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कैली फंड

Lokesh Pal March 01, 2025 04:21 8 0

संदर्भ

हाल ही में जैव विविधता वित्त को बढ़ावा देने के लिए एक नया अंतरराष्ट्रीय कोष, जिसका नाम है, “कैली फंड” रोम में जैविक विविधता पर कन्वेंशन के COP-16 में लॉन्च किया गया था।

संबंधित तथ्य 

  • कैली फंड: यह आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम सूचना (Digital Sequence Information on Genetic Resources- DSI) के उपयोग से होने वाले लाभों के निष्पक्ष एवं न्यायसंगत वितरण के  संदर्भ में है।
  • स्वीकृति: कैली फंड आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम सूचना के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों के निष्पक्ष एवं न्यायसंगत बँटवारे पर एक बहुपक्षीय तंत्र का हिस्सा था, जिसे वर्ष 2022 में CBD के COP 15 में कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढाँचे के साथ अपनाया गया था।
    • स्थापना: फंड को आधिकारिक तौर पर कोलंबिया में वर्ष 2024 में COP-16 में बनाया गया था, जो DSI से लाभ साझा करने के लिए एक वैश्विक प्रणाली स्थापित करता है।
  • लक्ष्य: यह निधि वर्ष 2030 तक जैव विविधता के नुकसान को रोकने एवं उसे उलटने के कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क (KMGBF) के लक्ष्य C तथा लक्ष्य 13 को पूरा करने की दिशा में एक अगला कदम है।
  • प्रबंधन: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एवं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) इस निधि का प्रबंधन करेंगे।
  • मेजबान: ‘मल्टी-पार्टनर ट्रस्ट फंड ऑफिस’ (MPTFO) प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करेगा।
  • सचिवालय: कैली फंड सचिवालय की मेजबानी ‘कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी’ (CBD) सचिवालय द्वारा की जाएगी।
  • उद्देश्य: जैव विविधता कार्रवाई के लिए निजी क्षेत्र से धन जुटाना, CBD के तीन उद्देश्यों एवं कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा (KMGBF) के कार्यान्वयन के समर्थन में जैव विविधता वित्त के लिए एक नए युग की शुरुआत करना।
  • तंत्र
    • निजी क्षेत्र का योगदान: निधि को निजी क्षेत्र से प्रत्यक्ष योगदान प्राप्त होगा क्योंकि आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम जानकारी का व्यावसायिक उपयोग करने वाली कंपनियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने व्यावसायिक राजस्व का एक हिस्सा निधि में योगदान दें।
    • लाभार्थी: कैली फंड संसाधनों का कम-से-कम 50 प्रतिशत स्वदेशी लोगों एवं स्थानीय समुदायों की आवश्यकताओं के लिए आवंटित किया जाएगा, जिसमें महिलाएँ तथा युवा शामिल हैं।
    • योगदानकर्ता: DSI के उपयोग पर अत्यधिक निर्भर क्षेत्रों में बड़ी कंपनियाँ एवं अन्य प्रमुख संस्थाएँ जैसे
      • फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, पौधे एवं पशु प्रजनन तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी, औद्योगिक जैव प्रौद्योगिकी, आनुवंशिक संसाधनों एवं सूचना पर DSI के अनुक्रमण तथा उपयोग से जुड़े प्रयोगशाला उपकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित आनुवंशिक संसाधनों पर DSI से संबंधित वैज्ञानिक एवं तकनीकी सेवाएँ।
  • छूट: शैक्षणिक, सार्वजनिक डेटाबेस, सार्वजनिक शोध संस्थान एवं संबंधित क्षेत्रों में काम करने वाली लेकिन DSI पर निर्भर नहीं रहने वाली कंपनियों को कैली फंड में योगदान से छूट दी गई है।
  • महत्त्व
    • जैव विविधता संरक्षण परियोजनाओं का समर्थन: यह फंड संपूर्ण विश्व में विभिन्न जैव विविधता संरक्षण परियोजनाओं की सफलता एवं समर्थन में योगदान देगा।
    • जैव विविधता कार्य योजनाओं को लागू करने में सहायता: यह फंड KMGBF एवं CBD के तहत विकासशील देश पक्षों द्वारा राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियों तथा कार्य योजनाओं (NBSAPs) के वितरण का समर्थन करेगा।
    • वैज्ञानिक अनुसंधान को निधि: यह कोष जैव विविधता पर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा एवं देशों द्वारा DSI उत्पन्न करने, उपयोग करने, विश्लेषण करने तथा संगृहीत करने के तरीके में मौजूदा अंतराल को कम करेगा।
    • सामूहिक कार्रवाई: यह कोष जैव विविधता के समर्थन में सामूहिक कार्रवाई शुरू करने में अग्रणी होगा क्योंकि यह पहली बार निजी क्षेत्र को अपने दायरे में लाता है।

आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम सूचना (DSI) 

  • आनुवंशिक संसाधनों पर डिजिटल अनुक्रम सूचना एक ‘प्लेसहोल्डर’ शब्द है, जिसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय नीति चर्चाओं में किया जाता है, विशेष रूप से जैविक विविधता पर कन्वेंशन के तहत, DNA, RNA और प्रोटीन अनुक्रमों सहित अभौतिकीकृत आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त डेटा को संदर्भित करने के लिए।
  • क्षेत्र: DSI एवं इसके निहितार्थों पर विभिन्न उपकरणों के तहत सक्रिय रूप से चर्चा की जाती है, जिसमें शामिल हैं:-
    • जैविक विविधता पर कन्वेंशन, खाद्य एवं कृषि के लिए पादप आनुवंशिक संसाधनों पर अंतरराष्ट्रीय संधि, WHO महामारी इन्फ्लूएंजा तैयारी रूपरेखा तथा समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन।
  • महत्त्व
    • DSI सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा, जैव विविधता, पौधे एवं पशु प्रजनन तथा विकास अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए आवश्यक है।
    • संरक्षण एवं सतत् उपयोग: DSI मानव, पशु एवं पौधों के स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन शमन तथा पर्यावरण जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए आनुवंशिक संसाधनों के संरक्षण एवं सतत् उपयोग के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है।
    • पर्यावरण एवं जैविक अनुसंधान: यह जीवन एवं विकास के आणविक आधार को समझने में योगदान देता है तथा यह बताता है कि जीन थेरेपी किस तरह बीमारियों के लिए नए इलाज, नए ऊर्जा स्रोत एवं अन्य नए उत्पाद प्रदान करती है।
    • शमन प्रयास: यह वर्गीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खतरे में पड़ी प्रजातियों के लिए जोखिम की पहचान एवं शमन, अवैध व्यापार पर नजर रखना, उत्पादों की भौगोलिक उत्पत्ति की पहचान करना तथा संरक्षण प्रबंधन की योजना बनाना।

जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के बारे में

  • CBD जैव विविधता के संरक्षण, जैव विविधता के घटकों के सतत् उपयोग एवं आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से प्राप्त लाभों के न्यायसंगत बँटवारे के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संधि है।
  • स्वीकृति: CBD को वर्ष 1992 में रियो डी जेनेरियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाया गया था।
  • सदस्यता: यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि है, जिसमें 196 देशों ने कन्वेंशन की पुष्टि की है।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका एकमात्र संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश है, जिसने इसकी पुष्टि नहीं की है।
  • सचिवालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा।
  • उद्देश्य
    • जैविक विविधता (आनुवंशिक विविधता, प्रजाति विविधता एवं आवास विविधता) का संरक्षण।
    • जैविक विविधता का सतत् उपयोग।
    • आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से उत्पन्न होने वाले लाभों का उचित एवं न्यायसंगत बँटवारा।
  • प्रोटोकॉल
    • कार्टाजेना प्रोटोकॉल: यह वर्ष 2003 में लागू हुआ एवं इसका उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी के परिणामस्वरूप आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों (GMO) द्वारा उत्पन्न संभावित जोखिमों से जैविक विविधता की रक्षा करना है।
      • पक्षकार देश: वर्तमान में इसमें 173 देश सम्मलित हैं।
      • फोकस: यह जैव विविधता एवं मानव स्वास्थ्य पर उनके संभावित प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, जीवित संशोधित जीवों के सुरक्षित परिवहन, हैंडलिंग तथा उपयोग पर है।
    • नागोया प्रोटोकॉल: यह वर्ष 2014 में लागू हुआ एवं आनुवंशिक संसाधनों से प्राप्त लाभों के निष्पक्ष तथा न्यायसंगत बँटवारे के लिए प्रदाताओं एवं उपयोगकर्ताओं को एक पारदर्शी द्विपक्षीय कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
      • सदस्य: इसमें 141 पक्षकार सम्मलित हैं।

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता ढाँचे के बारे में

  • यह वर्ष 2030 तक जैव विविधता की रक्षा एवं उसे बहाल करने तथा वर्ष 2050 तक प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने वाले विश्व के वैश्विक दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ढाँचा है।
  • इसे वर्ष 2022 में जैविक विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के पार्टियों के सम्मेलन (COP-15) की पंद्रहवीं बैठक के दौरान अपनाया गया था।
  • लक्ष्य: यह फ्रेमवर्क वर्ष 2050 के लिए 4 लक्ष्य एवं वर्ष 2030 के लिए 23 उप-लक्ष्य प्रदान करता है तथा आयची जैव विविधता लक्ष्यों (Aichi Biodiversity Targets) का स्थान लेता है।

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