व्यापक प्रयासों के बावजूद, LZ, XENON-nT, एवं PandaX-4T जैसे प्रयोग डार्क मैटर (Dark Matter) का पता लगाने में लगातार विफल रहे हैं।
डार्क मैटर (Dark Matter) के बारे में
यह उन कणों से बना है, जिनमें कोई आवेश नहीं है, जिसका अर्थ है कि वे विद्युत चुंबकीय अंतर्क्रिया के माध्यम से संचार स्थापित नहीं कर सकते हैं।
विशेषताएँ
ये ऐसे कण हैं जो ‘डार्क’ हैं, अर्थात् क्योंकि वे प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं, जो एक विद्युत चुंबकीय घटना है।
‘मैटर’ से तात्पर्य है कि उनमें सामान्य पदार्थ की तरह द्रव्यमान होता है तथा इसलिए वे गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं।
पहलू
डार्क एनर्जी
डार्क मैटर
ब्रह्मांड में अनुपात
ब्रह्मांड का लगभग 68% हिस्सा है।
ब्रह्मांड का लगभग 27% हिस्सा है।
भूमिका
एक प्रतिकारक शक्ति के रूप में कार्य करता है, जो ब्रह्मांड के विस्तार को संचालित करता है।
गुरुत्वाकर्षण बल उत्पन्न करता है, आकाशगंगाओं को एक साथ आपस में संबद्ध रखता है।
दृश्यता
प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा जा सकता; कैप्चर नहीं किया जा सकता है।
प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा जा सकता; गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से पता चला।
खोज
तेजी से बढ़ते ब्रह्मांडीय विस्तार के अवलोकन के बाद वर्ष 1998 में इसकी खोज की गई।
गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के आधार पर इसे 1920 के दशक में प्रस्तावित किया गया था।
डार्क एनर्जी बनाम डार्क मैटर
ब्रह्मांड के 95% से अधिक हिस्से में डार्क मैटर एवं डार्क एनर्जी शामिल है, जिसमें दृश्य पदार्थ 5% से कम है।
डार्क मैटर की खोज
प्रारंभिक खोजें
1930 का दशक: फ्रिट्ज ज़्विकी (Fritz Zwicky) ने कोमा क्लस्टर (Coma Cluster) में आकाशगंगाओं को बहुत तेजी से घूमते हुए देखा, जो अदृश्य द्रव्यमान (डार्क मैटर) की ओर इंगित करता था।
1970 का दशक: वेरा रुबिन (Vera Rubin) ने आकाशगंगा घूर्णन अध्ययन (Galaxy Rotation Studies) के माध्यम से डार्क मैटर की उपस्थिति की पुष्टि की।
प्रत्यक्ष जाँच संबंधी प्रयोग
लक्स-जेप्लिन (LUX-ZEPLIN-LZ) प्रयोग: इस प्रयोग के द्वाराडार्क मैटर संबंधी कण की पहचान के संबंध में सबसे प्रभावी प्रमाण हासिल किया गया।
लक्ष्य: गहरे भूमिगत परमाणु नाभिक के साथ कमजोर रूप से संपर्क करने वाले डार्क मैटर कणों का पता लगाना।
चुनौतियाँ
न्यूट्रिनो फॉग (Neutrino Fog): यह न्यूट्रिनो की प्रचुरता को संदर्भित करता है, जो डार्क मैटर डिटेक्टरों में बैकग्राउंड नॉइज उत्पन्न करता है, संभावित डार्क मैटर संकेतों को छुपाता है।
न्यूट्रिनो (प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले घोस्टली पार्टिकल) डिटेक्टरों में बैकग्राउंड नॉइज उत्पन्न करते हैं, जिससे डार्क मैटर संकेतों को अलग करना मुश्किल हो जाता है।
संवेदनशीलता सीमाएँ: भविष्य के डिटेक्टरों को डार्क मैटर को हल्के न्यूट्रिनो अंतर्क्रिया से अलग करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
XENON-nT
यह इटली में ‘ग्रैन सैसो नेशनल लेबोरेटरी’ (Gran Sasso National Laboratory) में स्थित एक डार्क मैटर प्रयोग है, जिसमें तरल जेनॉन के एक बड़े टैंक का उपयोग किया जाता है।
उद्देश्य: जेनॉन परमाणुओं के साथ उनकी अंतःक्रिया को मापकर डार्क मैटर कणों का प्रत्यक्ष रूप से पता लगाना।
जाँच: अब तक, XENON-nT ने किसी भी निश्चित डार्क मैटर सिग्नल का पता नहीं लगाया है, लेकिन इसने कुछ डार्क मैटर कैंडिडेट के गुणों पर कड़ी सीमाएँ निर्धारित की हैं।
PandaX-4T
यह चीन में स्थित एक डार्क मैटर प्रयोग है। इसमें लक्ष्य सामग्री के रूप में तरल जेनॉन के एक बड़े टैंक का उपयोग किया जाता है।
उद्देश्य: जेनॉन परमाणुओं के साथ उनकी अंतःक्रिया के माध्यम से डार्क मैटर कणों का प्रत्यक्ष रूप से पता लगाना।
जाँच: XENON-nTकी तरह, PandaX-4T ने अभी तक किसी भी निश्चित डार्क मैटर सिग्नल का पता नहीं लगाया है। हालाँकि, इसने संभावित डार्क मैटर कैंडिडेट के गुणों पर महत्त्वपूर्ण प्रतिबंध लगा दिए हैं।
डार्क मैटर संबंधी प्रश्नों को हल करने के तरीके
विशेष सामग्री का उपयोग: विशेष सामग्री से हल्के गहरे पदार्थ के कणों का पता लगाना।
अप्रत्यक्ष पता लगाना: डार्क मैटर की अंतःक्रियाओं द्वारा संभावित रूप से उत्पन्न होने वाली गामा किरणों जैसी घटनाओं का अवलोकन करना।
सहयोग: इसके लिए भौतिकविदों, इंजीनियरों और विभिन्न वैज्ञानिक विषयों के विशेषज्ञों के सहयोग की आवश्यकता है।
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