CAR-T कोशिकीय चिकित्सा (Cell Therapy) उपचार के माध्यम से पहले व्यावसायिक रोगी को कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है।
संबंधित तथ्य
भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India) ने अक्टूबर 2023 में NexCAR19 नामक ‘काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर’(Chimeric Antigen Receptor) टी-सेल थेरेपी को मंजूरी प्रदान कर दी है।
NexCAR 19 भारत के 10 से अधिक शहरों के 30 से अधिक अस्पतालों में उपलब्ध है।
बी-सेल कैंसर से पीड़ित 15 वर्ष से अधिक आयु के मरीज इन केंद्रों पर इस चिकित्सीय प्रक्रिया के लिए पात्र हैं।
CAR-T कोशिकीय चिकित्सा (Cell Therapy)
स्वदेशी रूप से विकसित चिकित्सीय पद्धति NexCAR19 के माध्यम से बी-सेल कैंसर (प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं में होने वाले कैंसर) जैसे ल्यूकेमिया (Leukemia) और लिम्फोमा (Lymphoma) का उपचार किया जाता है।
इस पद्धति को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), मुंबई और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के सहयोग से स्थापित कंपनी इम्यूनो एसीटी (Immuno ACT) द्वारा विकसित किया गया है।
CAR-T पद्धति एक नवीन और अत्यधिक जटिल प्रतिरक्षा चिकित्सीय प्रक्रिया है, जो कैंसर से लड़ने के लिए शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र का ही उपयोग करती है।
CAR-T कोशिकाओं को प्रायः ‘लिविंग ड्रग’ (Living Drug) कहा जाता है क्योंकि वे सक्रिय रूप से हानिकारक कोशिकाओं को खोजकर समाप्त कर देती हैं।
सिद्धांत: यह पद्धति T-Cell नामक एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका का उपयोग करती है, जिसे रोगी की कोशिकाओं को कैंसर प्रभावित होने से पहले उनके रक्त से निकाला जाता है। कैंसर रोग में कोशिकाओं में उपस्थित प्रोटीन को लक्षित करके आनुवंशिक रूप से परिवर्तित कर दिया जाता है।
प्रक्रिया: पीड़ितों की T-कोशिकाओं (प्रतिरक्षा कोशिका का प्रकार) को एकत्र किया जाता है और उन कोशिकाओं को कैंसर से लड़ने के लिए आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है जिन्हें CAR-T कोशिका के रूप में जाना जाता है।
आनुवंशिक रूप से संशोधित कोशिकाएँ, कैंसर कोशिकाओं के लिए विशिष्ट काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (Chimeric Antigen Receptor) के रूप कार्य करती हैं।
संशोधित CAR-T कोशिकाओं द्वारा पीड़ितों का उपचार करने से पहले प्रयोगशाला में इसकी विस्तृत जाँच की जाती है।
शरीर में जाने के बाद संसोधित कोशिकाएँ बी-सेल कैंसर पर ध्यान केंद्रित करते हुए कैंसर कोशिकाओं को पहचानती हैं और उन पर हमला करती हैं, इस प्रकार इसे लक्षित और शक्तिशाली चिकित्सीय पद्धति के रूप में देखा जा सकता है।
CAR-T चिकित्सीय पद्धति का प्रभाव
यह पद्धति इम्यूनोजेनिक मेमोरी (Immunogenic Memory) में सुधार करता है, जो वर्तमान और भविष्य में कैंसर के प्रारंभिक चरण के उपचार की निगरानी करता है।
यह पद्धति क्षतिग्रस्त कोशिकाओं तथा कैंसर जैसे हानिकारक रोगजनकों से संक्रमित कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें समाप्त करती है।
कीमोथेरेपी (Chemotherapy)और हड्डी प्रत्यारोपण (Bone Transplantation) की आवश्यकता कम हो जाती है।
वित्तीय लाभ: स्वदेशी CAR-T कोशिकीय चिकित्सा (Cell Therapy) के उपयोग से कैंसर उपचार की लागत को 4 करोड़ रुपये से घटाकर 40 लाख रुपये किया जा सकता है।
सफलता दर: हालिया अध्ययनों के अनुसार, लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (Lymphoblastic Leukemia) से पीड़ित दस में से नौ लोग को CAR-T कोशिकीय चिकित्सा (Cell Therapy) से पूरी तरह से राहत (Remission) मिली है, जिन्हें अन्य उपचारों से लाभ नहीं हुआ हो या कैंसर के लक्षण वापस आ गए हों।
राहत/रिमिसन (Remission) का तात्पर्य है कि परीक्षण के माध्यम से कैंसर का पता नहीं लगाया जा सकता है।
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