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कपास उत्पादन

Lokesh Pal December 17, 2024 03:46 43 0

संदर्भ

इस वर्ष के प्रारंभ में एक्स्ट्रा लॉन्ग स्टेपल (Extra Long Staple- ELS) कपास पर आयात शुल्क हटाए जाने के बाद भारत में सुपीमा कपास (Supima Cotton) का आयात बढ़ रहा है। यह अमेरिका द्वारा निर्यात किया जाने वाला एक एक्स्ट्रा लॉन्ग स्टेपल (ELS) कपास है।

  • इससे पहले, वर्ष 2021-2022 के केंद्रीय बजट में कपास पर 11% आयात शुल्क लगाया गया था।

एक्स्ट्रा लॉन्ग स्टेपल (ELS) कपास

  • ELS कॉटन का तात्पर्य है:- 1 3/8 इंच या 34.925 मिमी. से अधिक लंबाई वाले कॉटन फाइबर।
  • यह इसे नियमित ‘कॉटन फाइबर’ से काफी लंबा बनाता है।
  • ELS कॉटन को इसकी असाधारण कोमलता, मजबूती और एकरूपता के लिए जाना जाता है, जिससे कपड़े की गुणवत्ता बेहतर होती है।
  • इसका प्रयोग आमतौर पर लग्जरी परिधान, उत्तम लिनेन और मेडिकल उत्पादों जैसे हाई-एंड टेक्सटाइल में किया जाता है।

आयात में वृद्धि पर मुख्य बिंदु

  • माँग बनाम कमी: भारत घरेलू स्तर पर ELS कपास की कमी को दूर करने के लिए वार्षिक रूप से 60,000-2,00,000 गाँठ सुपीमा कपास का आयात करता है।
  • वैश्विक मूल्य निर्धारण दबाव: यू.एस. पिमा कपास (U.S. Pima cotton) किसानों को लागत वसूलने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे खेती को बनाए रखने के लिए संभावित रूप से उच्च कीमतें प्राप्त हो सकती हैं।
  • प्रतिस्पर्द्धी आपूर्ति: हालाँकि भारत को US कपास निर्यात में वृद्धि हुई, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और पश्चिम अफ्रीका से आयात में वृद्धि के कारण इसकी बाजार हिस्सेदारी में गिरावट आई।

कपास की खेती (श्वेत-स्वर्ण) 

  • उष्णकटिबंधीय फसल: कपास एक उष्णकटिबंधीय फसल है, जो भारत के अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में खरीफ मौसम के दौरान उगाई जाती है।
  • तापमान और वर्षा: यह फसल 21°C से 30°C के बीच के तापमान में वृद्धि करती है और इसे 50-75 सेमी. की वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • मृदा के प्रकार: कपास विभिन्न मृदाओं में उगाई जाती है:
    • उत्तर भारत में अच्छी जल निकासी वाली गहन जलोढ़ मृदा।
    • मध्य भारत में परिवर्तनशील गहनता वाली काली चिकनी मृदा।
    • दक्षिणी क्षेत्रों में मिश्रित काली एवं लाल मृदा।
  • संवेदनशीलता: हालाँकि कपास लवणता के प्रति कुछ सीमा तक सहनशील है, लेकिन यह जलभराव के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, जिसके लिए अच्छी जल निकासी वाली मृदा की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु आवश्यकताएँ
    • फूल आने के दौरान स्वच्छ आकाश होना अत्यावश्यक है।
    • कपास को लगभग 210 शीत रहित दिनों की आवश्यकता होती है और यह खनिज युक्त काली लावा मृदा (रेगुर मृदा) में अच्छी तरह से उगती है।

कपास उत्पादन में भारत की स्थिति

  • वैश्विक उत्पादन: भारत विश्व स्तर पर कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका वर्ष 2023-24 सीजन में अनुमानित उत्पादन 323.11 लाख कपास की गाँठ है, जो दुनिया के कपास उत्पादन (1429 लाख गाँठ) का 23.83% है।
  • खेती का क्षेत्र: कपास की खेती के क्षेत्र में भारत विश्व स्तर पर पहले स्थान पर है, जो दुनिया के कुल कपास क्षेत्र 318.8 लाख हेक्टेयर में 39% का योगदान देता है।
  • सिंचित बनाम वर्षा आधारित क्षेत्र: भारत का लगभग 67% कपास वर्षा आधारित क्षेत्रों में उगाया जाता है, जबकि 33% सिंचित क्षेत्रों में उगाया जाता है।

राज्य

वर्ष 2020-21 (लाख गाँठों में)

वर्ष 2021-22 (लाख गाँठों में)

वर्ष 2022-23 (P) (लाख गाँठों में)

महाराष्ट्र 101.05 71.18 80.25
गुजरात 72.18 74.82 91.83
तेलंगाना 57.97 60.67 53.25
राजस्थान 32.07 24.81 27.12
कर्नाटक 23.20 19.50 21.04

भारत में प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्र और राज्य

  • सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र (2022-23): गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से मिलकर निर्मित मध्य क्षेत्र भारत का सबसे बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र है।
  • शीर्ष उत्पादक राज्य: गुजरात कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है, उसके बाद महाराष्ट्र और तेलंगाना का स्थान है।
  • कपास की खेती के लिए क्षेत्र
    • उत्तरी क्षेत्र: पंजाब, हरियाणा और राजस्थान।
    • मध्य क्षेत्र: गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश।
    • दक्षिणी क्षेत्र: तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक।
    • कपास की खेती ओडिशा और तमिलनाडु में भी की जाती है।

भारत में उत्पादित कपास के प्रकार

  • भारत सभी चार कपास प्रजातियों की खेती में अद्वितीय है।

प्रकार

मूल निवासी

विशेषता

गॉसिपियम आर्बोरियम (Gossypium Arboreum) भारत और पाकिस्तान वृक्ष कपास, छोटे स्टेपल, मोटे फाइबर
गॉसीपियम हर्बेशियम (Gossypium Herbaceum) भारत, दक्षिण अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप लेवेंट कपास, छोटा स्टेपल, मोटा फाइबर
गॉसीपियम हिर्सुटम (Gossypium Hirsutum) मध्य अमेरिका, मैक्सिको अपलैंड कपास, सबसे व्यापक रूप से खेती की जाती है, भारतीय उत्पादन का 90%, बीटी कपास का आधार
गॉसीपियम बारबेडेंस (Gossypium Barbadense) उष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका अतिरिक्त-लंबा स्टेपल (ELS), उच्च गुणवत्ता, पिमा कपास (Pima cotton), लक्जरी वस्त्रों के लिए उपयोग किया जाता है।

कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पहल

  • PM मित्र: प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान योजना का उद्देश्य ‘प्लग-एंड-प्ले’ सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय कपड़ा पार्क विकसित करना है।
  • PLI योजना: वस्त्र और परिधान के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना।
  • कस्तूरी कपास भारत: जल और कीटनाशकों के उपयोग को कम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कपास की खेती के तरीकों को बढ़ावा देता है।
  • राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (National Technical Textile Mission- NTTM): उच्च प्रदर्शन वाले तकनीकी वस्त्रों के विकास और उत्पादन को प्रोत्साहित करता है।
  • संशोधित प्रौद्योगिकी उन्नयन निधि योजना (Amended Technology Upgradation Fund Scheme- ATUFS): कपड़ा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

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