ब्लैक होल (Black Hole) के कारण निर्मित वास्तविक छाया की पुष्टि ‘इवेंट होराइजन टेलीस्कोप‘ (Event Horizon Telescope) द्वारा की गई है।
संबंधित तथ्य
वैज्ञानिकों ने 53 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक विशाल नए ब्लैक होल का पता लगाया है, जिसे पहली बार वर्ष 2017 में पृथ्वी से इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope-EHT) द्वारा देखा गया था।
इसे ब्लैक होल के अस्तित्व के संबंध में पहला ठोस प्रमाण के रूप में देखा जा सकता है, जो आइंस्टीन की सामान्य सापेक्षता सिद्धांत (General Relativity) के आधार पर की गई भविष्यवाणी की पुष्टि भी करता है।
इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (Event Horizon Telescope-EHT) द्वारा की गई मुख्य खोजें
बेहतर आवर्द्धक क्षमता (Resolution) और विस्तृत क्षेत्र: पहले की तुलना में EHT के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता वाली तस्वीरें विस्तृत क्षेत्र में ली जा सकती हैं।
बेहतर अंतर्दृष्टि (Insights): क्षितिज के निकट की गतिशील घटनाओं को भी कैद किया जा सकता है।
चमकीला वलय (Bright Ring) और अंधेरा मध्य क्षेत्र: इसके माध्यम से पुनः उसी आकार के एक चमकीले वलय को देखा गया है, जिसके केंद्र में अंधेरा है एवं वलय का एक किनारा दूसरे की तुलना में अधिक चमकीला है।
अनियमित वलय संरचना (Asymmetric Ring Structure): खोजकर्ताओं ने गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग (Lensing) के अनुरूप एक अनियमित वलय संरचना की उपस्थिति की पुष्टि की है।
स्थिर वलय निर्माण प्रक्रिया: खोजकर्ताओं ने स्थिर वलय निर्माण प्रक्रिया तथा उनसे जुड़ी अन्य भौतिक विशेषताओं का दावा किया है।
यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग से निर्मित पृथ्वी पर विभिन्न आठ स्थानों से सामूहिक रूप से संचालित किया जाने वाली रेडियो दूरबीन है।
उद्देश्य: इसका निर्माण ब्लैक होल (Black Hole) की तस्वीरें खींचने के लिए किया गया था। साथ ही, यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड में नई खोज करने में सुविधा प्रदान करता है।
प्रौद्योगिकी का उपयोग:EHT (Event Horizon Telescope) ब्लैक होल की तस्वीरों को कैद करने के लिए वेरी-लॉन्ग-बेसलाइन इंटरफेरोमेट्री (Very Long Baseline Interferometry) नामक तकनीक का उपयोग करता है।
ब्लैक होल (Black Hole)
ब्लैक होल मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति वाला एक ब्रह्मांडीय संरचना है, जो सभी वस्तुओं को अपनी ओर खींच लेता है, यहाँ तक कि प्रकाश भी उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बच नहीं सकता है।
ब्लैक होल का निर्माण: जब किसी विशाल तारे की ऊर्जा खत्म हो जाती है, तो वह टूट जाता है तथा प्राप्त मलवा उसके वजन के नीचे दबकर ब्लैक होल का निर्माण करता है।
उच्च गुरुत्वाकर्षण: NASA ने ब्लैक होल की तीव्रता के संबंध में दावा किया है कि ‘सूर्य के बीस गुने द्रव्यमान को 16 किमी. आकार के ब्लैक होल में आसानी से समाहित किया जा सकता है’।
आँखों के लिए अदृश्य: ब्लैक होल का मजबूत गुरुत्वाकर्षण सभी वस्तुओं और प्रकाश को अपनी ओर खींच लेता है, इसलिए उन दृश्यों एवं घटनाओं को दूरबीन या नग्न आँखों से देखना संभव नहीं है क्योंकि उस स्थान से प्रकाश परावर्तित नहीं होता है।
द्रव्यमान: छोटे ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग पाँच से बीस गुना हो सकता है तथा एक विशाल ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से लाखों-अरबों गुना बड़ा हो सकता है।
आइंस्टीन का सामान्य सापेक्षता सिद्धांत (Theory of General Relativity): इस सिद्धांत के अनुसार, जब एक विशाल तारे की ऊर्जा समाप्त हो जाती है तो उसमें विस्फोट होता है, जिसके फलस्वरूप अत्यधिक घनत्व वाला अवशेष प्राप्त होता है। यदि इस अवशेष का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से लगभग तीन गुना अधिक हो जाता है, तो इसका गुरुत्वाकर्षण बल अन्य सभी बलों पर हावी हो जाता है तथा इस तरह ब्लैक होल का निर्माण होता है।
गुरुत्वाकर्षण सिंगुलरिटी (Gravitational Singularity): यह अधिक घनत्व और अत्यंत छोटे आयतन वाले ब्लैक होल का केंद्र बिंदु है, जिस बिंदु पर सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, स्थान और समय विकृत हो जाते हैं। ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल उसकी विलक्षणता से उत्पन्न होता है।
घटना क्षितिज (Event Horizon): कोई भी प्रकाश ब्लैक होल की गुरुत्वाकर्षण सतह से बच नहीं सकता है तथा इस सतह को ‘घटना क्षितिज’ कहा जाता है।
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