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Lokesh Pal June 01, 2024 04:28 188 0
चक्रवात रेमल के बाद उत्तर-पूर्व और पश्चिम बंगाल क्षेत्र में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के रूप में व्यापक क्षति हुई है, जिससे आपदा प्रबंधन प्रणाली का उन्नयन एवं उसमें सुधार की माँग को पुनः संबोधित किया गया है।
विस्थापन और तबाही का कारण बनने वाली प्राकृतिक आपदाओं को रोका नहीं जा सकता है, इसलिए कुछ अनुकूलन उपायों को अपनाकर भविष्य में समुदायों एवं समाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
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