100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

FCRA पंजीकरण रद्द करना

Lokesh Pal March 19, 2025 03:42 53 0

संदर्भ

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) पंजीकरण रद्द करने के विरुद्ध दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

संबंधित तथ्य

  • रद्द करने का आधार: कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव का FCRA पंजीकरण जून 2021 में निलंबित कर दिया गया था।
    • सुरक्षा संबंधी चिंताएँ: रद्द करना कथित तौर पर सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी पर आधारित था।
    • CHRI के विरुद्ध आरोप: अधिकारियों ने विदेशी निधियों के संदिग्ध लेनदेन या दुरुपयोग का हवाला दिया था।

कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) के बारे में

  • CHRI एक स्वतंत्र, अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन (NGO) है, जो पूरे कॉमनवेल्थ में मानवाधिकारों को बढ़ावा देने एवं उनकी रक्षा करने के लिए समर्पित संगठन है।
  • यह मानवाधिकार जवाबदेही एवं नीतिगत सुधारों को सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान, वकालत, क्षमता निर्माण तथा जमीनी स्तर पर लामबंदी के माध्यम से कार्य करता है।
  • स्थापना: CHRI की स्थापना वर्ष 1987 में कॉमनवेल्थ आधारित संगठनों के गठबंधन द्वारा की गई थी, जिसमें कॉमनवेल्थ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन, कॉमनवेल्थ लॉयर्स एसोसिएशन एवं कॉमनवेल्थ मेडिकल एसोसिएशन शामिल हैं।
  • मुख्यालय: CHRI नई दिल्ली (भारत), लंदन (UK) एवं अकरा (घाना) स्थित कार्यालयों से संचालित होता है, जिससे यह वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार मुद्दों पर कार्य कर सकता है।
  • CHRI की गतिविधियाँ
    • पुलिस एवं जेल सुधारों के माध्यम से न्याय तक पहुँच की सिफारिश करना। 
    • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं मीडिया अधिकारों पर कार्य करना। 
    • संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार तंत्र के साथ नागरिक समाज की भागीदारी का समर्थन करना।
    • मानव तस्करी एवं आधुनिक दासता विरोधी पहलों का नेतृत्व करना। 
    • SAMDEN (साउथ एशिया मीडिया डिफेंडर्स नेटवर्क) एवं राष्ट्रमंडल 8.7 नेटवर्क के संस्थापक के रूप में कार्य करना। 
  • CHRI जवाबदेही, समावेशिता एवं सशक्तीकरण के मूल्यों को बनाए रखता है, अपने मिशन को राष्ट्रमंडल सिद्धांतों तथा संयुक्त राष्ट्र SDGs के साथ संरेखित करता है। 

विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के बारे में 

  • विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA): भारत में गैर-सरकारी संगठनों एवं संघों द्वारा प्राप्त विदेशी धन को नियंत्रित करता है। 
  • उद्देश्य: सुनिश्चित करता है कि विदेशी योगदान राजनीतिक या अन्य संवेदनशील गतिविधियों को प्रभावित न करें। 
  • नियामक निकाय: गृह मंत्रालय अनुपालन का नियमन करता है एवं अधिनियम को लागू करता है। 
  • हाल के मुद्दे: कई गैर-सरकारी संगठनों को कथित उल्लंघनों के कारण FCRA पंजीकरण के निलंबन का सामना करना पड़ा है।

FCRA पंजीकरण निलंबन के आधार

  • FCRA प्रावधानों का उल्लंघन: यदि कोई संगठन विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 या वर्ष 2020 में किए गए संशोधनों के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
  • विदेशी अंशदान का दुरुपयोग: यदि निधियों का दुरुपयोग किया जाता है, डायवर्ट किया जाता है, अथवा अधिनियम के तहत अनुमत उद्देश्यों के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है, तो निलंबन लागू किया जा सकता है।
  • राष्ट्रीय संप्रभुता एवं सुरक्षा के लिए खतरा: यदि किसी NGO की गतिविधियों को राष्ट्रीय हितों, सुरक्षा या संप्रभुता के लिए हानिकारक माना जाता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
  • पारदर्शिता बनाए रखने में विफलता: वित्तीय रिपोर्टिंग का अनुपालन न करना, उचित रिकॉर्ड रखने की कमी या SBI की नामित नई दिल्ली शाखा में FCRA खाता खोलने से इनकार करना निलंबन का कारण बन सकता है।
  • सरकारी निर्देशों का अनुपालन न करना: यदि कोई NGO नवीनीकरण, आधार सत्यापन या जाँच परिणामों की शर्तों का पालन करने में विफल रहता है, तो उसका पंजीकरण सरेंडर या रद्द किया जा सकता है।

FCRA एवं पिछले न्यायालय के निर्देशों की आलोचना

  • FCRA की आलोचना: आलोचकों का तर्क है कि इस अधिनियम का उपयोग असहमति को रोकने एवं नागरिक समाज संगठनों को प्रतिबंधित करने के लिए किया जाता है।
    • प्रतिबंध के कारण भारत में कई गैर-सरकारी संगठनों को बंद करना पड़ा है, उदाहरण के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने वर्ष 2020 में भारत में अपने कार्यालयों को बंद करने की घोषणा की।
  • सर्वोच्च न्यायालय के पिछले निर्देश: सर्वोच्च न्यायालय ने पहले निर्णय दिया था कि FCRA नियमों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
  • सिफारिशें: विशेषज्ञ FCRA अनुपालन प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी एवं न्यायसंगत बनाने के लिए सुधारों का सुझाव देते हैं।

FCRA 2020 पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियाँ एवं निर्देश

  • धारा 7 को बरकरार रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया कि NGOs को विदेशी योगदान हस्तांतरित करने पर प्रतिबंध लगाने से यह सुनिश्चित होता है कि धन का उपयोग अनुमत उद्देश्यों के लिए किया जाता है एवं राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरे में डालने वाले दुरुपयोग को रोकता है।
  • बैंक खाता आवश्यकता: NGOs को SBI की संसद मार्ग शाखा में खाते खोलने के लिए अनिवार्य करने से विदेशी निधि लेन-देन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ती है।
  • आधार आवश्यकता संशोधित: न्यायालय ने निर्णय दिया कि NGO पदाधिकारी गोपनीयता संबंधी चिंताओं को संबोधित करते हुए FCRA मंजूरी के लिए आधार के बजाय पासपोर्ट जमा कर सकते हैं।
  • विधायी मंशा की पुष्टि: सर्वोच्च न्यायालय ने जोर दिया कि विदेशी दान मौलिक अधिकार नहीं है एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए इसे विनियमित किया जाना चाहिए।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.