100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

चालू खाता घाटा

Lokesh Pal October 03, 2024 03:21 27 0

संदर्भ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आँकड़ों के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 9.7 बिलियन डॉलर (GDP का 1.1%) हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 8.9 बिलियन डॉलर (GDP का 1%) था और वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 4.6 बिलियन डॉलर (GDP का 0.5%) का अधिशेष रहा।

RBI डेटा के मुख्य तथ्य 

  • वाणिज्यिक व्यापार घाटा:  चालू खाता घाटा के बढ़ने का प्राथमिक कारण वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में वाणिज्यिक व्यापार घाटा बढ़कर 65.1 बिलियन डॉलर हो जाना था, जो कि वित्तीय वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 56.7 बिलियन डॉलर था।
  • सेवा प्राप्तियों में वृद्धि: कंप्यूटर, व्यवसाय, यात्रा और परिवहन सेवाओं के निर्यात में वृद्धि के साथ, शुद्ध सेवा प्राप्तियाँ एक वर्ष पहले के 35.1 बिलियन डॉलर से बढ़कर 39.7 बिलियन डॉलर हो गईं।
  • निजी हस्तांतरण प्राप्तियाँ: विदेश में भारतीयों द्वारा प्रेषित धन वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में बढ़कर 29.5 बिलियन डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 27.1 बिलियन डॉलर था।
  • प्राइमरी इनकम आउटफ्लो: प्राथमिक आय खाते पर शुद्ध व्यय बढ़कर 10.7 बिलियन डॉलर हो गया, जो निवेश आय पर उच्च भुगतान को दर्शाता है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): FDI अंतर्वाह वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में बढ़कर 6.3 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में यह 4.7 बिलियन डॉलर था।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI): FPI अंतर्वाह वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 15.7 बिलियन डॉलर से घटकर 0.9 बिलियन डॉलर हो गया।
  • बाहरी वाणिज्यिक उधार (ECB): ECB अंतर्वाह एक वर्ष पहले के 5.6 बिलियन डॉलर से घटकर 1.8 बिलियन डॉलर हो गया।
  • अनिवासी जमा (Non-Resident Deposits): NRI जमा से शुद्ध अंतर्वाह वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 2.2 बिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर 4.0 बिलियन डॉलर हो गया।
  • विदेशी मुद्रा भंडार: विदेशी मुद्रा भंडार में वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 5.2 बिलियन डॉलर की वृद्धि देखी गई, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के 24.4 बिलियन डॉलर से कम है।

चालू खाता घाटा और इसकी प्रवृत्तियाँ क्या हैं?

  • चालू खाता घाटा वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात और आयात के बीच का अंतर है।
    • यह देश के बाह्य क्षेत्र का एक प्रमुख संकेतक है।
  • घटक: यह व्यापार संतुलन (निर्यात – वस्तु एवं सेवाओं का आयात) + विदेश से शुद्ध कारक आय (ब्याज आय और लाभांश, आदि) और शुद्ध हस्तांतरण भुगतान (जैसे- विदेशी सहायता) का योग है।
  • सूत्र: चालू खाता = व्यापार संतुलन+शुद्ध कारक आय+शुद्ध हस्तांतरण भुगतान
  • ‘दोहरा घाटा’ (Twin deficit): वह स्थिति जिसमें एक राष्ट्र का चालू खाता घाटा (व्यापार घाटा) और राजकोषीय घाटा एक ही समय में होता है।
    • राजकोषीय घाटा = कुल व्यय-कुल प्राप्तियाँ  (उधार को छोड़कर)।

चालू खाता घाटे के कारण

संरचनात्मक कारण 

चक्रीय कारण

  • अल्प निवेश
  • अपेक्षाकृत कम उत्पादकता
  • अपेक्षाकृत उच्च मुद्रास्फीति
  • अपर्याप्त अनुसंधान एवं विकास, नवाचार
  • कम लागत वाली प्रतिस्पर्द्धा का उदय
  • अत्यधिक मूल्यवान विनिमय दर
  • घरेलू माँग में उछाल
  • प्रमुख निर्यात बाजारों में मंदी
  • निर्यात की वैश्विक कीमतों में गिरावट
  • आयातित प्रौद्योगिकी की बढ़ती माँग 

चालू खाता घाटे का निहितार्थ

  • रुपये का अवमूल्यन: लगातार लंबे समय तक चालू खाता घाटा बढ़ने से रुपये का अवमूल्यन हो सकता है और विदेशी मुद्रा (विशेष रूप से डॉलर) की माँग में वृद्धि होगी।
  • मुद्रास्फीति: देश के चालू खाते में लगातार घाटे के परिणामस्वरूप रुपये के अवमूल्यन से आयातित वस्तुओं की कीमतें महँगी हो जाएँगी और बदले में देश मुद्रास्फीति की ओर बढ़ेगा। 
  • उच्च ब्याज दरें: यह अर्थव्यवस्था के निवेश और उपभोग चक्र को प्रभावित करेगा। 
  • आर्थिक विकास: लगातार चालू खाता घाटा आर्थिक असंतुलन को प्रभावित करता है, जो देश के सतत् विकास की संभावनाओं को बाधित करता है। 
  • व्यापार संतुलन: चालू खाता घाटे के कारण घरेलू उद्योगों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता और स्थिरता प्रभावित होगी।

भारत के चालू खाता घाटे को कम करने के उपाय

  • वस्तुओं की कीमत कम करना।
  • रुपये का मूल्य बढ़ाना।
  • विकसित देशों से लिया गया कर्ज कम करना।
  • संपत्तियों पर विदेशी स्वामित्व कम करना।
  • आयातित वस्तुओं की गुणवत्ता में सुधार करना।
  • सोने, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के अनावश्यक आयात को कम करना।
  • निर्यात के  मूल्य में वृद्धि।

भुगतान संतुलन और उसके घटक

  • परिभाषा: भुगतान संतुलन (BOP) एक बही खाता प्रणाली है, जो किसी विशेष अवधि के लिए विश्व के अन्य देशों के साथ देश के आर्थिक लेन-देन का लेखा-जोखा प्रस्तुत करती है।
  • प्रभाव: BoP के द्वारा किसी देश के शेष विश्व के साथ व्यापार, निवेश और स्थानान्तरण का मूल्यांकन किया जा सकता है।
  • घटक: भुगतान संतुलन पूँजी तथा चालू खातों से निर्मित होता है।

चालू खाता (Current Account )

पूँजी खाता (Capital Account)

परिभाषा

चालू खाता वह खाता है, जिसमें माल निर्यात और आयात के साथ-साथ सेवाओं में व्यापार और हस्तांतरण भुगतान का रिकॉर्ड रखा जाता है।

पूँजी खाता वह खाता है, जो देशों के बीच पूँजीगत परिसंपत्तियों और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों के उधार लेने और देने का हिसाब रखता है।

घटक

चालू खाता दृश्य व्यापार (माल), अदृश्य व्यापार (सेवाएँ), हस्तांतरण भुगतान, शुद्ध कारक आय और प्रेषण से बना होता है।

चालू खाता उधार, ऋण और निवेश से मिलकर बना होता है।

प्रभाव

किसी देश का चालू खाता अन्य देशों के साथ उस देश के लेन-देन का हिसाब रखता है।

किसी देश का पूँजी खाता उस देश के अन्य देशों के साथ निवेश और ऋण का हिसाब रखता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.