100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

घरेलू हिंसा से हुए नुकसान के लिए मुआवजा

Lokesh Pal May 04, 2024 06:51 161 0

संदर्भ

उच्चतम न्यायालय इस तथ्य पर विचार कर रहा है कि क्या घरेलू हिंसा के मामलों में मुआवजे की राशि पीड़िता को हुए नुकसान की गंभीरता या अपराधी की वित्तीय क्षमता के आधार पर होनी चाहिए।

संबंधित तथ्य

  • याचिकाकर्ता की अपील: याचिकाकर्ता ने बॉम्बे हाईकोर्ट एवं ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों के संबंध में उच्चतम न्यायालय में अपील की।
    • उन्होंने उसे घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 की धारा 22 के तहत संबंधित व्यक्ति को अपनी पत्नी को 3 करोड़ रुपये प्रदान करने का निर्देश दिया।

घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 (Domestic Violence Act, 2005)

  • उद्देश्य: परिवार के अंतर्गत होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं के अधिकारों एवं उससे संबंधित आनुषंगिक मामलों में प्रभावी सुरक्षा प्रदान करना।
  • घरेलू हिंसा की परिभाषा: कोई भी कार्य जो ‘पीड़ित व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुरक्षा को नुकसान पहुँचाता है या घायल करता है अथवा खतरे में डालता है तथा इसमें शारीरिक शोषण, यौन शोषण, मौखिक एवं भावनात्मक दुर्व्यवहार तथा आर्थिक शोषण शामिल है”, घरेलू हिंसा को संदर्भित करता है।
    • दहेज या अन्य संपत्ति या मूल्यवान सुरक्षा की किसी भी गैर-कानूनी माँग को पूरा करने के लिए पीड़िता को परेशान करना, नुकसान पहुँचाना, घायल करना या खतरे में डालना भी घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है।
  • पीड़ित व्यक्ति की परिभाषा: कोई भी महिला जो प्रतिवादी के साथ पारिवारिक संबंध में रह रही है या रही है एवं जिसका आरोप है कि प्रतिवादी द्वारा उसके साथ घरेलू हिंसा की गई है।
  • घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत मुआवजा
    • धारा 22 (मुआवजा आदेश): अन्य राहतों के अलावा, मजिस्ट्रेट प्रतिवादी को चोटों के लिए मुआवजा एवं क्षति का भुगतान करने का निर्देश देने वाला एक आदेश पारित कर सकता है।
      • इसमें प्रतिवादी द्वारा की गई घरेलू हिंसा के कृत्यों के कारण होने वाली मानसिक यातना और भावनात्मक पीड़ा शामिल है।
    • धारा 12: यह किसी पीड़ित व्यक्ति या उनकी ओर से किसी को भी अधिनियम के तहत एक या अधिक राहत के लिए मजिस्ट्रेट के पास आवेदन करने की अनुमति देता है।
      • इसमें प्रतिवादी द्वारा किए गए घरेलू हिंसा के कृत्यों के कारण लगी चोटों के लिए मुआवजे या क्षति के लिए मुकदमा दायर करने के लिए मुआवजे के भुगतान का आदेश जारी करने की राहत शामिल है।
    • धारा 20 (मौद्रिक मुआवजा): यह मजिस्ट्रेट को धारा 12 के तहत राहत के लिए एक आवेदन पर निर्णय करते समय, प्रतिवादी को पीड़ित व्यक्ति एवं किसी भी बच्चे हेतु खर्च तथा नुकसान को कवर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का आदेश देने का अधिकार देता है।
      • यह मुआवजा उचित, न्यायसंगत एवं  पीड़ित व्यक्ति के जीवन स्तर के अनुरूप माना जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता का तर्क

  • मुआवजा जीवनसाथी के कार्यों से उत्पन्न मानसिक पीड़ा एवं भावनात्मक पीड़ा सहित क्षति, चोटों से जुड़ा होना चाहिए।

मुआवजा तय करना

  • चतुर्भुज बनाम सीता बाई, 2008: दिल्ली उच्च न्यायालय ने माना कि भरण-पोषण कार्यवाही का उद्देश्य किसी व्यक्ति को उसकी पिछली उपेक्षा के लिए दंडित करना नहीं है।
    • इसका उद्देश्य एक परित्यक्त पत्नी को त्वरित सहयोग के माध्यम से भोजन, कपड़े एवं आश्रय प्रदान करके उसको सहायता पहुँचाना है।
  •  कल्याण डे चौधरी बनाम रीता डे चौधरी नी नंदी: उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया कि ‘पत्नी को दी जाने वाले स्थायी गुजारे भत्ते की राशि पक्षकारों की स्थिति और पति या पत्नी की रखरखाव का भुगतान करने की क्षमता के अनुरूप होनी चाहिए’।
    • न्यायालय ने डॉ. कुलभूषण कुमार बनाम राज कुमारी मामले में अपने वर्ष 1970 के निर्णय पर विश्वास किया, जहाँ उसने कहा था कि पति के निवल वेतन का 25% प्रतिवादी-पत्नी को भरण-पोषण के रूप में दिया जाना उचित होगा।
  • विधिक ज्ञान का अंतर: चूँकि, रखरखाव एवं मुआवजा अधिनियम की विभिन्न धाराओं द्वारा शासित होते हैं, ‘नुकसान की गणना में विधिक ज्ञान का एक बड़ा अंतर मौजूद है’।
    • स्पष्ट उदाहरणों के अभाव के कारण, ‘रखरखाव मामलों से कानून के प्रस्ताव’ अक्सर उधार लिए जाते हैं एवं घरेलू हिंसा मामलों पर लागू किए जाते हैं।
  • भरण-पोषण का विवेकाधीन निर्धारण: नुकसान की गणना आमतौर पर पीड़ित को लगी चोटों के साथ-साथ पक्षकारों की वित्तीय स्थिति के आधार पर की जाती है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.