कोयला, प्राकृतिक गैस एवं सीमेंट उद्योगों में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण फरवरी 2024 में भारत के मुख्य क्षेत्र के उत्पादन में 6.7% की वृद्धि हुई।
कोर सेक्टर आउटपुट ग्रोथ की मुख्य विशेषताएँ
कोयला उत्पादन: फरवरी 2024 में कोयला उत्पादन 11.6% बढ़ा, जबकि प्राकृतिक गैस उत्पादन 11.3% बढ़ा है।
सीमेंट और इस्पात उत्पादन: सीमेंट उत्पादन में 10.2% की वृद्धि हुई, जबकि इस्पात उत्पादन में 8.4% की वृद्धि हुई।
कच्चा तेल एवं विद्युत उत्पादन: फरवरी 2024 में कच्चे तेल का उत्पादन 7.9% बढ़ गया। इसी अवधि के दौरान विद्युत उत्पादन 6.3% बढ़ गया।
उर्वरक उत्पादन में गिरावट: हालाँकि, फरवरी 2024 में उर्वरक उत्पादन में 9.5% की कमी आई।
कोर उद्योगों के सूचकांक (Index of Core Industries- ICI) में वृद्धि: अप्रैल से फरवरी 2023-24 तक, ICI की प्रारंभिक वृद्धि दर 7.7% थी।
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में वृद्धि: फरवरी 2024 में, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में 2.6% की वृद्धि हुई, जिससे कुल सूचकांक में 3.8% की वृद्धि हुई।
मजबूत औद्योगिक प्रदर्शन: कुल मिलाकर, इन मुख्य उद्योगों में मजबूत वृद्धि का तात्पर्य एक मजबूत औद्योगिक प्रदर्शन से है, हालाँकि कुछ क्षेत्रों में भिन्नता का अनुभव किया गया है।
कोर सेक्टर ग्रोथ क्या है?
कोर सेक्टर के बारे में: मुख्य या प्रमुख उद्योग किसी अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों का निर्माण करते हैं। भारत में कुल आठ सेक्टर हैं, जिन्हें कोर सेक्टर माना जाता है।
अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्र: भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्र बिजली, इस्पात, रिफाइनरी उत्पाद, कच्चा तेल, कोयला, सीमेंट, प्राकृतिक गैस एवं उर्वरक हैं।
कोर सेक्टर का प्रभाव: इन क्षेत्रों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर समग्र प्रभाव पड़ता है एवं अधिकांश अन्य उद्योगों पर भी महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
आठ प्रमुख क्षेत्रों की हिस्सेदारी: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में आठ उद्योगों की संयुक्त हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत है, जो एक निर्दिष्ट अवधि में विभिन्न उद्योग समूहों की विकास दर बताती है।
प्रकाशनकर्ता : आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक (ICI) प्रत्येक महीने तैयार किया जाता है एवं ऑफिस ऑफ इकॉनोमिक एडवाइजर (OEA), उद्योग संवर्द्धन तथा आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा जारी किया जाता है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production)
आर्थिक संकेतक: औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production- IIP) एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक संकेतक है, जो देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के प्रदर्शन का आकलन करता है।
आर्थिक गतिविधियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना: यह समय के साथ औद्योगिक उत्पादन स्तरों में बदलाव को ट्रैक करता है, कुल आर्थिक गतिविधियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
वर्गीकरण: उद्योगों को व्यापक क्षेत्रों (खनन, विनिर्माण, विद्युत) एवं उपयोग-आधारित क्षेत्रों (बुनियादी सामान, पूँजीगत सामान, मध्यवर्ती सामान) में विभाजित किया गया है।
प्रकाशक: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (भारत सरकार) के तहत केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO), साप्ताहिक डेटा संकलित एवं जारी करता है।
संरचना: IIP के प्राथमिक क्षेत्रों में रिफाइनरी उत्पाद, विद्युत, इस्पात, कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, सीमेंट एवं उर्वरक शामिल हैं।
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