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Lokesh Pal
August 07, 2025 03:39
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हाल ही में उत्तराखंड की खीरगंगा नदी में बादल फटने से धराली गाँव में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे घर, होटल और बुनियादी ढाँचा नष्ट हो गया और जान-माल की हानि हुई।
बादल फटने और अचानक बाढ़ जैसी चरम मौसम की घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और गंभीरता, हिमालयी क्षेत्र में जीवन तथा बुनियादी ढाँचे दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण जोखिम पैदा करती है। बादल फटने और अचानक आने वाली बाढ़ जैसी आपदाओं से नागरिकों के जीवन के अधिकार (अनुच्छेद-21) को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है। ऐसी स्थितियों के प्रभाव को कम करने के लिए शमन रणनीतियों को सतत् विकास लक्ष्यों (SDG), विशेष रूप से SDG 11 (सतत् शहर और समुदाय) तथा SDG 13 (जलवायु कार्रवाई) के साथ संरेखित करना आवश्यक है।
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