100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

CE20 क्रायोजेनिक इंजन

Lokesh Pal November 22, 2025 02:53 4 0

संदर्भ

इसरो ने CE-20 क्रायोजेनिक इंजन पर ‘बूटस्ट्रैप मोड स्टार्ट’ परीक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया, जो LVM-3 प्रक्षेपण यान के ऊपरी चरण का मुख्य प्रणोदन स्रोत है।

महत्त्वपूर्ण तथ्य 

  • परीक्षण की अवधि 10 सेकंड थी तथा इसे हाई-एल्टिट्यूड परीक्षण सुविधा में निर्वात स्थितियों में संचालित किया गया।

परीक्षण का सामरिक महत्त्व

  • यह परीक्षण उड़ान के दौरान इंजन के कई बार पुनः दहन की क्षमता सक्षम करता है, जो एक ही मिशन में उपग्रहों को विभिन्न कक्षाओं में स्थापित करने के लिए आवश्यक है।
  • इससे वैश्विक वाणिज्यिक प्रक्षेपण बाजार में भारत की प्रतिस्पर्द्धात्मक क्षमता बढ़ती है।
  • यह गगनयान तथा भविष्य के गहन अंतरिक्ष अभियानों हेतु तैयारी को मजबूत करता है।
  • उन्नत अंतरिक्ष प्रणोदन में आत्मनिर्भर भारत को प्रगति प्राप्त होती है क्योंकि बाह्य प्रौद्योगिकियों पर निर्भरता घटती है।

क्रायोजेनिक्स अत्यल्प तापमान पर पदार्थों के उत्पादन और उनके व्यवहार से संबंधित विज्ञान है, जिससे अंतरिक्ष में भारी पेलोड को प्रक्षेपित करने के लिए शक्तिशाली प्रणोदन सक्षम होता है।

क्रायोजेनिक इंजन के बारे में

  • क्रायोजेनिक इंजन वह रॉकेट इंजन है, जो अत्यधिक शीत तरल प्रणोदकों—तरल ऑक्सीजन (लगभग 183°C) और तरल हाइड्रोजन (लगभग 253°C) का उपयोग करता है।
  • CE-20 क्रायोजेनिक इंजन: यह भारत का सबसे शक्तिशाली क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन है, जिसे इसरो ने विकसित किया है और यह LVM-3 के क्रायोजेनिक ऊपरी चरण को शक्ति देता है।
  • विकास: CE-20 इंजन का विकास तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र, वालियामाला (केरल) द्वारा किया गया।
  • मिशन उपलब्धि: इस इंजन ने लगातार छह LVM-3 प्रक्षेपणों में सफलता प्रदर्शित की है, जिनमें चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 तथा दो वाणिज्यिक ‘वन-वेब’ उपग्रह मिशन शामिल हैं।
  • वर्तमान क्षमताएँ: यह 19–22 टन तक के प्रणोदन स्तर के लिए उपयुक्त है तथा एकल प्रज्वलन में संचालित होता है।
  • वर्तमान प्रारंभ प्रणाली की सीमाएँ
    • वर्तमान में, प्रत्येक उड़ान के दौरान पुनः आरंभ करने के लिए अतिरिक्त स्टार्ट-अप गैस सिलेंडर और प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जिससे संरचनात्मक भार बढ़ जाता है।
    • अतिरिक्त हार्डवेयर वाहन की पेलोड क्षमता को कम कर देता है।

भारत का क्रायोजेनिक प्रौद्योगिकी विकास

  • 1990 के दशक में भारत को क्रायोजेनिक इंजन प्रौद्योगिकी उपलब्ध नहीं कराई गई थी।
  • इसरो ने स्वदेशी विकास हेतु “क्रायोजेनिक अपर स्टेज परियोजना” प्रारंभ की।
  • जनवरी 2014 में GSLV-D5 पर स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण की पहली सफल उड़ान हुई।
  • CE-20 इंजन भारत की स्वतंत्र क्रायोजेनिक क्षमता की परिपक्वता को दर्शाता है।

प्रक्षेपण यान मार्क-3 (LVM-3) के बारे में

  • परिचय: LVM-3, जिसे “बाहुबली” कहा जाता है, भारत का सबसे शक्तिशाली परिचालन रॉकेट है। यह भारी संचार उपग्रहों तथा अंतरग्रहीय मिशनों के प्रक्षेपण हेतु विकसित किया गया है।
  • पूर्व नाम: इसे पहले “जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-3” कहा जाता था।
  • क्षमताएँ: संचार, नौवहन तथा गहन अंतरिक्ष मिशनों (जैसे— चंद्रयान, गगनयान) को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया।
  • यह तीन-चरणीय रॉकेट है—ठोस प्रणोदक, द्रव प्रणोदक तथा क्रायोजेनिक प्रणोदक।
  • चरण
    • प्रथम चरण – ठोस प्रणोदक: दो बड़े ‘स्ट्रैप-ऑन बूस्टर’ जो प्रक्षेपण बल प्रदान करते हैं।
    • द्वितीय चरण – द्रव प्रणोदक: बूस्टर अलग होने के बाद प्रारंभिक शक्ति प्रदान करता है।
    • तृतीय चरण – क्रायोजेनिक प्रणोदक: उपग्रह को अंतिम कक्षा में स्थापित करता है।
  • पेलोड वहन क्षमता
    • निम्न भू-कक्षा (लगभग 2,000 किमी. ऊँचाई) तक लगभग 8,000 किलोग्राम।
    • भू-स्थैतिक कक्षा (लगभग 36,000 किमी. ऊँचाई) तक लगभग 4,000 किलोग्राम।
  • मुख्य उपलब्धियाँ
    • चंद्रयान-2 (वर्ष 2019) और चंद्रयान-3 (वर्ष 2023) का सफल प्रक्षेपण।
    • वर्ष 2014 में मानव उड़ान कार्यक्रम के लिए आवश्यक “क्रू मॉड्यूल वायुमंडलीय पुनःप्रवेश परीक्षण” का संचालन।
    • रूस-यूक्रेन युद्ध के पश्चात् वन-वेब उपग्रह मिशनों (वर्ष 2022–23) को निम्न भू-कक्षा में पहुँचाने का दायित्व सफलतापूर्वक निभाया।
    • पुनः नामकरण: भू-स्थैतिक मिशनों से आगे इसकी बहुमुखी क्षमता सिद्ध होने के बाद इसे LVM3 नाम दिया गया (उदाहरण-वन-वेब के लिए 5,700 किलोग्राम भार को 450 किमी. कक्षा तक पहुँचाना)।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.