100% तक छात्रवृत्ति जीतें

रजिस्टर करें

भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशा-निर्देश (DGIs)

Lokesh Pal May 10, 2024 05:54 275 0

संदर्भ

हाल ही में शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के तहत हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) ने भारतीयों के लिए संशोधित आहार दिशा-निर्देश (DGI) जारी किए हैं। 

संबंधित तथ्य

  • इस वर्ष की शुरुआत में ‘द लांसेट’ (The Lancet) में प्रकाशित, कुपोषण पर एक अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कुपोषण अधिक है एवं पिछले 30 वर्षों में मोटापे के मामलों में भी अधिक वृद्धि हुई है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा जारी दिशा-निर्देश:

  • दिशा-निर्देश: आवश्यक पोषक तत्त्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने और गैर-संचारी रोगों (NCDs) को रोकने के लिए इसमें  17 दिशा-निर्देश सूचीबद्ध किए गए हैं।
    • इसने सामान्य सिद्धांतों को भी निर्धारित किया, जैसे कि नमक और अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (जैसे पैक किए गए चिप्स, कुकीज, ब्रेड, केचप, कैंडी, आदि) की खपत को कम करना।
  • रिपोर्ट में व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण, 2019 का संदर्भ दिया गया है, जिसमें बच्चों में भी जीवनशैली की स्थिति का उच्च प्रसार दिखाया गया है। 
    • 5-9 वर्ष की आयु के लगभग 5% बच्चे और 6% किशोर अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त थे, लगभग 2% बच्चों और किशोरों में मधुमेह पाया गया और अन्य 10% में पूर्व-मधुमेह से ग्रसित थे।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)

  • ICMR जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और संवर्द्धन के लिए भारत में सर्वोच्च निकाय है।
  • यह स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली

राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) द्वारा उठाई गई चिंताएँ

  • उच्च रोग भार (High Disease Burden): भारत के कुल रोग भार का अनुमानित 56.4% अस्वास्थयकर आहार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। 
  • संभावित खतरे: बड़ी मात्रा में प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन या उच्च प्रोटीन सांद्रता की खपत अस्थि दुर्बलता और गुर्दे की क्षति जैसे संभावित खतरों से जुड़ी हुई है।
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर: सर्वेक्षण में 5-9 वर्ष की आयु के 37.3% बच्चों और 10-19 वर्ष की आयु के 19.9% किशोरों में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL और ट्राइग्लिसराइड्स) का उच्च स्तर पाया गया
    • सभी बच्चों और किशोरों में से एक-चौथाई में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था।
  • दोहरी पोषण चुनौती: सूक्ष्म पोषक तत्त्वों (जस्ता, लोहा, विटामिन) की कमी की घटना 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों में 13% से 30% तक थी। 
    • भारत में कुपोषण के गंभीर रूप, जैसे कि मैरास्मस (कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन जैसे मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी) और क्वाशरकोर (प्रोटीन की कमी) के मामलों में कमी आई है तथा 5 वर्ष से कम आयु, 5-9 वर्ष की आयु और 10-19 वर्ष की आयु के क्रमशः 40.6%, 23.5% और 28.4% बच्चे एनीमिया से ग्रसित हैं।
    • दोषपूर्ण आहार पैटर्न: “दोषपूर्ण आहार पैटर्न” जिसमें अस्वास्थ्यकर उच्च संसाधित, उच्च वसा, चीनी और नमक (HFSS) युक्त खाद्य पदार्थ, स्वस्थ विकल्पों की तुलना में अधिक वहनीय और सुलभ हो गए हैं, “आयरन और फॉलिक एसिड की कमी में योगदान देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एनीमिया होता है और जनसंख्या समूहों में अधिक वजन और मोटापे का उच्च प्रसार होता है।
  • उपलब्धता और प्रभाव: दालों और मांस की सीमित उपलब्धता और उच्च लागत के कारण, भारतीय आबादी का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा अनाज पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (आवश्यक अमीनो एसिड और आवश्यक फैटी एसिड) और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों का कम सेवन होता है।
    • आवश्यक पोषक तत्त्वों का कम सेवन चयापचय को बाधित कर सकता है और कम आयु से ही इंसुलिन प्रतिरोध और संबंधित विकारों के जोखिम को बढ़ा सकता है।

