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ब्लू शीप, हिमालयन आइबेक्स का अनुमान लगाने के लिए गणना अभ्यास

Lokesh Pal May 27, 2024 03:09 116 0

संदर्भ

हिमाचल प्रदेश में वन्यजीव अधिकारियों ने गणना के एक भाग के रूप में सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य ब्लू शीप [जिन्हें भारल (Bharal) भी कहा जाता है।] और हिमालयन आइबेक्स की आबादी का अनुमान लगाना है, जो हिम तेंदुए का प्राथमिक शिकार हैं।

संबंधित तथ्य

  • फील्ड सर्वेक्षण: राष्ट्रीय संरक्षण फाउंडेशन एवं वन्यजीव प्रभाग, स्पीति (Spiti) के फील्ड कर्मचारी अगले 15 दिनों तक क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण इलाके का सर्वेक्षण करेंगे, जो चीनी-नियंत्रित तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है।
    • सर्वेक्षण डबल-ऑब्जर्वर सर्वेक्षण तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है।
  • वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध: लाहुल एवं स्पीति में ब्लू शीप और हिमालयन Ibex सहित सभी प्रकार के वन्यजीवों के शिकार पर पूर्ण प्रतिबंध है।

हिम तेंदुए (Snow Leopard)

  • वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा अन्सिया (Panthera Uncia)
  • संकेतक प्रजातियाँ: खाद्य जाल में शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी स्थिति के कारण, वे उस पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के संकेतक के रूप में कार्य करते हैं, जिसमें वे निवास करते हैं।
  • पर्यावास: मध्य एशिया एवं भारतीय उपमहाद्वीप।
  • हिम तेंदुओं का भौगोलिक वितरण: अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान।

  • भारत में हिम तेंदुए का भौगोलिक वितरण: जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और हिमाचल प्रदेश।
    • लद्दाख के हेमिस नेशनल पार्क (Hemis National Park) में हिम तेंदुए की अधिक संख्या मौजूद है एवं इसे दुनिया की हिम तेंदुए की राजधानी (Snow Leopard Capital of the World) के रूप में भी जाना जाता है।

संकेतक प्रजातियाँ (Indicator Species) क्या हैं?

  • परिचय: एक संकेतक प्रजाति वह है, जिसका अस्तित्व अन्य प्रजातियों के समूह की उपस्थिति का संकेत देता है, लेकिन इसकी अनुपस्थिति पूरे समूह के समक्ष खतरे को दर्शाती है।
  • विशेषताएँ: सूक्ष्मजीव एवं पौधे दोनों संकेतक प्रजातियों के रूप में कार्य कर सकते हैं। 
    • ये प्रजातियाँ अक्सर अपने परिवेश के साथ अंतर्संबंधित होती हैं, जो उन्हें किसी भी बदलाव के प्रति बहुत संवेदनशील बनाती है।
  • संकेतक प्रजातियों के उदाहरण: लाइकेन (Lichen), चित्तीदार उल्लू (Spotted Owl), मेफ्लाइ (Mayflie) और साल्मन (Salmon)।

  • खतरे: पर्यावास का विनाश, आक्रामक प्रजातियाँ, जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण, जो सामूहिक रूप से उनके अस्तित्व पर अभूतपूर्व प्रभाव डालते हैं।
  • सुरक्षा की स्थिति 
    • IUCN स्थिति: सुभेद्य (Vulnerable) 
    • लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (Convention on International Trade of Endangered Species): परिशिष्ट I (Appendix I) 
    •  वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972: अनुसूची I (Schedule I)
  • वैश्विक संरक्षण उपाय 
    • प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड (PSL): इसे हिम तेंदुओं और उनके आवास के संरक्षण के लिए एक समावेशी एवं भागीदारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2009 में लॉन्च किया गया था।
      • हिम तेंदुआ पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के लिए 21 गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में है।
  • सिक्योर हिमालय (SECURE Himalaya): वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF)-संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने उच्च ऊँचाई वाली जैव विविधता के संरक्षण एवं प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थानीय समुदायों की निर्भरता को कम करने पर परियोजना को वित्तपोषित किया।
  • हिमाल संरक्षक: हिम तेंदुओं की सुरक्षा के लिए वर्ष 2020 में एक सामुदायिक स्वयंसेवक कार्यक्रम के रूप में लॉन्च किया गया।
  • वैश्विक हिम तेंदुआ और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण (Global Snow Leopard and Ecosystem Protection- GSLEP) कार्यक्रम: हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए एक अंतरसरकारी गठबंधन के रूप में बिश्केक घोषणा (2013) के माध्यम से वर्ष 2013 में GSLEP का गठन किया गया था।
    • संबद्ध राष्ट्र: अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान।
    • सचिवालय: बिश्केक, किर्गिस्तान

हिमालयन आइबेक्स (Himalayan Ibex)

  • स्थानीय नाम: टैंग्रोल (Tangrol)।
  • IUCN स्थिति (भारत के संदर्भ में): कम चिंताग्रस्त (Least Concern)।
  • विशेषताएँ
    • इसे इसके आकृतियुक्त सींगों एवं दाढ़ी से पहचाना जाता है, जो इनके अवैध शिकार का मुख्य कारण है।
    • नर हिमालयन आइबेक्स के सींग मादाओं की तुलना में अधिक लंबे, अधिक भारी उभार वाले एवं घुमावदार होते हैं और उनके सींग आकार में भी बड़े होते हैं।
  • व्यवहार: आइबेक्स हमेशा सर्दियों में कम ऊँचाई पर नहीं जाता है और ज्यादातर काफी ऊँचाई पर रहता है। 
  • वितरण: लद्दाख का ट्रांस हिमालय क्षेत्र और ग्रेटर हिमालय एवं जम्मू एवं कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के पीर पंजाल।

ब्लू शीप (भारल)

  • परिवार समूह: अकेले या 20 से कम जानवरों के छोटे समूह में, जिनमें लगभग पूरी तरह से एक ही प्रकार की प्रजाति (नर या मादा) शामिल होती है।

  • मुख्य शिकारी: हिम तेंदुआ, तेंदुआ, माउंटेन फैक्स, टैनी ईगल (Tawny Eagle)।
  • वितरण: हिमालय में पर्वतीय क्षेत्र एवं चीन का सिचुआन क्षेत्र।

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