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विज्ञान के लिए बजट आवंटन

Lokesh Pal February 12, 2025 02:58 9 0

संदर्भ

केंद्रीय बजट 2025 में कॉरपोरेट्स और स्टार्टअप्स सहित निजी क्षेत्र में अनुसंधान को समर्थन देने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के लिए धन के आवंटन पर अधिक ध्यान दिया गया।

अनुसंधान और नवाचार पर बजट की मुख्य बिंदु

  • अनुसंधान और विकास के लिए प्रमुख वित्तपोषण
    • कॉरपोरेट और स्टार्टअप सहित निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) को ₹20,000 करोड़ आवंटित किए गए।
    • डीपटेक और सनराइज सेक्टर में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए जुलाई 2024 में घोषित ₹1 लाख करोड़ के कॉर्पस फंड का निर्धारण किया गया।
      • इसका उद्देश्य प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ाना है।

डीपटेक (Deeptech) और सनराइज (Sunrise) सेक्टर क्या हैं?

  • डीपटेक वैज्ञानिक या इंजीनियरिंग नवाचारों से संबंधित वैज्ञानिक उन्नति से संबंधित है।
    • इसके लिए व्यापक अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता है।
    • इसमें विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं:-
      • क्वांटम कंप्यूटिंग
      • रोबोटिक्स एवं ऑटोमेशन
      • नैनोटेक्नोलॉजी
      • बायोटेक्नोलॉजी और सिंथेटिक बायोलॉजी
      • कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग।
  • सनराइज सेक्टर
    • ये क्षेत्र तेजी से बढ़ते उद्योग हैं।
    • वे अक्सर भारी निवेश एवं नवाचार को आकर्षित करते हैं।
    • उदाहरण के लिए: पवन, सौर और अन्य ऊर्जा स्रोतों से नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन।
      • जैव प्रौद्योगिकी: स्वास्थ्य सेवा, पर्यावरण और कृषि जैसे क्षेत्रों में नवाचार।

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी पहल को मजबूत करना
    • नवाचार को गति देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करना।
    • प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों में शामिल हैं:-
      • AI और क्वांटम मिशन 
      • नए घोषित मिशन
        • परमाणु ऊर्जा मिशन [स्माल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR)]
        • राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन (वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹100 करोड़)
        • उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन
        • स्वच्छ प्रौद्योगिकी पहल
        • अटल टिंकरिंग लैब्स और शिक्षा केंद्रों में AI
  • जैव प्रौद्योगिकी और जैव विनिर्माण को बढ़ावा
    • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) को 3,446.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए (पिछले वर्ष की तुलना में 51.45% की वृद्धि)।
    • नवाचार और जैव-उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘बायो-राइड’ (Bio-RIDE) योजना का शुभारंभ।
    • फोकस
      • जीन-एडिटिंग, व्यक्तिगत चिकित्सा और संधारणीय कृषि।
      • आनुवंशिक संसाधनों का लक्षण-निर्धारण (जैसे- चना जैसी दालों का अनुक्रमण)।
      • BioE3 नीति के तहत भारत के जैव-विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करना।
  • CSIR के विज्ञान और औद्योगिक अनुसंधान के लिए समर्थन
    • राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ संरेखित CSIR मिशन
      • सुगंध और पुष्पकृषि मिशन → कृषि-जिला पहल का समर्थन करता है।
      • बाजरा एवं कपास मिशन → खाद्य सुरक्षा और कपड़ा उद्योग को मजबूत करता है।
      • स्वदेशी विनिर्माण और स्मार्ट पैकेजिंग मिशन → औद्योगिक विकास को बढ़ावा देता है।
      • ग्रीन हाइड्रोजन मिशन → स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण का लक्ष्य रखता है।
      • युवा कौशल → जिज्ञासा कार्यक्रम अटल टिंकरिंग लैब्स का पूरक है।
      • महिला सशक्तीकरण: समुद्री शैवाल मिशन तथा सीखो एवं कमाओ कार्यक्रम।
  • परमाणु ऊर्जा और सुरक्षा में विस्तार
    • लक्ष्य: वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा को 100 गीगावाट तक बढ़ाना।
    • भारत के ऊर्जा परिवर्तन में सहायता के लिए स्माल मॉड्यूलर रिएक्टर (Small Modular Reactors-SMR) शुरू किए गए।
    • परमाणु दायित्व और क्षति अधिनियम, 2010 में संशोधन की योजना, जिससे विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है।
  • चुनौतियाँ एवं चिंताएँ
    • जिज्ञासा-प्रेरित अनुसंधान में कमी: बजट मौलिक अनुसंधान के बजाय मिशन-मोड परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।
      • उदाहरण के लिए: IISc और IISER के लिए फंडिंग कम होने के कारण बुनियादी विज्ञान अनुसंधान की गति मंद हो गई है।
        • UGC, जो सभी विश्वविद्यालयों को फंड देता है, ने पिछले वर्ष अपने बजट में भारी कटौती (5,360 करोड़ रुपये से 2,500 करोड़ रुपये तक) देखी गई है।
    • शोध निधि में नौकरशाही संबंधी बाधाएँ व्याप्त हैं।
    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत विश्वविद्यालयों में सुधार के बावजूद IIT (8.4%) बनाम केंद्रीय विश्वविद्यालयों (4.3%) के लिए उच्च समर्थन।
  • अनुशंसा
    • वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान में बड़ा परिव्यय: वैज्ञानिक भारत के सपने को साकार करने के लिए, विज्ञान और तकनीक में सकल घरेलू उत्पाद के 3% तक के बड़े परिव्यय की आवश्यकता है।
      • उपर्युक्त के अलावा, शिक्षा बजट को 6% तक बढ़ाने की आवश्यकता है।

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