100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

साइबर अपराध पर नियंत्रण

Lokesh Pal March 15, 2025 12:00 7 0

संदर्भ

हाल ही में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, प्रतिबिंब मॉड्यूल के तहत 6,046 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, 17,185 संपर्कों की पहचान हुई तथा 36,296 साइबर जाँच सहायता अनुरोध प्राप्त हुए।

साइबर अपराध के प्रकार

  • हैकिंग: कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क तक अनधिकृत पहुँच।
  • फिशिंग: संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए धोखाधड़ी वाले ईमेल या संदेश।
  • पहचान की चोरी: धोखाधड़ी के लिए व्यक्तिगत जानकारी चुराना।
  • साइबरस्टॉकिंग: ऑनलाइन उत्पीड़न या धमकियाँ।
  • रैंसमवेयर: मैलवेयर जो डेटा को लॉक कर देता है, पहुँच के लिए फिरौती की माँग करता है।
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी: नकली वेबसाइट, निवेश या ई-कॉमर्स धोखाधड़ी से जुड़े घोटाले।
  • साइबर आतंकवाद: राष्ट्रीय सुरक्षा या बुनियादी ढाँचे को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले।
  • बाल शोषण: ऑनलाइन अवैध सामग्री को साझा करना या वितरित करना।

साइबर अपराध के बारे में

  • साइबर अपराध से तात्पर्य कंप्यूटर, नेटवर्क या डिजिटल प्रणाली से संबंधित आपराधिक गतिविधियों से है, जिसमें धोखाधड़ी, चोरी या व्यक्तियों, संगठनों अथवा सरकारों को नुकसान पहुँचाने के लिए अपराध किए जाते हैं। ये अपराध वित्तीय लाभ, डेटा चोरी या दुर्भावनापूर्ण उद्देश्य के लिए प्रौद्योगिकी की कमजोरियों का लाभ उठाते हैं।

भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS)

  • परिभाषा: GIS एक ऐसी तकनीक है, जो भौगोलिक डेटा को कैप्चर, स्टोर, विश्लेषण और विजुअलाइज करती है ताकि स्थानिक जानकारी को मैप और मॉनिटर किया जा सके।
  • अनुप्रयोग: शहरी नियोजन, आपदा प्रबंधन, अपराध मानचित्रण, कृषि और नेविगेशन में वास्तविक समय की भौगोलिक अंतर्दृष्टि के माध्यम से निर्णय लेने को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

‘प्रतिबिंब’ मॉड्यूल के बारे में

  • यह एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) आधारित सॉफ्टवेयर है, जिसे साइबर अपराध ट्रैकिंग के लिए डिजाइन किया गया है।
    • यह राज्य पुलिस बलों सहित प्रवर्तन एजेंसियों को वास्तविक समय में साइबर अपराधियों का पता लगाने और उनके नेटवर्क को बाधित करने में सहायता करता है।
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre- I4C) द्वारा विकसित किया गया।
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • भारत भर में साइबर अपराधों में इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबरों को GIS मानचित्र पर प्रदर्शित करता है।
    • कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law Enforcement Agencies- LEA) तथा सेवा प्रदाताओं को मानचित्र आधारित दृश्य प्रदान करता है।
    • आपराधिक गतिविधियों में शामिल मोबाइल नंबरों के स्थानों की पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने में मदद करता है।

साइबर अपराध से निपटने के लिए अन्य पहल

‘समन्वय’ (Samanvaya) प्लेटफॉर्म के बारे में

  • यह साइबर अपराध डेटा साझाकरण तथा विश्लेषण के लिए गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक समन्वय मंच है।
  • यह साइबर अपराध शिकायतों से निपटने में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच सहयोग को बढ़ाता है।
  • कार्य
    • विभिन्न LEAs के बीच साइबर अपराध डेटा साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।
    • बेहतर जाँच और समन्वय के लिए अंतरराज्यीय साइबर अपराध संबंधों को ट्रैक करता है।
    • साइबर धोखाधड़ी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करता है।

राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला 

  • प्रारंभिक चरण की साइबर फोरेंसिक सहायता प्रदान करने के लिए नई दिल्ली में I4C के तहत स्थापित
  • साइबर अपराध की जाँच में राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस के जाँच अधिकारियों (IOs) का समर्थन करता है।
  • अब तक लगभग 11,835 साइबर अपराध मामलों में फोरेंसिक सेवाएँ प्रदान की हैं।

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के बारे में

  • साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के तहत स्थापित किया गया है।
  • भारत भर में साइबर अपराधों से निपटने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
  • नई दिल्ली में स्थित है तथा कानून प्रवर्तन, शिक्षा और उद्योग के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करता है।
  • मुख्य फोकस क्षेत्र
    • साइबर अपराध को रोकने के लिए LEAs तथा हितधारकों के बीच सहयोग को मजबूत करता है।
    • साइबर अपराध की रोकथाम, पता लगाने, जाँच तथा अभियोजन पर कार्य करता है।
    • साइबर खतरों के लिए समाधान विकसित करने के लिए शिक्षाविदों, उद्योग और सरकार के साथ जुड़ता है।

I4C के उद्देश्य

  • साइबर अपराध की रोकथाम और समन्वय: भारत में साइबर अपराध से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए एक केंद्रीय समन्वय निकाय के रूप में कार्य करता है।
    • साइबर खतरों पर सूचना साझा करने और खुफिया जानकारी जुटाने को बढ़ावा देता है।
  • अनुसंधान और विकास: LEAs की शोध समस्याओं एवं आवश्यकताओं की पहचान करता है।
    • भारत और विदेशों में शिक्षाविदों और शोध संस्थानों के सहयोग से नई तकनीकों और फोरेंसिक उपकरणों के विकास का समर्थन करता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर खतरा शमन: चरमपंथी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए साइबरस्पेस के दुरुपयोग को रोकता है।
    • तेजी से विकसित हो रही तकनीकों के अनुकूल होने के लिए साइबर कानूनों में संशोधन का सुझाव देता है।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कानूनी ढाँचे: अन्य देशों के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (Mutual Legal Assistance Treaties- MLATs) का समन्वय करता है।
    • अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध सहयोग को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोडल अधिकारियों के साथ कार्य करता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.