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डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना

Lokesh Pal June 15, 2024 02:39 191 0

संदर्भ

केंद्र सरकार ने मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और उन्हें आयुष्मान भारत डिजिटल स्वास्थ्य खाते (आभा ID) से जोड़ने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना (DHIS) को एक वर्ष के लिए विस्तारित कर दिया है।

संबंधित तथ्य

  • विस्तार
    • 1 जनवरी, 2023 को शुरू की गई यह योजना, अब 30 जून, 2025 तक प्रभावी रहेगी। 

डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना 

  • परिचय
    • डिजिटल स्वास्थ्य लेनदेन को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 1 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) द्वारा यह योजना शुरू की गई थी।
    • डिजिटल स्वास्थ्य प्रोत्साहन योजना के तहत अस्पतालों, नैदानिक ​​प्रयोगशालाओं और डिजिटल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को परिवर्तनकारी डिजिटलीकरण नीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
    • यह योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बड़े दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसका उद्देश्य डिजिटल रूप से समावेशी स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
  • पात्रता
    • ABDM की हेल्थ फसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) के तहत स्वास्थ्य केंद्र (अस्पताल, डायग्नोस्टिक लैब) और पंजीकृत डिजिटल सॉल्यूशन कंपनियाँ (DSC) इस योजना में भाग लेने के लिए पात्र हैं।
  • प्रोत्साहन आकलन
    • वित्तीय प्रोत्साहन इस आधार पर तय किए जाते हैं कि कितने डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड तैयार किए गए और कितनों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खातों (ABHA) से जोड़ा गया है।
  • उपलब्धियाँ
    • प्रोत्साहन प्राप्तकर्ता: यह योजना सरकारी और निजी अस्पतालों और डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड बनाने वाली डिजिटल समाधान कंपनियों (DSC) दोनों पर लागू है। 
    • इसके तहत, प्रत्येक सुविधा या डिजिटल समाधान कंपनी 4 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन पा सकती है।

    • केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से योजना के माध्यम से प्राप्त धन के उपयोग के बारे में भी ब्योरा माँगा है।
  • योजना विस्तार का कारण
    • NHA ने अप्रैल 2023 में मौजूदा योजना में लेनदेन की सीमा कम करने जैसी कुछ छूट दी है। 
    • इसका उद्देश्य अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) और प्रयोगशाला प्रबंधन सूचना प्रणाली (LMIS) जैसे डिजिटल स्वास्थ्य समाधान प्रदाताओं को उचित मूल्य पर सही सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित करना है।
    • NHA के अनुसार, इस योजना के अच्छे परिणामों को देखते हुए इसे आगे बढ़ाया गया है।
      • यह विस्तार स्वास्थ्य सुविधाओं को उनके संचालन के लिए आवश्यक डिजिटल आवश्यकताओं को अपनाने हेतु और अधिक प्रेरित करेगा।
  • अस्पतालों पर प्रभाव
    • व्यय की प्रतिपूर्ति करने में सहायता: इस योजना से अस्पतालों को अपनी सुविधा को डिजिटल बनाने पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति करने में सहायता मिलती है। इस खर्च को अक्सर अस्पतालों के लिए डिजिटल स्वास्थ्य की ओर बढ़ने में एक बड़ी बाधा के रूप में देखा जाता है।
    • डिजिटल कामकाज संबंधी व्यवहार परिवर्तन: भौतिक कामकाज से डिजिटल कामकाज की ओर बढ़ने में व्यवहार परिवर्तन घटक भी शामिल है। यह योजना UPI को बढ़ावा देने के लिए दिए गए प्रोत्साहनों की तर्ज पर है।
      • अस्पतालों और क्लीनिकों को डिजिटल होने के लिए कंप्यूटर और लैपटॉप लगाने होंगे, इंटरनेट कनेक्शन और सॉफ्टवेयर (HMIS/LMIS) खरीदना होगा। 
  • अस्पतालों को संबंधित योजना से प्राप्त लाभ
    • सार्वजनिक डैशबोर्ड के अनुसार, 1,085 निजी और 41 DSCs (36 निजी कंपनियों सहित) सहित 4,005 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं ने इस योजना के लिए पंजीकरण कराया है। 
    • DHIS की देखरेख करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुसार, 83 निजी स्वास्थ्य सुविधाओं सहित 584 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और 10 निजी कंपनियों सहित 12 DSCs ने इस योजना का लाभ उठाया है।
    • वित्त आवंटन
      • अब तक लगभग 34.5 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं, जिनमें से 24.91 करोड़ रुपये स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं (सार्वजनिक सुविधाओं के लिए 24.24 करोड़ रुपये और निजी सुविधाओं के लिए 66.88 लाख रुपये) और 9.59 करोड़ रुपये DSCs (सार्वजनिक DSCs को 6.34 करोड़ रुपये और निजी DSCs को 3.25 करोड़ रुपये) को आवंटित किए गए हैं।
  • मरीजों को लाभ
    • DHIS देखभाल प्रदाताओं को डिजिटल बनने के लिए सक्षम बनाता है, जिससे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और रोगियों के लिए अधिक सुविधा प्राप्त होती है। 
    • डिजिटल लेनदेन को सक्षम करके रोगी का प्रतीक्षा समय कम हो जाता है। 
    • रोगी एक क्यूआर कोड स्कैन कर सकते हैं और त्वरित ओपीडी पंजीकरण का लाभ उठा सकते हैं। 
    • वे अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को सुरक्षित रूप से देख, एक्सेस और देखभाल प्रदाताओं के साथ साझा भी कर सकते हैं।
    • इस योजना के बिना, अस्पतालों को डिजिटलीकरण की लागत मरीजों से वसूलने की संभावना थी।
    • डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखने से, मरीजों के रिकॉर्ड खोने के कारण बार-बार एक ही परीक्षण करवाने की संभावना कम हो जाती है, खासकर प्रवासी श्रमिकों और एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करने वाले मरीजों के मामले में।
  • आभा ID और उसका उद्देश्य
    • आभा ID लोगों की एक अद्वितीय पहचान है, जो बिल्कुल आधार ID की तरह है।
      • यह किसी को अपने मेडिकल रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से संगृहीत और साझा करने की अनुमति देता है। 
      • NHA के अनुसार, अब तक लगभग 64 करोड़ आभा ID बनाए जा चुके हैं।
    • एक बार ID बन जाने के बाद, जब भी कोई मरीज डिजिटल ढाँचे से जुड़े केंद्रों पर स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाता है तो उसके सभी रिकॉर्ड इससे जुड़ जाते हैं। 
    • फिर इस आईडी का प्रयोग डॉक्टर के नुस्खे, डायग्नोस्टिक टेस्ट के नतीजे जैसे स्वास्थ्य सेवा रिकॉर्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर करने, एक्सेस करने और शेयर करने के लिए किया जा सकता है।

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