100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

बढ़ते आर्कटिक दावानल के विषय में

Lokesh Pal July 06, 2024 03:17 132 0

संदर्भ

दावानल (Wildfires) आर्कटिक के बोरियल वन (Boreal Forest) या हिम वन और टुंड्रा (वृक्षविहीन क्षेत्र) पारिस्थितिकी तंत्र का एक स्वाभाविक हिस्सा रही है। 

  • यूरोप की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (Copernicus Climate Change Service) के अनुसार, पिछले पाँच वर्षों में यह तीसरी बार है, जब इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता वाली आग लगी है।

संबंधित आँकड़े

आर्कटिक, दुनिया की तुलना में लगभग चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है। जबकि वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तरों से कम-से-कम 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक बढ़ गया है, आर्कटिक वर्ष 1980 की तुलना में औसतन लगभग 3 डिग्री अधिक गर्म हो गया है।

  • स्थल की ऊपरी परत का अत्यधिक जलना: अधिकांश दावानल की घटनाएँ रूस के साखा (Sakha) में देखी जाती है, जहाँ 160 से अधिक दावानल ने लगभग 4,60,000 हेक्टेयर भूमि की ऊपरी परत को जला दिया।
  • उच्च कार्बन उत्सर्जन: जून में दावानल से होने वाला कुल मासिक कार्बन उत्सर्जन पिछले दो दशकों में तीसरा सबसे अधिक है, जो 6.8 मेगाटन कार्बन है, जो जून 2020 और 2019 से पीछे है, जब क्रमशः 16.3 और 13.8 मेगाटन कार्बन दर्ज किया गया था।

आर्कटिक दावानल की स्थिति को खराब बनाने वाले कारक

वर्ल्ड वाइल्ड फंड के अनुसार, तीनों कारक (बढ़ता तापमान, अधिक बार आकाशीय बिजली गिरना और हीट वेव) आने वाले वर्षों में और भी बदतर हो जाएँगी, जिससे आर्कटिक में और अधिक दावानल लग सकती है।

  • बार बार आकाशीय बिजली गिरना: तेजी से बढ़ते तापमान के कारण आर्कटिक क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएँ बढ़ गई हैं, जिससे दावानल की संभावना और बढ़ गई है।
    • उदाहरण: वर्ष 1975 के बाद से अलास्का और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में आकाशीय बिजली से लगने वाली आग की घटनाएँ दोगुनी से भी अधिक हो गई हैं।
  • तापमान में वृद्धि: आर्कटिक और निचले अक्षांशों के बीच तापमान का अंतर कम होने के कारण बढ़ते तापमान ने ध्रुवीय जेट स्ट्रीम (मध्य और उत्तरी अक्षांशों के बीच वायु के संचार के लिए जिम्मेदार) को भी धीमा कर दिया है। 
    • इसलिए, ध्रुवीय जेट स्ट्रीम अक्सर एक स्थान पर ‘स्थिर’ हो जाती है, जिससे क्षेत्र में बेमौसम गर्म मौसम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
  • हीट वेव: यह निम्न दबाव प्रणालियों को भी अवरुद्ध करता है, जो बादल एवं वर्षा लाती हैं, जिससे संभवतः तीव्र हीट वेव उत्पन्न होती हैं, जो अधिक दावानल का कारण बन सकती हैं।

आर्कटिक में बढ़ते दावानल से चिंताएँ

ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक आर्कटिक तथा विश्व भर में दावानल की घटनाएँ एक-तिहाई तक बढ़ सकती हैं।

  • ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन (GHGs): जब दावानल की घटनाएँ होती है, तो वे वनस्पति और कार्बनिक पदार्थों को जला देती हैं, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) जैसी ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में उत्सर्जित होती हैं।
    • इसलिए, दुनिया भर में दावानल की बढ़ती आवृत्ति चिंता का विषय है, क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन में योगदान करते हैं।

  • ग्रीनहाउस गैसों (GHGs) का भंडार: आर्कटिक दावानल के मामले में, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन सबसे बड़ी चिंता का विषय नहीं है, बल्कि क्षेत्र के पर्माफ्रॉस्ट के नीचे जमा कार्बन सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
    • वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट में मेथेन और CO2 सहित लगभग 1,700 बिलियन मीट्रिक टन कार्बन है। यह वर्ष 2019 में जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन के रूप में दुनिया द्वारा छोड़े गए कार्बन की मात्रा का लगभग 51 गुना है। 
  • हिमद्रवण (Thawing) के प्रति संवेदनशील: दावानल पर्माफ्रॉस्ट को पिघलने के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है क्योंकि वे वनस्पति एवं मिट्टी की ऊपरी इन्सुलेटिंग परतों को नष्ट कर देती हैं। इससे मृत जानवरों एवं पौधों जैसे प्राचीन कार्बनिक पदार्थ विघटित हो सकते हैं और वातावरण में कार्बन उत्सर्जित हो सकते हैं।
    • बड़े पैमाने पर हिमद्रवण की स्थिति में कार्बन उत्सर्जन को रोकना असंभव होगा।
      • इसका मतलब यह होगा कि दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा के भीतर सीमित नहीं रख पाएगी। इस सीमा का उल्लंघन करने पर पृथ्वी के लिए विनाशकारी एवं अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे।
  • कोई कार्रवाई नहीं की गई: इससे भी बदतर बात यह है कि अभी तक कोई भी दावानल के बाद पर्माफ्रॉस्ट उत्सर्जन पर नजर नहीं रख रहा है और उन्हें जलवायु मॉडल में भी शामिल नहीं किया गया है। इसलिए, जलवायु परिवर्तन में उनके योगदान का अनुमान लगाने का कोई तरीका नहीं है।
    • आर्कटिक में हो रहे परिवर्तन से वैश्विक स्तर पर जोखिम बढ़ रहे हैं और ये आग तत्काल कार्रवाई की चेतावनी है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.