100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

अगले वर्ष जनगणना, फिर परिसीमन: वर्ष 2029 में नई सीटों पर चुनाव की योजना

Lokesh Pal October 30, 2024 03:43 60 0

संदर्भ 

भारत सरकार अगले वर्ष जनगणना शुरू कराएगी और इस प्रक्रिया को वर्ष 2026 तक पूरा करने की योजना बना रही है। 

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Population Register-NPR)

  • राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) देश के सामान्य निवासियों का रजिस्टर है।
  • इसे नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गाँव/उप-शहर), उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है।
  • भारत के प्रत्येक सामान्य निवासी के लिए NPR में पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
    • NPR के प्रयोजनों के लिए सामान्य निवासी की परिभाषा ऐसे व्यक्ति के रूप में की गई है, जो पिछले 6 महीने या उससे अधिक समय से किसी स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा हो, या ऐसे व्यक्ति के रूप में जो अगले 6 महीने या उससे अधिक समय तक उस क्षेत्र में निवास करने का इरादा रखता हो।
  • NPR का उद्देश्य देश के प्रत्येक आम निवासी का एक व्यापक पहचान डेटाबेस बनाना है। इस डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बायोमेट्रिक विवरण भी शामिल होंगे।

जनगणना के बारे में

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त कार्यालय द्वारा संचालित की जाती है।
  • विश्व स्तर पर सबसे बड़ा सांख्यिकीय अभ्यास: जनसांख्यिकी, साक्षरता, आवास, शहरीकरण, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की स्थिति, धर्म आदि पर डेटा एकत्र करता है।
  • कानूनी ढाँचा
    • संवैधानिक स्थिति: संविधान के अनुच्छेद-246 के तहत जनगणना संघ का विषय है, जिसे संविधान की सातवीं अनुसूची के क्रम संख्या 69 में सूचीबद्ध किया गया है।
    • भारत की जनगणना अधिनियम, 1948: यह अधिनियम जनगणना करने के लिए कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
    • न तो संविधान और न ही अधिनियम जनगणना अभ्यास करने की आवृत्ति और आवधिकता प्रदान करता है।
      • इसलिए, ऐसी कोई संवैधानिक या कानूनी आवश्यकता नहीं है कि जनगणना प्रत्येक 10 वर्ष में की जाए।
  • इतिहास: जनगणना का कार्य पहली बार वर्ष 1881 में समन्वित तरीके से किया गया था, इससे पहले वर्ष 1872 में वायसराय लॉर्ड मेयो (Viceroy Lord Mayo) के अधीन एक परीक्षण किया गया था।
    • चूँकि जनगणना का कार्य प्रत्येक 10 वर्ष में किया जाता है, इसलिए कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई थी (भारत के जनगणना संचालन के 150 वर्ष के इतिहास में पहली बार)। 
    • भारत की पहली पूर्ण जनगणना वर्ष 1830 में हेनरी वाल्टर द्वारा ढाका (अब बांग्लादेश) में की गई थी।
  • चरण
    • माकन-सूचीकरण और गणना: संरचनाओं, घरों, सुविधाओं की सूची बनाता है।
    • जनसंख्या गणना: जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर व्यक्तिगत डेटा एकत्र करता है।
  • प्रक्रिया: घर-घर जाकर डेटा संग्रह, ICR सॉफ्टवेयर के साथ डेटा केंद्रों पर गोपनीय प्रसंस्करण।

वर्तमान जनगणना का महत्त्व

  • आगामी जनगणना दो अन्य महत्त्वपूर्ण परिणामों से संबंधित है:-
    • संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन, जो पिछले पाँच दशकों से रुका हुआ है। 
    • संसद में महिला आरक्षण का कार्यान्वयन।
  • यह भी उम्मीद है कि अगली जनगणना में जातिगत आँकड़े भी एकत्र किए जाएँगे, जिससे अलग से जातिगत जनगणना की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिसकी माँग हाल के वर्षों में कुछ राजनीतिक दलों द्वारा की जाती रही है।

