हाल ही में अमेरिकी शीर्ष न्यायालय ने ‘बम्प स्टॉक’ उपकरणों पर संघीय प्रतिबंध को गैर-कानूनी घोषित कर दिया।
वर्ष 2017 में लॉस वेगास में गोलीबारी के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में बम्प स्टॉक उपकरणों को अवैध घोषित कर दिया गया था।
बम्प स्टॉक उपकरण
ये ऐसे उपकरण हैं, जो सेमीऑटोमैटिक बंदूक को ट्रिगर के एक बार खींचने पर एक से अधिक बार शूट करने की अनुमति देते हैं, जिससे सेमीऑटोमैटिक बंदूक की रिकॉइल एनर्जी का उपयोग किया जाता है,जिससे ‘ट्रिगर रीसेट’ हो जाता है एवं शूटर द्वारा ट्रिगर के अतिरिक्त फिजिकल मैन्यूपुलेशन के बिना फायरिंग जारी रहती है।
प्रेरणा स्थल का उद्घाटन
16 जून को प्रेरणा स्थल का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा किया गया।
पृष्ठभूमि
देश की आजादी, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पुनर्जागरण तथा आजादी के बाद इसकी लोकतांत्रिक यात्रा को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रख्यात नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियाँ पूरे संसद परिसर में स्थापित की गई हैं।
हालाँकि, इन मूर्तियों के बिखरे हुए स्थानों के कारण आगंतुकों के लिए इन्हें आसानी से देखना जटिल हो गया।
इसे संबोधित करने के लिए, सभी मूर्तियों को सम्मानपूर्वक संसद भवन परिसर के भीतर एक भव्य ‘प्रेरणा स्थल’ में स्थानांतरित किया जा रहा है।
प्रेरणा स्थल के बारे में
प्रेरणा स्थल संसद भवन परिसर के भीतर एक चिह्नित क्षेत्र है। जहाँ महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी महाराज एवं भीम राव अंबेडकर सहित प्रमुख मूर्तियों को उनके मूल स्थान से स्थानांतरित कर दिया गया है।
अध्यक्ष की अनुमति से स्थानांतरण:संसद भवन परिसर लोकसभा के माननीय अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है। अध्यक्ष की अनुमति से मूर्तियों को परिसर के भीतर स्थानांतरित किया जा रहा है।
गांधी एवं अंबेडकर की मूर्तियों का महत्त्व
प्रतीकात्मक विरोध स्थल: दोनों प्रतिमाएँ वर्षों से सांसदों द्वारा विरोध एवं प्रदर्शन के लिए केंद्रीय स्थान रही हैं।
प्रेरणा स्थल का महत्त्व
स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना: प्रेरणा स्थल में देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन एवं योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक की भी सुविधा होगी, जिससे आगंतुकों को उनकी विरासत की गहरी समझ तथा सराहना मिलेगी।
पुनर्विकास योजना का हिस्सा: महात्मा गांधी एवं अंबेडकर की मूर्तियों का स्थानांतरण नए संसद भवन के निर्माण के बाद संसदीय परिसर के पुनर्विकास की योजना का हिस्सा था।
आगंतुकों की सुविधा: प्रेरणा स्थल को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि संसद परिसर में आने वाले आगंतुक इन महान विभूतियों की प्रतिमाओं को सुविधाजनक रूप से देख सकें एवं उनके जीवन के अनुभवों से प्रेरित हो सकें।
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