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Lokesh Pal
July 07, 2025 03:03
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तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में अजीत कुमार नामक व्यक्ति की हाल ही में हुई कथित हिरासत में मृत्यु ने भारत में पुलिस यातना और दंड से मुक्ति (Impunity) की समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
हिरासत में यातना और मौतें मानवीय गरिमा का गंभीर उल्लंघन हैं, जो संवैधानिक लोकतंत्र की नींव को खतरे में डालती हैं। इस व्यापक खतरे को समाप्त करने के लिए मजबूत कानूनी सुधार, प्रभावी जवाबदेही तंत्र और पुलिसिंग में परिवर्तन आवश्यक हैं। अब समय है कि कानून के रक्षक, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करें, न कि उनका हनन।
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