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भारत में मधुमेह

Lokesh Pal October 10, 2024 03:59 64 0

संदर्भ

‘इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फूड साइंसेज एंड न्यूट्रिशन’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड एवं फास्ट फूड का सेवन भारत में मधुमेह का प्रमुख कारण है।

मधुमेह

  • मधुमेह के बारे में: मधुमेह एक गैर-संचारी दीर्घकालिक रोग है, जहाँ अग्न्याशय या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी रूप से उपयोग नहीं कर पाता है।
    • इंसुलिन रक्त शर्करा के स्तर को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार हार्मोन है।
  • मधुमेह के प्रकार
  • टाइप 1 मधुमेह: ऑटोइम्यूनिटी/एंटीबॉडी अग्न्याशय को प्रभावित करती हैं, जिससे इंसुलिन उत्पन्न करने वाली बीटा कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं।
    • इससे अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन होता है।
    • दैनिक इंसुलिन संतुलन की आवश्यकता होती है।
    • इसका सटीक कारण अज्ञात है एवं कोई ज्ञात निवारक उपाय भी नहीं हैं।
  • टाइप 2 मधुमेह: इंसुलिन प्रतिरोध और इंसुलिन की कमी के संयोजन के कारण होता है।
  • शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग करने में असमर्थ हो जाता है, जिससे उपचार न करने पर उच्च रक्त शर्करा हो जाती है।
  • इसे प्रायः रोका जा सकता है।
  • इसके प्रमुख कारकों में अधिक वजन होना, व्यायाम की कमी एवं आनुवंशिकी शामिल हैं।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष 

  • भारत में मधुमेह: विश्व स्तर पर भारत में मधुमेह के मामलों की संख्या सबसे अधिक है, जिससे 101 मिलियन लोग प्रभावित हैं।
    • अंतरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ की ‘भारत मधुमेह रिपोर्ट 2000-2045’ ने भारत को ‘विश्व की मधुमेह राजधानी’ कहा है। 
    • मधुमेह का प्रसार वयस्क आबादी के 9.3 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जिससे प्रतिवर्ष 8.7 बिलियन डॉलर की  आर्थिक हानि होती है। 
  • AGEs से भरपूर आहार: उन्नत ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs- Advanced Glycation End Products) से भरपूर आहार, जो अल्ट्रा-प्रोसेस्ड एवं फास्ट फूड में सामान्य रूप से पाया जाता है, को भारत में मधुमेह के प्रमुख कारण के रूप में पहचाना जाता है।

अध्ययन निम्नलिखित आहार की सिफारिश करता है: 

  • कम AGE वाला आहार (फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, कम वसा वाला दूध) ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करता है, इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है एवं कोशिकीय क्षति को रोकने में मदद करता है, उच्च AGE वाले आहार (तले तथा भुने हुए खाद्य पदार्थ) की तुलना में मधुमेह के खतरे को कम करता है।
  • उबले हुए खाद्य पदार्थ, साथ ही हरी पत्तेदार गैर-स्टार्च वाली सब्जियाँ, फल का सेवन करना।
  • मधुमेह के खतरे को कम करने के लिए तले हुए, बेकरी एवं मीठे खाद्य पदार्थों से परहेज करना।

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ 

  • ‘अल्ट्रा-प्रोसेस्ड’ खाद्य पदार्थ औद्योगिक रूप से निर्मित उत्पाद होते हैं, जिनमें कुछ ठोस तत्त्व होते हैं एवं आमतौर पर अतिरिक्त शर्करा, नमक, वसा तथा कृत्रिम तत्त्व  की मात्रा अधिक होती है। 
  • वे सुविधा के लिए डिजाइन किए गए हैं एवं उनकी शेल्फ लाइफ लंबी है। वे अक्सर पोषण की दृष्टि से उचित विकल्प नहीं होते हैं। उदाहरण: प्रसंस्कृत मांस, पैकेज्ड स्नैक्स, पेय पदार्थ आदि।

उन्नत ग्लाइकेशन अंतिम उत्पाद (Advanced Glycation End Products- AGEs)

  • AGEs उच्च तापमान पर खाना पकाने (तलने, ग्रिल करने, भूनने) के दौरान बनने वाले हानिकारक यौगिक हैं। जो मधुमेह का एक प्रमुख कारक है।
    • उदाहरण के लिए: प्रसंस्कृत वनस्पति आधारित खाद्य पदार्थ एवं पशु प्रोटीन, जिन्हें उच्च तापमान पर पकाया जाता है उनमें AGEs  बनने की संभावना अधिक होती है। 
  • ग्लाइकेशन, एक गैर-एंजाइमी रासायनिक प्रक्रिया जहाँ चीनी वसा या प्रोटीन से जुड़ती है, शरीर में इस हानिकारक प्रतिक्रिया में भूमिका निभाती है।

मधुमेह रोग को कम करने के लिए भारत में की गई पहल

  • राष्ट्रीय मधुमेह नीति: वर्ष 2017 में शुरू की गई इस नीति का लक्ष्य वर्ष 2025 तक भारत में मधुमेह के प्रसार को 20% तक कम करना है।
  • गैर-संचारी रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (NP-NCD): NP-NCD के तहत राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार ग्लूकोमीटर एवं मधुमेह के लिए दवाएँ प्रदान की जाती हैं।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग: इसका उद्देश्य मधुमेह, उच्च रक्तचाप एवं कैंसर सहित सामान्य गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases- NCDs) की रोकथाम, नियंत्रण तथा जाँच करना है।
    • यह पहल विशेष रूप से स्क्रीनिंग के लिए 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित करती है।
  • ईट राइट इंडिया: चीनी, नमक एवं वसा की खपत पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्त्वावधान में FSSAI द्वारा ‘ईट राइट इंडिया’ आंदोलन का प्रारंभ किया गया था।
  • अन्य: फिट इंडिया एवं खेलो इंडिया अभियान युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किए जाते हैं तथा योग से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती हैं।
    • राज्य सरकारों के सहयोग से ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ (PMBJP) के तहत इंसुलिन सहित गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएँ सभी को किफायती कीमतों पर उपलब्ध कराई जाती हैं।

अन्य देशों से सीख: भारत निम्नलिखित देशों से सीख ले  सकता है:-

  • मेक्सिको ने मीठे पेय पदार्थों पर शुगर टैक्स  लगाया।
  • जापान मेटाबो कानून 40 से अधिक उम्र के वयस्कों के लिए वार्षिक कमर माप को अनिवार्य करता है, इसके बाद जोखिम वाले लोगों के लिए परामर्श दिया जाता है, जो मोटापे की दर को कम करने में योगदान देता है।
  • डेनमार्क ने संतृप्त वसा की खपत को कम करने के लिए नीतियाँ  लागू की हैं।

निष्कर्ष 

मधुमेह के मामलों में चिंताजनक दर से वृद्धि जारी है, इस स्वास्थ्य संकट को रोकने के लिए आहार में AGEs की भूमिका को समझना आवश्यक है। 

  • पोषणयुक्त खाना पकाने के तरीकों को प्रोत्साहित करने एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की खपत को कम करने से देश में मधुमेह रोग को  काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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