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प्रतिष्ठित व्यक्तियों के निजी कागजातों के लिए गोपनीयता हटाने के नियम

Lokesh Pal June 29, 2024 04:04 138 0

संदर्भ 

प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (Prime Ministers’ Museum & Library- PMML) ने निर्णय लिया है कि वह भविष्य में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के निजी कागजात दान करने वालों को ऐसी सामग्री को सार्वजनिक करने पर अनिश्चित शर्तें लगाने की अनुमति नहीं देगा। 

PMML के नए गोपनीयता-निवारण नियम (New Declassification Rules of PMML)

  • पीएमएमएल ने सामान्य परिस्थितियों में किसी भी नए पेपर की प्राप्ति की तारीख से केवल पाँच वर्ष का प्रतिबंध लगाने की अनुमति देने का निर्णय लिया है।
    • दुर्लभ मामलों में: प्रतिबंध अवधि अधिकतम 10 वर्षों तक बढ़ाई जा सकती है।
  • गोपनीयता हटाना: पीएमएमएल ने लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष जी. डी. मावलंकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू की भतीजी नयनतारा सहगल और पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित 2.80 लाख पृष्ठों से संबंधित निजी दस्तावेजों के कई सेटों को स्वयं खोलने का निर्णय लिया है।
    • वर्ष 2008 में, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने जवाहरलाल नेहरू के निजी संग्रह से कुछ कागजात वापस ले लिए, जिन्हें परिवार ने पहले संग्रहालय को दान कर दिया था और इन कागजातों के कई सेटों तक पहुँच पर भी रोक लगा दी थी।

निजी कागजात क्या हैं?

  • ये कागजात परिवारों, संस्थाओं, विश्वविद्यालयों और अन्य निजी दाताओं और आधिकारिक अभिलेखों से प्राप्त व्यक्तिगत संग्रह के रूप में इन व्यक्तित्वों के जीवन तथा समय का एक अमूल्य एवं सटीक मूल्यांकन हैं।
    • आधिकारिक दस्तावेज (Official Records): ये विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों द्वारा रखे जाते हैं और इनमें विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सरकारों के कामकाज से संबंधित पत्र, रिकॉर्ड या फाइल नोटिंग आदि शामिल हो सकते हैं।
  • व्यक्तिगत कागजात बनाम निजी कागजात: किसी व्यक्ति का उस समय के अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों या संस्थाओं के साथ पत्राचार उस व्यक्ति के निजी संग्रह का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि ये कागजात उस व्यक्ति के परिवार या अन्य निजी व्यक्तियों के स्वामित्व में होते हैं।
    • हालाँकि, व्यक्तिगत क्षमता में रखे गए पत्राचार और दस्तावेजों को इस सेट से बाहर रखा गया है।

कागजातों का गोपनीयता-उन्मूलन

  • प्रतिबंध (Embargoes): दानकर्ता कभी-कभी प्राप्तकर्ता संस्थान के साथ समझौता कर लेते हैं तथा अपने स्वामित्व में निजी संग्रह को अभिलेखागार और संग्रहालयों को सौंपने से पहले सार्वजनिक पहुँच या उनके गैर-गोपनीयकरण पर अनिर्दिष्ट प्रतिबंध शर्तें लगाते हैं।
    • परिणामस्वरूप, संस्था इन दस्तावेजों को अपने पास रखती है और संरक्षित रखती है, लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं कर सकती और शोधकर्ता उन तक पहुँच नहीं बना सकते।
  • गोपनीयता हटाने संबंधी नियम 
    • सार्वजनिक अभिलेख नियम, 1997 (Public Records Rules, 1997), भारत में सभी प्रकार के अभिलेखों और पत्राचार की गोपनीयता हटाने के लिए है। 
      • परिभाषा: सार्वजनिक अभिलेखों में केंद्र सरकार और PMO तथा राष्ट्रपति कार्यालय सहित सरकार के किसी भी मंत्रालय, विभाग या कार्यालय से संबंधित कोई भी अभिलेख शामिल है।
        • इन आधिकारिक अभिलेखों को सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी संबंधित संगठनों की है और अभिलेखों को आम तौर पर 25 वर्षों में सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
        • 25 वर्ष से अधिक पुराने अभिलेखों का अभिलेखीय विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए तथा युद्ध/संचालन इतिहास संकलित होने के पश्चात् उन्हें भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए।
    • निजी स्वामित्व वाले कागजात के लिए: वर्ष 1997 के नियमों में निजी व्यक्तियों और परिवारों के स्वामित्व वाले कागजात के संबंध में कोई अधिकार नहीं है, जिन तक पहुँच स्वैच्छिक प्रकृति की है या तो दान के माध्यम से अथवा कुछ मामलों में इन दस्तावेजों की बिक्री के माध्यम से।

