्षिणी स्वीडन में 23 हेक्टेयर DDT-दूषित पूर्व वृक्ष नर्सरी पर बायोचार को दूषित मिट्टी में मिलाकर किया गया तीन वर्ष का अध्ययन है।
  • अनुसंधान
    • मृदा में केंचुओं द्वारा DDT का अवशोषण आधा रह गया। 
    • बायोचार में DDT को कुशलतापूर्वक बाँधने की क्षमता पाई गई है, ताकि मृदा के जीव इसे ग्रहण न कर सकें।
  • महत्त्व
    • पर्यावरणीय जोखिमों के कारण निम्नीकृत एवं अनुपयोगी भूमि पर कुछ फसलों की कृषि को सक्षम बनाना।
    • बेहतर मृदा स्वास्थ्य: बायोचार एक पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद है एवं प्रदूषकों को बाँधता है तथा मृदा में मिलाए जाने पर मृदा के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
    • लागत प्रभावी समाधान: बायोचार का उत्पादन वहनीय है, इसलिए विकृत मृदा के पुनर्वास के लिए यह एक लागत प्रभावी समाधान है।
    • जलवायु परिवर्तन शमन: जलवायु परिवर्तन शमन के लिए बायोचार का मिश्रण भी उपयोगी है क्योंकि यह मृदा में कार्बन के दीर्घकालिक भंडारण में योगदान कर सकता है।

डाइक्लोरोडाइफेनिलट्राइक्लोरोइथेन (DDT)

  • DDT एक जहरीला, मानव निर्मित, खतरनाक रसायन है, जो एक स्थायी कार्बनिक प्रदूषक (POPs) भी है, जिसे पहली बार वर्ष 1874 में संश्लेषित किया गया था।
  • कीटनाशक गुण: DDT के कीटनाशक गुणों की खोज वर्ष 1939 में वेक्टर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए की गई थी एवं इसका उपयोग फसलों तथा पशुधन उत्पादन, संस्थानों, घरों एवं बगीचों में कीटों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता था।
  • प्रभाव
    • जैव संचय: DDT विकासात्मक एवं प्रजनन संबंधी असामान्यताओं से जुड़े सेवन के साथ मनुष्यों तथा जानवरों के वसायुक्त ऊतकों में जैव संचय करता है।
    • कार्सिनोजेनिक: DDT को मनुष्यों के लिए ‘संभवतः कैंसरकारी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है एवं यह प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर सकता है तथा ‘सेक्स लिंक्ड हार्मोन’ को बाधित कर सकता है।
    • सर्वव्यापी: DDT एक POP है एवं इसका व्यापक उपयोग पर्यावरण में स्थिर एवं निरंतर है, इसके अवशेष आर्कटिक, अंटार्कटिक, खुले महासागरों तथा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों जैसे प्रत्येक स्थान पाए जाते हैं।
    • पशु स्वास्थ्य: DDT मछली तथा समुद्री अकशेरुकी जीवों के लिए अत्यधिक विषैला होता है।
    • अंतःस्रावी अवरोधक: DDT अत्यधिक स्थिर है एवं वसा ऊतक में जमा हो सकता है, इसलिए यह सभी जीवित जीवों के ऊतकों में पाया जा सकता है। 
    • मृदा स्वास्थ्य: DDT का व्यापक रूप से कृषि में कीटनाशक के रूप में उपयोग किया जाता था एवं इसके परिणामस्वरूप मृदा के स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता था, जिससे यह अनुर्वर हो जाती थी।
      • वर्ष 1962 में, राचेल कार्सन ने DDT पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्राकृतिक दुनिया पर कीटनाशकों के विनाशकारी प्रभाव का दस्तावेजीकरण करते हुए “द साइलेंट स्प्रिंग” प्रकाशित किया।
  • भारत में DDT
    • भारत ने वर्ष 1972 तक DDT के कृषि उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया।
    • उपयोग: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय DDT का एकमात्र उपभोक्ता है। 
      • इसका उपयोग ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में मलेरिया संक्रमित घरों तथा इमारतों में दीवारों पर DDT का छिड़काव करके वेक्टर जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
    • नोडल मंत्रालय: रसायन, पेट्रोकेमिकल एवं उर्वरक विभाग (DCP) DDT के उत्पादन एवं आपूर्ति की देखरेख करने वाली नोडल समिति है।
      • भारत वर्ष 2008 से वैश्विक स्तर पर DDT का एकमात्र उत्पादक है।

  • चरणबद्ध समाप्ति: वर्ष 2014 में, भारत को स्टॉकहोम कन्वेंशन के तहत वर्ष 2024 तक DDT को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए 10 वर्षों के लिए पहला विस्तार मिला। 
    • कन्वेंशन ने DDT एवं अन्य जहरीले रसायनों के उत्पादन तथा उपयोग को गैर-कानूनी घोषित कर दिया था एवं इसे मच्छर के नियंत्रण तक सीमित कर दिया था।
  • निर्यात: भारत बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, जांबिया, मोजांबिक, नामीबिया एवं जिम्बाब्वे को रसायन निर्यात करता है।

बायोचार

  • बायोचार एक कोयला जैसा पदार्थ है, जो नियंत्रित प्रक्रिया में कृषि एवं वानिकी अपशिष्ट (जिसे बायोमास भी कहा जाता है) से कार्बनिक पदार्थ को जलाकर बनाया जाता है। 
    • बायोचार कार्बन को स्थिर रूप में परिवर्तित करता है एवं चारकोल के अन्य रूपों की तुलना में स्वच्छ होता है।
  • कच्चा माल: यह बायोमास स्रोतों जैसे लकड़ी के पतले टुकड़े, पौधों के अवशेष, खाद या अन्य कृषि अपशिष्ट उत्पादों से बनाया जाता है।

  • प्रक्रिया: पायरोलिसिस के दौरान बायोचार का उत्पादन होता है, ऑक्सीजन-सीमित वातावरण में बायोमास का थर्मल अपघटन पायरोलिसिस कहा जाता है। 
  • भौतिक गुण: बायोचार काला, अत्यधिक छिद्रपूर्ण, हल्का, महीन दाने वाला एवं 70 प्रतिशत कार्बन से बना है।
  • लाभ
    • बायोचार कंक्रीट या डामर जैसी निर्माण सामग्री की गुणवत्ता में सुधार करने में सिद्ध हुआ है।
    • इसका व्यापक रूप से पशुओं के स्वास्थ्य के लिए चारे के रूप में उपयोग किया जाता है।
    • यह आर्द्रता को नियंत्रित करने में मदद करता है, विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करता है, लाभकारी सूक्ष्मजीवों को बढ़ावा देता है।

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