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Lokesh Pal
July 23, 2025 02:29
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हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोटों की शृंखला (जिसमें 187 लोग मारे गए थे और 800 से अधिक घायल हुए थे) में पूर्व में दोषी ठहराए गए सभी 12 लोगों को बरी किए जाने से भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता पर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न हो गई हैं।
इसमें पाँच मुख्य घटक शामिल हैं, जो न्याय सुनिश्चित करने के लिए समन्वित तरीके से कार्य करते हैं:
भारत की सर्वोच्च न्यायिक सेवा (CJS), एक मजबूत कानूनी ढाँचे पर आधारित होने के बावजूद, देरी, भ्रष्टाचार और संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं, जैसा कि वर्ष 2006 के मुंबई ट्रेन बम धमाकों में अभियुक्तों के बरी होने के मामलों से स्पष्ट है। जनता का विश्वास बहाल करने और समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, न्यायपालिका, अभियोजन, कारागार और कानूनी सहायता में तत्काल सुधार जरूरी हैं।
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