प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (Prime Ministers’ Museum and Library) के बारे में

  • स्थापना:  वर्ष 1964 में इस इमारत को भारत के राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का उद्घाटन किया गया।    
  • इसके प्रबंधन के लिए 1 अप्रैल, 1966 को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसायटी (Nehru Memorial Museum and Library Society) का गठन किया गया। 
  • अवस्थिति: यह नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के दक्षिण में स्थित ऐतिहासिक तीन मूर्ति परिसर में स्थित एक संग्रहालय और पुस्तकालय है।
  • नोडल मंत्रालय: यह भारतीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है।
  • उद्देश्य: नेहरूवादी युग के विशेष संदर्भ में आधुनिक भारतीय इतिहास में मौलिक शोध को बढ़ावा देना।

  • निजी कागजात
    • PMML के पास देश में निजी पत्रों का सबसे बड़ा संग्रह है, जो मूल रूप से आधुनिक भारत की लगभग 1,000 हस्तियों से संबंधित है, जिसमें इसके नेतृत्व के पूरे स्पेक्ट्रम को शामिल किया गया है। 
      • इसमें महात्मा गांधी, बी. आर. अंबेडकर, राजकुमारी अमृत कौर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, भीकाजी कामा, चौधरी चरण सिंह और कई अन्य लोगों के पत्रों का महत्त्वपूर्ण संग्रह शामिल है। 
      • हाल ही में प्राप्त: PMML में प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा के पत्र शामिल हैं, जो उनकी पत्नी द्वारा दान किए गए थे और हिंदी लेखक यशपाल से संबंधित पत्र शामिल हैं। 
    • जवाहरलाल नेहरू पत्र: वे PMML (NMML) द्वारा प्राप्त निजी पत्रों का पहला सेट थे, जो स्वतंत्रता-पूर्व और स्वतंत्रता-पश्चात् दोनों अवधियों को कवर करते हैं। 
      • नेहरू के निजी कागजात वर्ष 1971 से लेकर 1984 तक इंदिरा गांधी की ओर से जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड (Jawaharlal Nehru Memorial Fund- JNMF) की मदद से कई बैचों में PMML को हस्तांतरित किए गए। 
      • इसके बाद, वर्ष 1946 के बाद की अवधि के नेहरू के कागजात का एक बड़ा संग्रह सोनिया गांधी द्वारा PMML को सौंप दिया गया। 

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) 

  • भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार भारतीय सरकारी अभिलेखों का आधिकारिक भंडार है।
  • प्रशासन: यह संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) के अधीन कार्य करता है।
  • राष्ट्रीय अभिलेखागार का निजी अभिलेखागार अनुभाग: NAI निजी संग्रह भी प्राप्त करता है, लेकिन केवल उन्हीं कागजातों को प्राप्त करता है, जिन्हें दानकर्ता गोपनीयता हटाने के लिए सहमत होते हैं, सिवाय बहुत ही दुर्लभ मामलों में, जहाँ चिंताएँ दबावपूर्ण हो सकती हैं और सुरक्षा या संवेदनशीलता से संबंधित हो सकती हैं।
    • ये कागजात मुख्य रूप से दुनिया भर के व्यक्तियों और संस्थानों से दान एवं उपहार के माध्यम से प्राप्त किए गए हैं।
  • व्यक्तित्व: राष्ट्रीय अभिलेखागार में सरदार पटेल, महात्मा गांधी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, दादाभाई नौरोजी, पुरुषोत्तम दास टंडन, मौलाना आजाद, मीनू मसानी और केशव देव मालवीय से संबंधित कागजात हैं।

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