100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

चाबहार बंदरगाह

Lokesh Pal May 14, 2024 05:45 118 0

संदर्भ

भारत और ईरान के बीच एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे भारत को चाबहार बंदरगाह के संचालन और प्रबंधन का अधिकार मिल गया।

संबंधित तथ्य 

  • वर्तमान में भारत चाबहार बंदरगाह का संचालन एक अल्पकालिक समझौते के तहत  करता है, जिसे समय-समय पर नवीनीकृत किया जाता है।
  • चाबहार में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के संचालन के लिए इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और ईरान के पोर्ट्स एंड मैरीटाइम संगठन के मध्य एक दीर्घकालिक अनुबंध (10 वर्षों के लिए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
    • यह पहली बार है जब भारत विदेश में किसी बंदरगाह का प्रबंधन अपने हाथ में लेगा।
  • समझौते का महत्त्व
    • आपूर्ति शृंखला और निवेश को सुव्यवस्थित करना: दीर्घकालिक समझौते से उद्योग प्रमुखों/अभिकर्ताओं को बंदरगाह संचालन में अधिक निवेश की सुविधा मिलेगी क्योंकि अल्पकालिक समझौते और ईरान के भू-राजनीतिक तनाव ने अभी तक शिपर्स और निवेशकों को दूर रखा था।

चाबहार बंदरगाह

  • यह तेहरान का पहला गहरे जल का बंदरगाह है, जिसे कनेक्टिविटी और व्यापार संबंधों को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत की मदद से विकसित किया जा रहा है।
  • अवस्थिति: यह ओमान की खाड़ी में ईरान के ऊर्जा समृद्ध दक्षिणी तट के साथ सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है।
  • भारत की भागीदारी:  वर्ष 2002 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग के रोडमैप पर हस्ताक्षर के साथ चाबहार को विकसित करने की परियोजना शुरू की गई।
    •  वर्ष 2016 का त्रिपक्षीय समझौता: यह एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार गलियारे के विकास के लिए भारत, ईरान और अफगानिस्तान के मध्य हस्ताक्षरित समझौता है , जिसमें चाबहार को केंद्रीय पारगमन बिंदु के रूप में शामिल किया जाएगा।
    • दिसंबर 2017 में शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह के प्रथम चरण का उद्घाटन किया गया था, उसी वर्ष भारत ने चाबहार के माध्यम से अफगानिस्तान को गेहूंँ की पहली खेप भेजी थी।
  • परिचालन एजेंसी: राज्य के स्वामित्व वाली इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) को विदेशों में बंदरगाहों के विकास के लिए वर्ष 2015 में निगमित किया गया था।
  • चाबहार परियोजना: इसमें दो अलग-अलग बंदरगाह शामिल हैं। शाहिद बेहेश्ती और शाहिद कलंतरी। कथित तौर पर भारत का निवेश  शाहिद बेहश्ती बंदरगाह तक ही सीमित है।
    •  शाहिद बेहश्ती बंदरगाह को चार चरणों में विकसित किया जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता 82 मिलियन टन प्रति वर्ष है।

चाबहार का सामरिक महत्त्व

  • नए व्यापार मार्ग: पाकिस्तान पर भू- पारगमन निर्भरता को कम करने के लिए मध्य एशिया और यूरोप हेतु नए व्यापार मार्गों की तलाश में नई दिल्ली के लिए चाबहार अत्यधिक  महत्त्वपूर्ण है।
    • INSTC का भाग: चाबहार बंदरगाह को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) परियोजना के लिए एक महत्त्वपूर्ण नोड/भाग  के रूप में मान्यता प्राप्त है।
      • INSTC एक 7,200 किमी लंबा मल्टी-मोड परिवहन मार्ग है, जो हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को ईरान के रास्ते कैस्पियन सागर तथा रूस में सेंट पीटर्सबर्ग के माध्यम से उत्तरी यूरोप तक जोड़ता है।
  • सुलभ/आसान पहुँच: चाबहार बंदरगाह से भारत के पश्चिमी तटों तक आसान पहुंँच उपलब्ध हो सकती है तथा भारत और ईरान दोनों के लिए यूरोप में माल परिवहन के लिए स्वेज नहर पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए महत्त्वपूर्ण है, विशेषकर लाल सागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए।
    •  INSTC मार्ग के माध्यम से शिपमेंट में स्वेज नहर मार्ग की तुलना में 15 दिन कम लगेंगे, जिससे यूरोपीय देशों के साथ भारत की व्यापार क्षमता खुल जाएगी।
  • महत्त्वपूर्ण भारतीय निवेश: विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (RIS) के अनुसार, जनवरी 2018 तक, चाबहार परियोजना में भारतीय निवेश लगभग 85 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद थी, परियोजना में कुल भारतीय निवेश 500 मिलियन डॉलर होने का अनुमान था।
  • रणनीतिक स्थान: चाबहार पाकिस्तान के साथ लगी ईरान की सीमा के पश्चिम में स्थित है और ग्वादर के प्रतिस्पर्द्धी बंदरगाह के करीब है, जो इसे भारत के लिए एक आकर्षक निवेश बनाता है।
  • चीन का प्रतिसंतुलन: चीन अपनी ‘बेल्ट और रोड’ पहल के हिस्से के रूप में पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह विकसित कर रहा है। भारत द्वारा चाबहार को सुरक्षित करने का आर्थिक, सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्त्व है।
  • ईरान के संदर्भ में: चाबहार संभावित रूप से पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभावों से निपटने में ईरान की मदद कर सकता है और हिंद महासागर तक पहुँच के लिए पाकिस्तान पर निर्भरता को रोकने में भूमिबद्ध अफगानिस्तान की सहायता कर सकता है।
  • मध्य एशियाई देशों के लिए हिंद महासागर तक पहुँच: कजाखस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे संसाधन-संपन्न लेकिन भूमिबद्ध मध्य एशियाई राज्य चाबहार को हिंद महासागर क्षेत्र और भारतीय बाजार के प्रवेश द्वार के रूप में देखते हैं। यह बंदरगाह मध्य एशिया में रुचि रखने वाले भारतीय व्यापारियों और निवेशकों के लिए भी उपयोगी होगा।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.