जनगणना का महत्त्व

  • नीति-निर्माण, योजना और प्रशासन के लिए सरकार को आवश्यक तथ्य प्रदान करना।
  • ग्रामीण/शहरी आवागमन और संकेंद्रण के बदलते पैटर्न, शहरीकृत क्षेत्रों के विकास, व्यवसाय और शिक्षा जैसे चरों के अनुसार, जनसंख्या के भौगोलिक वितरण, साथ ही जनसंख्या और श्रम शक्ति की सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं के विश्लेषण और मूल्यांकन के लिए महत्त्वपूर्ण डेटा प्रदान करता है। 
  • निजी क्षेत्र की निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सहायता करता है। 
  • जनसंख्या का आकार और विशेषताएँ लक्षित जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले व्यवसायों और सेवाओं के स्थान को प्रभावित करती हैं। 
  • जनगणनाएँ, विभिन्न जनगणनाओं के बीच के वर्षों के दौरान घरेलू सर्वेक्षणों के लिए नमूना फ्रेम के रूप में उपयोग के लिए रिकॉर्ड का प्रमुख स्रोत भी बनती हैं।

जनगणना से जुड़ी चुनौतियाँ

  • लागत: जनगणना कराना महंगा है और इस प्रक्रिया में सरकार को हजारों करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
  • साक्षरता: उच्च निरक्षरता दर वाले देशों में जनगणना कराना जटिल हो सकता है।
  • बुनियादी ढाँचा: खराब बुनियादी ढाँचा, जैसे दुर्गम सड़कें, जनगणना कराना मुश्किल बना सकती हैं।
  • सांस्कृतिक और भाषायी बाधाएँ: भाषायी विविधता और सांस्कृतिक विविधताएँ विभिन्न समूहों से संवाद करना और उनसे डेटा एकत्र करना मुश्किल बना सकती हैं।
  • निजता एवं गोपनीयता (Privacy and confidentiality): डेटा के दुरुपयोग, पहचान की चोरी और गोपनीयता अधिकारों के उल्लंघन की चिंताओं के कारण उत्तरदाताओं का विश्वास हासिल करना जटिल हो सकता है।
  • तेजी से बढ़ता शहरीकरण और पलायन: शहरीकरण और आंतरिक पलायन की बढ़ती गति के कारण व्यक्तियों की सही गणना करना और उन्हें ट्रैक करना जटिल हो सकता है।
  • तकनीकी और बुनियादी ढाँचे की सीमाएँ: डिजिटल उपकरणों तक सीमित पहुँच और कनेक्टिविटी की समस्याएँ डिजिटल डेटा संग्रह विधियों को अपनाना मुश्किल बना सकती हैं।
  • सामुदायिक भागीदारी की कमी: अपर्याप्त सामुदायिक भागीदारी जनगणना कराना मुश्किल बना सकती है।
  • गणनाकर्ताओं का अपर्याप्त प्रशिक्षण: गणनाकर्ताओं का अपर्याप्त प्रशिक्षण सटीक एवं सही आँकड़े एकत्र करना कठिन बना सकता है।

निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बारे में

  • निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का अर्थ है किसी देश या प्रांत में विधायी निकाय वाले प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएँ तय करने का कार्य या प्रक्रिया।
  • परिसीमन का कार्य एक निकाय को सौंपा जाता है, जिसे परिसीमन आयोग या सीमा आयोग के रूप में जाना जाता है।
  • वर्ष 1952, 1962, 1972 और वर्ष 2002 के अधिनियमों के तहत चार बार परिसीमन आयोगों की स्थापना (1952, 1963, 1973 और 2002) की गई है।
  • वर्ष 2003 के 87वें संशोधन अधिनियम ने वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का प्रावधान किया।

परिसीमन आयोग और इसकी संरचना

  • परिसीमन आयोग को राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाओं को चित्रित करने और संशोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
  • नियुक्ति: भारत के राष्ट्रपति द्वारा और भारत के चुनाव आयोग के सहयोग से कार्य करता है।
  • सदस्य: एक सेवानिवृत्त सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (अध्यक्ष), मुख्य चुनाव आयुक्त और संबंधित राज्य चुनाव आयुक्त।
  • पूर्ण शक्ति: इसके आदेशों में विधिक शक्ति होती है और इसे किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रश्नगत नहीं किया जा सकता है।
    • इसके आदेश लोकसभा तथा संबंधित विधानसभाओं के समक्ष रखे जाते हैं, लेकिन उनमें कोई संशोधन स्वीकार्य नहीं है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.