100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

केंद्र ने ग्रेट निकोबार परियोजना पर NGT को रिपोर्ट सौंपी

Lokesh Pal July 09, 2025 03:30 9 0

संदर्भ

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ग्रेट निकोबार द्वीप मेगा परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी की समीक्षा करते हुए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (High Powered Committee- HPC) की रिपोर्ट राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) को सौंपी।

संबंधित तथ्य

  • यह प्रस्तुतिकरण NGT के मार्च के निर्देश के जवाब में था, जिसमें HPC द्वारा परियोजना की पर्यावरणीय मंजूरी (EC) पर पुनर्विचार करने के बाद अनुवर्ती कार्रवाई प्रस्तुत करने को कहा गया था।

अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (ANIIDCO) के बारे में

  • कंपनी अधिनियम के तहत वर्ष 1988 में स्थापित, ANIIDCO एक अर्द्ध-सरकारी एजेंसी है, जिसका कार्य अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में सतत् और संतुलित विकास को बढ़ावा देना है।
  • इसका ध्यान पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बनाए रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों के वाणिज्यिक उपयोग पर है।
  • मुख्य कार्यों में शामिल हैं:
    • पेट्रोलियम उत्पादों, भारत निर्मित विदेशी शराब (IMFL) और दुग्ध व्यापार
    • पर्यटन रिसॉर्ट और संबंधित बुनियादी ढाँचे का प्रबंधन
    • पर्यटन और मत्स्यपालन क्षेत्रों में विकास का समर्थन करना।

  • पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि HPC ने NGT के मुद्दों को संबोधित किया और कार्यान्वयन रसद, वित्तीय सहायता और पर्यावरण अनुपालन के लिए व्यापक समिति के गठन पर भी विचार-विमर्श किया।
  •  मंत्रालय के हलफनामे में पुष्टि की गई है कि पर्यावरण मंजूरी के अनुसार वन्यजीव संरक्षण और स्वास्थ्य सेवा के लिए 31 मार्च, 2025 तक 80.84 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

ग्रेट निकोबार परियोजना के बारे में

  • ग्रेट निकोबार परियोजना एक दीर्घकालिक, बहु-क्षेत्रीय अवसंरचना पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रेट निकोबार द्वीप का एकीकृत विकास करना है।
  • इसमें एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल, नागरिक और सैन्य हवाई अड्डा, टाउनशिप और 450 MVA गैस और सौर-आधारित बिजली संयंत्र शामिल हैं।

ग्रेट निकोबार द्वीप के बारे में

  • स्थान: भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु, इंडोनेशिया के निकट।
  • इंदिरा पॉइंट: प्रमुख समुद्री व्यापार मार्गों से 25–40 किमी. दूर (वैश्विक व्यापार का 20–25% इसी के माध्यम से होता है)।
  • पारिस्थितिकी तंत्र: उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन, प्रवाल भित्तियाँ, मैंग्रोव, दो राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिजर्व।
  • वन्य जीव: लेदरबैक टर्टल और निकोबार मेगापोड जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का आवास।

  • इस परियोजना का कार्यान्वयन अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एकीकृत विकास निगम लिमिटेड (ANIIDCO) द्वारा किया जा रहा है।

परियोजना की आवश्यकता

  • रणनीतिक स्थान: इंदिरा पॉइंट प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों से केवल 25-40 किमी. दूर है, जो वैश्विक व्यापार का 20-25% और वैश्विक तेल परिवहन का 35% का प्रबंधन करता है।
  • विदेशी निर्भरता में कमी: भारत के 75% से अधिक ट्रांसशिप्ड कार्गो को कोलंबो, सिंगापुर और क्लैंग जैसे विदेशी बंदरगाहों पर प्रबंधित किया जाता है।
  • सैन्य तैयारी: भारत का लक्ष्य क्षेत्रीय मुखरता, विशेष रूप से भारत के चारों ओर बंदरगाह बनाने की चीन की “स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स” रणनीति का मुकाबला करने के लिए हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति को बढ़ाना है।
  • सुधारित कनेक्टिविटी: वर्तमान में, ग्रेट निकोबार में सीमित कनेक्टिविटी है, मुख्य रूप से शिपिंग और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से। ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से भारतीय मुख्य भूमि और अंतरराष्ट्रीय शहरों के साथ संपर्क में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है।
  • सतत पर्यटन संवर्द्धन: द्वीप की जैव विविधता और उष्णकटिबंधीय परिवेश पारिस्थितिकी पर्यटन, समुद्र तट पर्यटन, साहसिक खेल और गोताखोरी के लिए संभावनाएँ प्रदान करते हैं।

परियोजना से जुड़ी चिंताएँ

वातावरण संबंधी चिंताएँ

  • वनों की कटाई: 13,000 हेक्टेयर से अधिक वन और लगभग 10 लाख पेड़ काट दिए जाएँगे, जिससे जैव विविधता प्रभावित होगी और तटीय जल में मृदा का कटाव तथा अवसादन होगा।
  • मैंग्रोव का नुकसान: तटीय विकास से महत्त्वपूर्ण मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश हो सकता है।
  • वन्यजीव प्रभाव: लेदरबैक टर्टल और निकोबार मेगापोड जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के महत्त्वपूर्ण आवासों को गंभीर व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है।
    • लेदरबैक टर्टल और निकोबार मेगापोड दोनों ही प्रजातियाँ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।
  • प्रकाश प्रदूषण: कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था समुद्र तटों पर टर्टल और उनके बच्चों को प्रभावित कर सकती है।

स्वदेशी जनजातियों पर प्रभाव

  • यह परियोजना शोंपेन और निकोबारी, दोनों विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTG) द्वारा उपयोग की जाने वाली भूमि से भी संबंधित है।
  • जनजातीय परिषद ने अपर्याप्त परामर्श और अधूरी जानकारी का हवाला देते हुए वर्ष 2022 में अपना NOC वापस ले लिया।
  • स्वास्थ्य जोखिम: बाहरी संपर्क बढ़ने से शोंपेन जनजाति के स्वास्थ्य और सांस्कृतिक अखंडता को खतरा है।

भूकंपीय और आपदा जोखिम

  • यह द्वीप उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है; वर्ष 2004 में आए भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ था।
  • विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह क्षेत्र भविष्य में भूकंप और सुनामी के प्रति संवेदनशील बना रहेगा, जिससे बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

कानूनी और नियामक मुद्दे

  • परियोजना क्षेत्र तटीय विनियमन क्षेत्र 1A के अंतर्गत आता है, जो प्रवाल भित्ति और मैंग्रोव जैसे पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करता है।
  • इस क्षेत्र में गतिविधियों के लिए कड़े सुरक्षा उपायों की आवश्यकता होती है, जिसके बारे में आलोचकों का तर्क है कि इसे अनदेखा किया जा रहा है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.