राष्ट्रीय पोषण संस्थान (NIN) द्वारा प्रस्तुत सिफारिशें

  • अस्वास्थ्यकर प्रथाओं से बचना: शरीर के द्रव्यमान निर्माण के लिए प्रोटीन की खुराक से बचने और नमक का सेवन प्रतिबंधित करने के लिए, चीनी और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को कम करना और सूचित एवं स्वस्थ भोजन विकल्प हेतु खाद्य लेबल पर उपलब्ध जानकारी पढ़ना।
  • सामान्य आहार सिद्धांत: लोगों के विभिन्न समूहों के लिए अनुशंसित आदर्श आहार चार्ट, सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी और अतिपोषण रोगों दोनों को ध्यान में रखता है।
    • ये दिशा-निर्देश सब्जियों, पत्तेदार सब्जियों, जड़ों और कंद, डेयरी, नट और तेलों सहित कम-से-कम आठ खाद्य समूहों से आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त करने की सलाह देते हैं। 
    • अनाज की खपत को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए, ये कुल ऊर्जा का केवल 45% योगदान करते हैं (अब 50-70% के बजाय)। 
    • इसके बजाय अधिक प्रोटीन (दालें, मांस, मुर्गी पालन, मछली) का सेवन किया जाना चाहिए, जो कुल दैनिक ऊर्जा का 14% (अब केवल 6-9% के बजाय) प्रदान करते हैं।
    • नमक की खपत एक दिन में 5 ग्राम तक सीमित होनी चाहिए और अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम किया जाना चाहिए जो आमतौर पर वसा, नमक और चीनी में उच्च होते हैं।
    • कुल ऊर्जा का 5% से कम चीनी का  सेवन करना चाहिए और संतुलित आहार अनाज एवं बाजरा से 45% से अधिक कैलोरी प्राप्त नहीं करनी चाहिए। 
    • कुल वसा का सेवन 30% ऊर्जा से कम या उसके बराबर होना चाहिए।
    • आवश्यक ‘पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड’ (Polyunsaturated fatty acids-PUFA) और B12 के पर्याप्त स्तर को प्राप्त करना शाकाहारियों के लिए एक चुनौती है। दिशा-निर्देशों में अलसी के बीज, चिया बीज, अखरोट, सब्जियाँ और साग के सेवन की सलाह दी गई है।
  • समूह विशिष्ट दिशा-निर्देश
    • गर्भवती महिलाएँ: गर्भवती महिलाएँ अल्प भोजन मात्र से उल्टी और मिचली का अनुभव करती है। उन्हें फल और हरी सब्जियों के सेवन करने की सलाह दी जाती हैं, विशेष रूप से ऐसे खाद्य, जिसमें आयरन और फॉलेट अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
      • बच्चों, माताओं पर ध्यान देना: माँ और बच्चे के लिए गर्भाधान से लेकर 2 वर्ष की आयु तक अधिक पोषण उचित वृद्धि और विकास से जुड़ा हुआ है। यह सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी और मोटापे सहित सभी प्रकार के कुपोषण को रोक सकता है।
    • नवजात एवं शिशु: पहले छह महीनों के लिए, शिशुओं को केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए और उन्हें शहद, ग्लूकोज या पतला दूध नहीं दिया जाना चाहिए। 6 महीने के बाद उन्हें पूरक खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाना चाहिए।
    • बुजुर्ग: बुजुर्गों को प्रोटीन, कैल्शियम, सूक्ष्म पोषक तत्त्वों और फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। 
      • दालों और अनाज के अलावा, साबुत अनाज के रूप में कम-से-कम एक तिहाई के साथ, कम-से-कम 200-400 मिलीलीटर कम वसा वाले दूध या दूध से बने उत्पाद, नट और तिलहन एवं 400-500 ग्राम सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। 
  • स्वस्थ जीवन शैली की आवश्यकता: स्वस्थ जीवन शैली का अनुसरण करके समय से पहले होने वाली मौतों के एक महत्त्वपूर्ण अनुपात को टाला जा सकता है। एक स्वस्थ आहार और शारीरिक गतिविधि टाइप 2 मधुमेह के 80% मामलों को रोक सकती है और हृदय रोग एवं उच्च रक्तचाप के बोझ को काफी कम कर सकती है।
    • अस्थि घनत्व और माँसपेशियों को बनाए रखने के लिए व्यायाम महत्त्वपूर्ण होता है।

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Final Result – CIVIL SERVICES EXAMINATION, 2023. PWOnlyIAS is NOW at three new locations Mukherjee Nagar ,Lucknow and Patna , Explore all centers Download UPSC Mains 2023 Question Papers PDF Free Initiative links -1) Download Prahaar 3.0 for Mains Current Affairs PDF both in English and Hindi 2) Daily Main Answer Writing , 3) Daily Current Affairs , Editorial Analysis and quiz , 4) PDF Downloads UPSC Prelims 2023 Trend Analysis cut-off and answer key

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.