100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

काले पैरों वाले फैरेट्स की क्लोनिंग

Lokesh Pal November 12, 2024 04:17 9 0

संदर्भ

‘स्मिथसोनियन नेशनल जू एंड कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टिट्यूट’ (Smithsonian National Zoo and Conservation Biology Institute- SNZCBI), वाशिंगटन ने एंटोनिया नामक क्लोन मादा फैरेट से काले पैर वाले दो फैरेट्स (Ferrets) का सफलतापूर्वक प्रजनन कराया।

  • एंटोनिया (Antonia), काले पैरों वाली मादा फैरेट, जिसका क्लोन विला (Willa) नामक फैरेट की आनुवंशिक सामग्री का उपयोग करके बनाया गया था।

काले पैर वाले फैरेट्स (Black-footed Ferrets) के बारे में

  • विशेषताएँ: काले पैरों वाला फैरेट उत्तरी अमेरिका के सबसे संकटग्रस्त स्तनधारियों में से एक हैं और यह इस महाद्वीप की एकमात्र मूल निवासी फैरेट प्रजाति है।

  • काले पैरों वाले फैरेट्स मुख्य रूप से रात्रिचर होते हैं।
  • आवास: घास के मैदान
  • IUCN की रेड लिस्ट में स्थिति: संकटग्रस्त (Endangered)
  • आबादी: जंगल में लगभग 370 की संख्या।
  • मुख्य खतरे: आवास की हानि तथा रोगों का प्रसार।
  • संरक्षण के प्रयास: कैपटिव ब्रीडिंग, पुनः प्रवेश, आवास संरक्षण और क्लोनिंग से जंगल में 300 से अधिक फैरेट्स को पुनः स्थापित करने में मदद मिली है।
    • काले पैरों वाला फैरेट्स उत्तरी अमेरिकी प्रेयरी (घास के मैदान) की प्रमुख प्रजाति माना जाता है।

काले पैर वाले फैरेट संरक्षण के संदर्भ में क्लोनिंग

  • क्लोनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें दाता से प्राप्त DNA का उपयोग करके किसी जैविक इकाई की आनुवंशिक रूप से समान प्रतिलिपि बनाई जाती है।
    • लुप्तप्राय या संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए, क्लोनिंग का उपयोग मूल्यवान आनुवंशिक सामग्री को पुनः प्रस्तुत करने, जीन पूल को विस्तृत करने तथा प्रजातियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक आनुवंशिक विविधता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
  • प्रयुक्त प्रक्रिया: इस मामले में, स्मिथसोनियन वैज्ञानिकों ने एंटोनिया को क्लोन करने के लिए वर्ष 1988 के एक काले पैर वाले फैरेट विला के संरक्षित DNA का इस्तेमाल किया। इसमें ‘सोमैटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर’ शामिल था, जहाँ विला की कोशिका से एक न्यूक्लियस को दूसरे फैरेट की अंडज कोशिका में स्थानांतरित किया गया था, जिससे एक भ्रूण बना, जो एंटोनिया में विकसित हुआ।
  • संरक्षण में क्लोनिंग का उद्देश्य
    • आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity): क्लोनिंग से उन आबादियों में आनुवंशिक विविधता आती है, जो कम संख्या में जीवित रहने के कारण अंतःप्रजनन की शिकार हो गई हैं। इससे बीमारी और पर्यावरण परिवर्तनों के प्रति लचीलापन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
    • लुप्तप्राय प्रजातियों को पुनर्जीवित करना (Reviving Endangered Species): जिन प्रजातियों की आबादी बहुत कम है, उनके लिए क्लोनिंग से संख्या बढ़ाने तथा विलुप्त होने के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
    • भविष्य में उपयोग के लिए आनुवंशिक बैंकिंग (Genetic Banking for Future Use): स्वस्थ या विविध व्यक्तियों से प्राप्त आनुवंशिक सामग्री का भंडारण (जेनेटिक बैंकिंग) क्लोनिंग प्रयासों के लिए संसाधन उपलब्ध कराता है, जिसका उपयोग दशकों बाद भी किया जा सकता है।
  • काले पैरों वाले फैरेट्स के लिए क्लोनिंग क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
    • आबादी संकट: 1980 के दशक तक, काले पैरों वाले फैरेट्स को विलुप्त माना जाता था, जब तक कि व्योमिंग में उनकी एक छोटी आबादी नहीं पाई गई। वर्तमान में लगभग 370 फैरेट ही बचे हैं।
    • आनुवंशिक बाधाएँ: सीमित जीन पूल के कारण काले पैर वाले फैरेट्स बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं और बदलते वातावरण के अनुकूल ढलने की उनकी क्षमता कम हो जाती है। वर्तमान आबादी में सभी फैरेट्स केवल सात नर और मादा फैरेट्स से ही उत्पन्न हुए हैं, जिससे उच्च स्तर की अंतःप्रजनन की संभावना बढ़ जाती है।
    • फैरेट विला के अद्वितीय जीन (Willa’s Unique Genes): स्मिथसोनियन ने विला के DNA का उपयोग करके एंटोनिया का क्लोन बनाया, जिसमें मौजूदा फैरेट आबादी की तुलना में तीन गुना आनुवंशिक विविधता थी। इस नई आनुवंशिक सामग्री में भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य और अनुकूलन क्षमता को बेहतर बनाने की क्षमता है।
  • संरक्षण में क्लोनिंग के लाभ
    • बेहतर उत्तरजीविता संभावनाएँ: क्लोनिंग से आबादी के आनुवंशिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिल सकती है, जो जीवित रहने के लिए जरूरी है।
    • प्रजाति के विलुप्ति होने के जोखिम में कमी: दुर्लभ प्रजातियों की क्लोनिंग से आबादी में वृद्धि हो सकती है और कुल प्रजातियों के नुकसान को रोका जा सकता है।
    • शोध में प्रगति: एंटोनिया के जन्म जैसी सफलताएँ मूल्यवान ज्ञान प्रदान करती हैं, क्लोनिंग तकनीकों को आगे बढ़ाती हैं, जिन्हें अन्य प्रजातियों पर भी लागू किया जा सकता है।
  • संरक्षण में क्लोनिंग की चुनौतियाँ 
    • तकनीकी एवं नैतिक जटिलताएँ: क्लोनिंग तकनीकी रूप से जटिल है और प्राकृतिक प्रजनन में हस्तक्षेप के बारे में नैतिक प्रश्न उठाती है।
    • सीमित सफलता दर: सभी क्लोन किए गए जानवर जीवित नहीं रहते या स्वस्थ नहीं होते हैं।
    • पर्यावरण पर निर्भरता: क्लोनिंग अकेले निवास स्थान के नुकसान या लुप्तप्राय प्रजातियों का सामना करने वाले अन्य पर्यावरणीय खतरों को संबोधित नहीं कर सकती है।

निष्कर्ष

एंटोनिया और उसके बच्चों की क्लोनिंग लुप्तप्राय प्रजातियों के आनुवंशिक प्रबंधन में प्रगति को दर्शाती है, यह दर्शाती है कि कैसे संगृहीत आनुवंशिक सामग्री दशकों बाद भी जैव विविधता प्रयासों को आगे बढ़ा सकती है। निरंतर अनुसंधान और क्लोनिंग के सतर्क अनुप्रयोग से संरक्षण रणनीतियों को बढ़ाया जा सकता है और विलुप्त होने के कगार पर खड़ी आबादी में लचीलापन बढ़ाया जा सकता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.