गुयाना के प्रधानमंत्री ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) मार्क फिलिप्स ने7 फरवरी, 2024 को राष्ट्रपति भवन में भारतीय राष्ट्रपति से मुलाकात की।
संबंधित तथ्य
इस दौरान द्विपक्षीय व्यापार में और विविधता लाने की आवश्यकता प्रकट की गई।
आयुर्वेद, जैव-ईंधन और कृषि विशेषकर मोटे अनाज के क्षेत्र में सहयोग में सुधार पर भी वार्ता की गई।
भारत- गुयाना संबंध
पृष्ठभूमि
गुयाना और भारत के बीच ऐतिहासिक और वर्तमान संबंधों को भारत-गुयाना संबंध कहा जाता है।
गुयाना एकमात्र दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र है, जहाँ अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है।
दोनों देश एक समय में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य का हिस्सा थे।
‘इंडो-गुयाना’, गुयाना का सबसे बड़ा जातीय समुदाय है।
मई 1966 में गुयाना की स्वतंत्रता के बाद, भारत और गुयाना के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं।
वर्ष 1961 में, ब्रिटेन ने कॉलोनी को स्वायत्तता प्रदान की और श्री चेड्डी जगन प्रधानमंत्री बने (1961-1964)।
सांस्कृतिक संबंध
जॉर्जटाउन में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना वर्ष 1972 में सांस्कृतिक संबंधों और साझा समझ को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ की गई थी।
इस केंद्र में योग और नृत्य कक्षाएँ नियमित आधार पर आयोजित की जाती हैं।
केंद्र में एक पुस्तकालय है, जिसमें इतिहास, साहित्य, कलाकृति, संस्कृति, पौराणिक कथाओं और उल्लेखनीय विद्वानों और लेखकों के कार्यों पर किताबें और पत्रिकाएँ शामिल हैं।
अन्य सहयोग
भारत ने गुयाना में ‘लाइन ऑफ क्रेडिट’ के तहत कुछ उच्च-दृश्यता परियोजनाओं को क्रियान्वित किया है, जैसे-क्रिकेट स्टेडियम, जॉर्जटाउन में ट्रैफिक लाइट और 14 सिंचाई जल निकासी पंपों की आपूर्ति।
भारत ने अपने अनुदान सहायता कार्यक्रम के तहत अप्रैल 2019 में गुयाना में सूचना प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (CEIT) भी स्थापित किया है।
‘ईस्ट बैंक-ईस्ट कोस्ट रोड लिंकेज परियोजना’ का निर्माण किया गया है।
भारत तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम: भारत ने ITEC कार्यक्रम के तहत गुयाना के छात्रों को भारत में प्रशिक्षित करने के लिए वर्ष 2021-22 के दौरान 50 प्रशिक्षण अवधियों की पेशकश की।
गुयाना
परिचय
गुयाना को आधिकारिक तौर पर ‘को-ऑपरेटिव’ रिपब्लिक ऑफ गुयाना’ के रूप में जाना जाता है।
संलग्न सीमा
उत्तर में अटलांटिक महासागर।
दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में ब्राजील।
पश्चिम में वेनेजुएला।
अन्य तथ्य
यह पृथ्वी पर सर्वाधिक कम घनी आबादी वाले देशों में से एक है।
इसमें प्राकृतिक आवासों की एक विस्तृत और अत्यधिक उच्च जैव विविधता है।
लगभग 41% आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है।
देश की जनसंख्या नस्लीय और जातीय रूप से विषम है, जिसमें भारत, अफ्रीका, यूरोप और चीन के जातीय समूहों के साथ-साथ स्वदेशी या आदिवासी लोग भी शामिल हैं।
यह एकमात्र दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र है, जहाँ अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है।
हालाँकि, अधिकांश आबादी पहली भाषा के रूप में ‘गुयानीज क्रियोल’ भाषा बोलती है।
मुख्य आर्थिक गतिविधियाँ कृषि, बॉक्साइट, स्वर्ण खनन, लकड़ी, झींगा मछली और खनिज हैं।
वर्ष 2015 में कच्चे तेल की खोज और वर्ष 2019 में वाणिज्यिक ड्रिलिंग से अर्थव्यवस्था परिवर्तित हो गई है।
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