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बोस मेटल

Lokesh Pal March 05, 2025 03:32 40 0

संदर्भ

नाइओबियम डाइसेलेनाइड (Niobium Diselenide-NbSe2) में बोस मेटल के गुण होने की प्रबल संभावनाएँ दिखाई दी हैं, जैसा कि चीन एवं जापान के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक हालिया  रिपोर्ट में पाया है।

शोध के बारे में

  • प्रकाशन: यह शोध फिजिकल रिव्यू लेटर्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
  • विषय: यह वर्णन करना कि पदार्थ का घनत्व कम होने पर NbSe2 में असामान्य धात्विक अवस्था (AMS) कैसे उत्पन्न होती है। 
  • प्रौद्योगिकी: रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया गया कि पतले NbSe2 में सुपरकंडक्टिंग अवस्था में आए बिना ही कूपर बॉण्ड मौजूद थे और जब टीम ने इसका घनत्व बढ़ाया तो पदार्थ का हॉल प्रतिरोध (Hall Resistance) समाप्त हो गया।
  • निष्कर्ष
    • नियोबियम डाइसेलेनाइड (NbSe2) की परमाणु रूप से पतली फिल्मों में बोस मेटल से संबंधित साक्ष्य पाए गए हैं।
      • मिश्रित अवस्था: NbSe2 कम तापमान पर अतिचालक बन जाता है, लेकिन इसमें अतिरिक्त ‘क्षमताएँ’ होती हैं, अर्थात् चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति के साथ अतिचालक की भाँति व्यवहार करता है।
    • टाइप-II सुपरकंडक्टर: जब चुंबकीय क्षेत्र की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ाई जाती है, तो NbSe2 मिश्रित अवस्था में प्रवेश कर जाता है और अतिचालक बना रहता है, लेकिन चुंबकीय क्षेत्र के विस्तार के बिना छोटे, पृथक स्थानों में प्रवेश करने की अनुमति भी देता है।
      • एक धातु में अतिचालकता एवं चुंबकीय क्षेत्र एक साथ मौजूद नहीं हो सकते है।
    • अतिचालक पतन: जब चुंबकीय क्षेत्र लगातार शक्तिशाली होता जाता है, तो ऊपरी सीमा से आगे अतिचालक अवस्था समाप्त हो जाएगी एवं NbSe2 अपनी अतिचालक-पूर्व अवस्था में वापस आ जाएगी।
    • हॉल प्रतिरोध का लुप्त होना: NbSe2 में हॉल प्रतिरोध समाप्त हो गया, जो यह संकेत देता है कि इसके आवेश-वाहक इलेक्ट्रॉनों के बजाय कूपर बॉण्ड हैं।
      • हॉल प्रतिरोध: यह वोल्टेज से जुड़ा प्रतिरोध है, जो लंबवत दिशा में विकसित होता है जब नियमित धातु का एक टुकड़ा चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है और इसमें विद्युत धारा  प्रवाहित की जाती है। 

महत्त्व

  • यह गैर-अतिचालक पदार्थ में अतिचालकता के क्षेत्रों और एक ही पदार्थ में अतिचालक और गैर-अतिचालक चरणों के सह-अस्तित्व के आसपास केंद्रित हैं। 
  • अव्यवस्थित धातुओं को समझना: अव्यवस्थित धातुओं को समझने के लिए AMS का अध्ययन करना महत्त्वपूर्ण है। 
    • उनके पास विचलित गुण हैं, जो पूरी तरह से समझ में नहीं आते हैं एवं उनका अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को विभिन्न क्वांटम प्रक्रियाओं की जाँच करने में सहायता मिलेगी।

बोस मेटल के बारे में

  • बोस मेटल एक सैद्धांतिक अवधारणा है, जो सिद्धांत रूप में, तथाकथित असामान्य धातु अवस्था (Anomalous Metallic State-AMS) के देखे गए गुणों के लिए जिम्मेदार हो सकती है, जो नियमित धातु अवस्था से भिन्न होती है
    • बोस मेटल के अस्तित्व का केवल विशिष्ट सामग्रियों में ही अनुमान लगाया गया है, लेकिन उनके अस्तित्व का कोई भौतिक प्रमाण अभी तक नहीं मिला है।
  • निर्माण: बोस मेटल कूपर बॉण्ड से बनी होती हैं, जो अतिचालकता और सुपरइंसुलेशन के बीच एक मध्यवर्ती चरण के रूप में अतिचालक परतों में बहुत कम तापमान पर निर्मित होती हैं।
  • विशेषताएँ
    • असामान्य धात्विक अवस्था (Anomalous Metallic State-AMS): बोस मेटल AMS का एक प्रकार हैं, जहाँ व्यवहार विशिष्ट धात्विक गुणों से भिन्न होता है। 
    • कूपर बॉण्ड: ये इलेक्ट्रॉनों के जोड़े हैं, जो बहुत कम तापमान पर कुछ सामग्रियों में बन सकते हैं एवं अतिचालकता के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। 
    • कोई अतिचालकता नहीं: बोस मेटल में, हालाँकि कूपर बॉण्ड बनते हैं, लेकिन वे अतिचालकता समरूपता स्थापित नहीं करते हैं, यानी वे अतिचालकता अवस्था में परिवर्तित नहीं होते हैं जहाँ विद्युत धारा शून्य प्रतिरोध के साथ प्रवाहित हो सकती है। 
    • मध्यवर्ती अवस्था: बोस मेटल एक सामान्य धातु एवं एक अतिचालक के बीच एक मध्यवर्ती अवस्था के रूप में मौजूद होती हैं, जो संघनित पदार्थ भौतिकी के पारंपरिक सिद्धांतों को चुनौती देती हैं। 
    • चालकता: पारंपरिक धातुओं के विपरीत, बोस मेटल ऐसी चालकता प्रदर्शित करती हैं, जो शून्य (इन्सुलेशन) एवं अनंत (अतिचालकता) के बीच पूर्ण शून्य तापमान पर रहती है।
  • बोस मेटल की सीमाएँ
    • कोई व्यावहारिक अनुप्रयोग नहीं: बोस मेटल केवल सैद्धांतिक रूप में मौजूद हैं, अभी तक इसका कोई प्रत्यक्ष औद्योगिक या तकनीकी अनुप्रयोग नहीं मिला है।
    • प्रायोगिक चुनौतियाँ: बोस मेटल के अस्तित्व को समझने के लिए प्रयोगों में भारी निवेश की आवश्यकता है, जिससे तापमान, मोटाई और चुंबकीय क्षेत्र पर सटीक नियंत्रण प्राप्त किया जा सके, जिसे प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
    • अभी तक परिभाषित नहीं: वैज्ञानिक में इस तथ्य पर असहमत हैं कि बोस मेटल अलग-अलग क्वांटम अवस्थाएँ हैं या संक्रमणकालीन चरण है, जिससे उनके लक्षण वर्णन में अनिश्चितता होती है।
    • स्थानीयकरण: बोस मेटल की अवस्था अव्यवस्थित प्रणालियों में मौजूद हो सकती हैं, यदि अव्यवस्था इतनी प्रबल हो कि कुछ युग्मों को स्थानीयकृत कर सके, तथा संक्रमण के शीर्ष पर धात्विक अवस्था उत्पन्न की जा सके।

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